गुरुवार शाम को भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत के रोने के वीडियो को देखने के बाद किसानों के आंदोलन ने फिर से जोर पकड़ लिया है। पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश की पंचायतें अब किसान आंदोलन को बढ़-चढ़कर आगे बढ़ाना चाह रही हैं। चरखी दादरी में खाप ने तो मामले में सख्त रुख अपना लिया है। खाप ने फैसला लिया है कि गांव के हर परिवार का एक आदमी 3 दिन के लिए दिल्ली बॉर्डर पर धरने प्रदर्शन में शामिल होगा। ऐसा न करने पर परिवार पर खाप जुर्माना लगाएगी। वहीं खाप ने भारतीय जनता पार्टी और जननायक जनता पार्टी के नेताओं का सामाजिक बहिष्कार करने का भी फैसला किया है। खाप ने सख्त लहजे में कहा है कि अगर इन पार्टियों का कोई नेता उनके यहां आया तो वे उसके कपड़े फाड़ देंगे।
मालूम हो कि फोगाट खाप की तरफ से सभी जातियों की पंचायत बुलाई गई थी। सभी ने मिलकर सरकार के के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी की है। खाप की महापंचायत में भारतीय जनता पार्टी और जननायक जनता पार्टी के नेताओं के बहिष्कार का भी फैसला लिया गया। सर्वजातीय पंचायत ने फैसला लिया है कि सभी गांवों में भाजपा और जजपा के नेताओं को घुसने नहीं दिया जाएगा।
खाप के एक नेता ने बताया कि अगर इन पार्टी का नेता गांव में दाखिल होता है तो उसके कपड़े फाड़ दिए जाएंगे। खाप नेताओं ने बताया कि किसान मिलकर किसान आंदोलन को मजबूत करने का काम करेंगे। गांव वालों ने कमर कस ली है और वे अब पीछे हटने वाले नहीं हैं।
सर्वजातीय दाड़न खाप चबूतरा पालवां की शुक्रवार को हुई बैठक में फैसला किया गया कि तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे प्रदर्शन में शामिल होने के लिए हर गांव से लोगों को भेजा जाएगा। खाप के प्रधान दलबीर खेड़ी मंसानिया की अध्यक्षता में खाप के चबूतरे पर हुई बैठक में गणतंत्र दिवस पर लाल किला परिसर में हुई घटना की जांच उच्चतम न्यायालय के किसी सेवानिवृत्त न्यायाधीश से कराए जाने की मांग की गई।
बैठक में किसानों पर दर्ज मामलों को रद्द करने और दिल्ली पुलिस द्वारा पकड़े गए ट्रैक्टरों को छोड़ने की मांग भी की गई। इस दौरान वक्ताओं ने आरोप लगाया कि सरकार किसान आंदोलन को बदनाम करना चाहती है। खाप से जुड़े सूत्रों ने बताया कि बैठक में फैसला किया गया कि खाप हर गांव से लोगों को दिल्ली बॉर्डर पर चल रहे प्रदर्शन में भेजेगी।
उन्होंने कहा कि बैठक में फैसला किया गया कि हर गांव के हर परिवार से एक सदस्य इस आंदोलन में हिस्सा लेगा। बैठक में किसान नेता राकेश टिकैत की सराहना की गई। खाप महासचिव आजाद पालवां ने कहा कि युवाओं को चाहिए कि वे आंदोलन में संयम बरतें क्योंकि यह लड़ाई संयम और अनुशासन से लड़नी है। इस दौरान खाप प्रधान मंसानिया ने कहा कि किसान शांतिपूर्ण ढंग से अपने हक की मांग को लेकर धरना दे रहे हैं और सभी लोग किसान नेता राकेश टिकैत के साथ हैं।
वहीं, करसिंधु गांव में हुई एक बैठक में लोगों ने अधिक से अधिक ट्रैक्टर लेकर दिल्ली बॉर्डर पहुंचने का फैसला किया। उल्लेखनीय है कि गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में किसान ट्रैक्टर परेड में क्षेत्र से सर्वाधिक ट्रैक्टर करसिंधु गांव से गए थे। इसके साथ ही उचाना कलां गांव में भी ग्रामीणों की बैठक हुई जिसमें हर परिवार से एक व्यक्ति की भागीदारी किसान आंदोलन में सुनिश्चित करने का निर्णय लिया गया।
वहीं, काकड़ोद गांव में हुई पंचायत में भी किसान आंदोलन को मजबूती देने का फैसला किया गया। इसके साथ ही 30 जनवरी को जिले की खाप-पंचायतों की बैठक बुलाई गई है।
बता दें कि आज 200 से ज्यादा लोगों के एक समूह ने सिंघू बॉर्डर पर किसानों के विरोध प्रदर्शन की जगह पर पत्थरबाजी की और किसानों के टेंटों को उखाड़ने की कोशिश की। इस दौरान दो पुलिस कर्मी घायल हो गए। एक पुलिसकर्मी झड़प के दौरान तलवार से घायल हो गया। गणतंत्र दिवस की हिंसा के बाद से बनी हुई तनाव की स्थिति के बीच आज दोपहर सिंघू बॉर्डर पर हिंसा हुई।