नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों और सरकार के बीच बातचीत अभी किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है। सरकार ने मंगलवार को नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों द्वारा उठाए गए मुद्दों पर गौर करने के लिए एक समिति गठित करने की पेशकश की है।
इस बीच टीवी पर डिबेट में किसानों को मनाने की कोशिश के सवाल पर भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि किसानों के मुद्दे को लेकर सरकार की नीयत साफ है। उन्होंने कहा कि जब नीयत गंगा जल की तरह साफ हो तो रास्ते भी बन जाते हैं। भाटिया ने पीएम नरेंद्र मोदी के भाषण का हवाला दिया जिसमें पीएम ने कहा था कि किसान हमारे देश की रीढ़ की हड्डी हैं और उनके हित में हम लोग प्रयास करते रहेंगे। भाजपा प्रवक्ता इस दौरान यूपीए सरकार पर निशाना साधने से भी नहीं चुके।
भाजपा प्रवक्ता ने कांग्रेस पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा कि मंजिल मिल ही जाएगी चाहे थोड़ा समय ही सही…गुमराह तो वो हैं जो इटली में हैं। इस एंकर ने भाजपा प्रवक्ता को टोकते हुए कहा कि अभी आप इटली नहीं बल्कि सिंधु बॉर्डर की चिंता कीजिए। एंकर का आशय बॉर्डर पर मौजूद भारी संख्या में किसानों की तरफ था।
एंकर ने कहा कि आप इटली की चिंता में पड़े हैं और किसान आपकी चिंता को बढ़ा रहे हैं। इस भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि जब अपनों की जायज बात होती है तो उसमें चिंता की कोई बात नहीं होती है। उन्होंने कहा कि किसान अपने मन की बात कहेंगे और हम लोग कोई ना कोई हल जरूर निकाल लेंगे।
#AarPaar किसानों से वार्ता निकलेगा रास्ता ? pic.twitter.com/vbUJQbINGp
— @HindiNews18 (@HindiNews18) December 1, 2020
गौरव भाटिया ने कहा कि यूपीए सरकार ने साल 2006 से 2014 तक स्वामिनाथ समिति की एमएसपी से जुड़ी सिफारिशों को लागू नहीं किया। भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि डेढ़ गुणा एमएसपी किसने दिया, हमने दिया। भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि यह तीनों कानून यह सुनिश्चित करते हैं कि मंडी के बाहर किसानों को एक और बाजार मिलेगा।
उन्होंने कहा कि यह किसानों के हित में है और इससे बिचौलियों को दर्द हो रहा है। भाजपा नेता ने कहा कि एक भ्रम फैलाया जा रहा है कि एमएसपी समाप्त होगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री से लेकर कृषि मंत्री एमएसपी की बात कह चुके हैं। एनडीए सरकार ने पहले ही इस साल की एमएसपी घोषित कर दी है। ऐसे में एमएसपी समाप्त होने का तो कोई तात्पर्य ही नहीं है।