चुनाव आयोग (EC) ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को दिशानिर्देश दिए हैं। चुनाव आयोग ने दोनों दलों के अध्यक्षों को उनके दलों के स्टार प्रचारकों को अपने भाषण को सही करने, सावधानी बरतने और मर्यादा बनाए रखने के लिए औपचारिक नोट जारी करने का निर्देश दिया है।

जाति-धर्म के आधार पर न करें प्रचार- चुनाव आयोग

बता दें कि चुनाव प्रचार के दौरान स्टार प्रचारकों ने जाति, समुदाय, धर्म और भाषा के आधार पर प्रचार किया और इसी को लेकर चुनाव आयोग सख्त हुआ है। चुनाव आयोग ने दोनों दलों के स्टार प्रचारकों को निर्देश दिया है कि वह धार्मिक और सांप्रदायिक भाषणों से दूर रहें। चुनाव आयोग ने यह भी कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान ऐसे भाषण ना दे, जिससे समाज में बंटवारा पैदा हो।

चुनाव आयोग ने कांग्रेस को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि प्रचार के दौरान ऐसे भाषण ना दें, जो गलत धारणाएं पैदा करें। चुनाव प्रचार के दौरान अग्निवीर योजना पर बोलते समय कांग्रेस को इसका राजनीतिकरण न करने और सुरक्षा बलों की सामाजिक और आर्थिक संरचना के बारे में गलत बयान न देने के लिए कहा है।

चुनाव आयोग ने कहा कि भाजपा और कांग्रेस को भारतीय मतदाताओं की विरासत को कमजोर करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। चुनाव आयोग ने कहा है कि सत्ताधारी पार्टी को चुनाव के समय अतिरिक्त जिम्मेदारी मिलनी चाहिए और विपक्ष के लिए भी अतिरिक्त जगह नहीं होनी चाहिए।

मल्लिकार्जुन खड़गे ने चुनाव आयोग को लिखा था पत्र

बता दें कि कुछ दिन पहले ही कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने विपक्षी दलों के नेताओं को पत्र लिखा था और चुनाव आयोग पर कुछ सवाल उठाए थे। मल्लिकार्जुन खड़गे ने पहले और दूसरे चरण में हुए मतदान के बाद वोटिंग परसेंटेज में बढ़ोतरी को लेकर सवाल उठाए थे। हालांकि इसका जवाब भी चुनाव आयोग ने दिया था और कहा था कि कांग्रेस अध्यक्ष को ऐसा भ्रम नहीं फैलाना चाहिए क्योंकि इससे मतदाताओं का चुनाव प्रक्रिया पर विश्वास कमजोर होता है।

खड़गे ने अपने पत्र में लिखा था कि पहले और दूसरे चरण के मतदान प्रतिशत में 5-6% की वृद्धि हुई है। उन्होंने यह भी लिखा था कि चुनाव आयोग में लोगों का विश्वास कम हो रहा है।