दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की डाइट को लेकर हंगामा मचा हुआ है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आरोप लगाया है कि केजरीवाल जेल के अंदर ऐसी चीज खा रहे हैं, जो टाइप टू डायबिटीज के लिए हानिकारक है। इस बीच अरविंद केजरीवाल ने राउज एवेन्यू कोर्ट में याचिका दायर की और मांग की है कि उन्हें जेल के अंदर इंसुलिन दी जाए। कोर्ट में इस पर सुनवाई हुई और फैसला सोमवार के लिए सुरक्षित रख लिया गया।
ईडी के आरोपों पर केजरीवाल के वकील ने कहा कि अब तक उन्हें घर से 48 बार खाना भेजा गया है, जिसमें से तीन बार ही आम भेजे गए हैं। केजरीवाल के वकील ने कहा कि 8 मार्च के बाद से उन्होंने आम नहीं खाया। केजरीवाल के वकील ने यह भी कहा कि वह तिहाड़ जेल के अंदर शुगर फ्री मिठाई खा रहे हैं और अब तक उन्होंने इसे छह बार ही खाया है।
अरविंद केजरीवाल के वकील ने कहा कि जेल के अंदर केजरीवाल ने सिर्फ एक बार ही आलू पूड़ी खाई है और वह भी नवरात्रि का प्रसाद था। साथ ही उन्होंने कहा कि शुगर लेवल कंट्रोल करने के लिए 1 अप्रैल के बाद से केवल टॉफी और केले खा रहे हैं, जबकि मीठी चाय पीने का दावा पूरी तरह से गलत है।
रोजाना मीठी चाय पी रहे हैं केजरीवाल- ईडी
ईडी ने आरोप लगाया है कि अरविंद केजरीवाल जेल के अंदर रोजाना मीठी चाय पी रहे हैं और मिठाई खा रहे हैं। ईडी ने केजरीवाल के पिछले 17 दिन का डाइट चार्ट भी जारी किया है। हालांकि ईडी के आरोपों पर केजरीवाल के वकील ने आपत्ति जताई और कहा कि यह सब केवल मीडिया में सुर्खियां बटोरने के लिए किया जा रहा है।
ईडी के आरोप के अनुसार केजरीवाल जेल में ऐसा खाना खा रहे हैं, जिनसे उनका ब्लड शुगर लेवल बढ़ सकता है। बाद में वह इसी आधार पर कोर्ट से मेडिकल ग्राउंड पर जमानत मांग सकते हैं। बता दें कि जेल में भी केजरीवाल को घर से रोजाना खाना जाता है और उन्हें इसकी परिमशन कोर्ट ने दे रखी है।
केजरीवाल ने ट्रायल कोर्ट में एक याचिका दायर कर हफ्ते में तीन दिन डॉक्टर्स से वर्चुअल परामर्श की अनुमति मांगी थी। इसी के जवाब में ईडी ने केजरीवाल का डाइट चार्ट पेश कर दिया। हालांकि बाद में केजरीवाल के वकील ने कोर्ट में कहा कि अभी वो इस याचिका को वापस लेना चाहते हैं
क्या होता है टाइप 2 डायबिटीज?
टाइप 2 डायबिटीज में पेंक्रियाज में जरूरत के हिसाब से इंसुलिन नहीं बनता है या ठीक से काम नहीं करता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स खराब लाइफस्टाइल और अनहेल्दी खानपान को टाइप 2 डायबिटीज के शुरुआती कारणों में से सबसे अहम बताते हैं। अधिक चिंता की बात यह है कि दुनिया में फिलहाल डायबिटीज का कोई ज्ञात इलाज नहीं है, ऐसे में इस गंभीर बीमारी से पीड़ित शख्स की जरा सी भी चूक के चलते कई बार उसे अस्पताल तक का रुख करना पड़ता है।