China: चीन हर हाल में भारत और उसके पड़ोसी देशों पर अपनी पकड़ बनाना चाहता है और इसके लिए वह CAA-NRC जैसे मुद्दों को भुनाने की कोशिश कर रहा है। चीन की बढ़ती आर्थिक और सैन्य ताकत, भारत के अपने पड़ोसियों पर हावी होने के रवैये के साथ ही एनआरसी और सीएए जैसे मुद्दों ने भारत और उसके पड़ोसियों के बीच एक खाई पैदा कर दी है। चीन इस दीवार का इस्तेमाल अपने क्षेत्रीय प्रभाव को बढ़ाने के लिए कर रहा है।

CAA का फायदा उठाना चाहता है चीन

इस बात की जानकारी हाल ही में संपन्न हुए एक सम्मेलन के दौरान आईपीएस अधिकारियों, डीजीपी और आईजीपी ने दी है। इंटेलिजेंस ब्यूरो द्वारा इस महीने आयोजित इस सम्मेलन में देश भर के शीर्ष पुलिस अधिकारियों के अलावा पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने भाग लिया था वहीं, पूर्वोत्तर के एक आईजी-रैंक के अधिकारी का कहना है कि नेशनल रजिस्टर ऑफ़ सिटिज़न्स (NRC) और नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के खिलाफ विरोध ने चीन के लिए बांग्लादेश में प्रवेश के रास्ते खोल दिए हैं।

एक अन्य अधिकारी का कहना है कि भारत के अपने पड़ोसियों के साथ बिग ब्रदर एटीट्यूड (Big Brother Attitude) ने नेपाल को अलग-थलग कर दिया है।

पड़ोसी देशों को भारत के खिलाफ करने में लगा China

सम्मेलन के दौरान ‘पड़ोस में चीनी प्रभाव और भारत के लिए निहितार्थ (Chinese influence in the neighbourhood and implications for India) विषय के तहत एक दर्जन से अधिक पत्र प्रस्तुत किए गए। अधिकांश अधिकारियों ने तर्क दिया कि एक ओर चीन के आर्थिक और सैन्य विस्तार का भारत के पड़ोसियों के साथ उसके संबंधों पर प्रभाव पड़ सकता है। वहीं, दूसरी ओर चीन खुद भी इन देशों को भारत के खिलाफ करने में जुट गया है।

Bangladesh से बढ़ा रहा है साठगांठ

बांग्लादेश में चीनी प्रभाव के बारे में बात करते हुए एक पेपर के मुताबिक, नेपाल और श्रीलंका जैसे भारत के सभी मित्रवत पड़ोसियों को निशाना बनाने के बाद चीन ने अब बांग्लादेश पर ध्यान केंद्रित करना शुरू कर दिया है। CAA के प्रभाव पर जोर देते हुए पेपर ने कहा, “बांग्लादेश को आशंका है कि भारत एनआरसी के तहत सभी अवैध विदेशियों को बांग्लादेश की ओर धकेल देगा। सीएए पारित करने के तुरंत बाद चीन ने अपने शुल्क-मुक्त और कोटा-मुक्त कार्यक्रम के तहत चीन को बांग्लादेश के 97% निर्यात की अनुमति दी है।”

China और Bangladesh के बीच बढ़ती निकटता

पेपर के मुताबिक, “चीन ने पूर्वी बांग्लादेश के सिलहट में एक हवाई अड्डे ढाका के पास एक मेगा स्मार्ट सिटी बनाने की पहल की है और भारत अब देश के खिलाफ कुछ आकर्षक बुनियादी ढांचे और कनेक्टिविटी परियोजनाओं को सौंपने के लिए ढाका पर चीन के दबाव के बारे में चिंतित है।” पेपर के मुताबिक, चीनी टैंकों, फ्रिगेट्स, पनडुब्बियों और लड़ाकू विमानों के अलावा बीजिंग ने 2002 के रक्षा समझौते के तहत ढाका को कई सैन्य उपकरण भी प्रदान किए हैं।

वहीं, एक आईपीएस अधिकारी ने पेपर में सीएए के संदर्भ में चीन और बांग्लादेश के बीच बढ़ती निकटता को दर्शाया गया है। जिसके मुताबिक, भारत के वर्तमान बांग्लादेश शासन के साथ अच्छे संबंध हैं लेकिन आने वाले समय में चीन ‘भारत-विरोधी’ भावना को हवा दे सकता है।