Heatwave Update: दिल्ली समेत देश के विभिन्न हिस्से फिलहाल चिलचिलाती गर्मी से जूझ रहे हैं। कहा जा रहा है कि इस अप्रैल में गर्मी का रिकॉर्ड टूट जाएगा, जबकि कई जगह ऑरेंज अलर्ट जारी कर दिया गया है। वहीं, कई जगह पारा 46 डिग्री सेल्सियस के पार चला गया। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के मुताबिक, राष्ट्रीय राजधानी में शुक्रवार (29 अप्रैल, 2022) को भी भीषण लू चलने और अधिकतम तापमान के 44 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने का पूर्वानुमान है। दिल्ली में शुक्रवार को न्यूनतम तापमान सामान्य से दो डिग्री अधिक 25.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

आईएमडी के सुबह साढ़े आठ बजे के बुलेटिन के अनुसार, ‘‘पश्चिम मध्य प्रदेश, विदर्भ और जम्मू, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पूर्वी मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड के कुछ हिस्सों, पश्चिम बंगाल के पश्चिमी हिस्सों, तेलंगाना और ओडिशा में लू चलने की संभावना है।’’ आईएमडी की ओर से यह भी कहा गया कि सुबह साढ़े आठ बजे हवा में आर्द्रता का स्तर 28 प्रतिशत रहा।

इस बीच, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु गुणवत्ता पूर्वानुमान एवं अनुसंधान प्रणाली (सफर) की ओर से जानकारी दी गई कि शहर में शुक्रवार को वायु गुणवत्ता ‘खराब’ श्रेणी में रही। सुबह नौ बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 304 रहा।

शून्य से 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा’, 51 से 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 से 200 को ‘मध्यम’, 201 से 300 को ‘खराब’, 301 से 400 के बीच ‘बहुत खराब’ तथा 401 से 500 के बीच एक्यूआई को ‘गंभीर’ माना जाता है।

“कुछ हिस्सों में अगले पांच दिनों में बढ़ेगा लू का प्रभाव”: आईएमडी बोला है- देश के बड़े हिस्से में जारी लू के प्रकोप में अगले पांच दिनों में और वृद्धि हो सकती है। राजस्थान, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों के लिए “ऑरेंज” अलर्ट जारी हुआ है। वहीं, उत्तर-पश्चिम क्षेत्र में तापमान में दो डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी की बात कही। विभाग ने आगे कहा, “अगले दो दिनों के दौरान उत्तर पश्चिम भारत के अधिकांश हिस्सों में अधिकतम तापमान में लगभग दो डिग्री सेल्सियस की वृद्धि की आशंका है और उसके बाद कोई महत्वपूर्ण बदलाव नहीं होगा।”

दिल्ली में पारा 43.5 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचा, 12 साल में अप्रैल का सबसे गर्म दिन: दिल्ली ने बुधवार को भीषण गर्मी का सामना किया और सफदरजंग वेधशाला में अधिकतम तामपान 43.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो गत 12 साल में अप्रैल महीने में सबसे अधिक है। राष्ट्रीय राजधानी में इससे पहले 18 अप्रैल 2010 को सबसे अधिक 43.7 डिग्री तापमान दर्ज किया गया था, जबकि 29 अप्रैल 1941 को अधिकतम तापमान 45.6 डिग्री दर्ज किया गया था। यह अप्रैल महीने में अब तक का सर्वाधिक तापमान का रिकॉर्ड है। उल्लेखनीय है कि सफदरजंग वेधशाला में दर्ज आंकड़ों को पूरी दिल्ली के लिए मानक माना जाता है। दिल्ली के स्पोर्ट काम्प्लेक्स में 46 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया जो राष्ट्रीय राजधानी का सबसे गर्म स्थान रहा।

दिल्ली-यूपी समेत कई सूबों में अप्रैल के अंत में दिन में चिलचिलाती धूप ने लोगों को बाहर निकलने के दौरान काफी सताया। इस दौरान किसी ने खुद को दुपट्टे, कपड़े, गमछे से बचाने की कोशिश की, जबकि कोई पानी की ठंडी बोतल का सहारा लेता नजर आया। (फोटोज़ः पीटीआई)

47 डिग्री के पार यहां पहुंच सकता है पारा: झारखंड, पंजाब, राजस्थान, गुजरात, उत्तर प्रदेश, बिहार, ओडिशा और मध्य प्रदेश में बुधवार को अधिकतम तापमान सामान्य से 3.1 डिग्री सेल्सियस से पांच डिग्री सेल्सियस अधिक रहा। मध्य प्रदेश के राजगढ़ में पारा 45.6 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया। मौसम विशेषज्ञों ने कहा कि उत्तर पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों में पारा 47 डिग्री सेल्सियस के पार तक पहुंच सकता है। स्वतंत्र मौसम विज्ञानी नवदीप दहिया ने कहा, “चुरू, बाड़मेर, बीकानेर और श्री गंगानगर जैसे स्थानों पर अधिकतम तापमान 45 डिग्री सेल्सियस सामान्य है, लेकिन उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में अप्रैल के अंत तक 45-46 डिग्री सेल्सियस काफी असामान्य है।”

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मप्र-यूपी के साथ राजस्थान समेत 18 सूबों के 20 शहरों में पारा 45 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच गया, जबकि यूपी के प्रयागराज में पारा 46 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। हाथरस में गुरुवार को पारा 46 के पार चला गया था। वहीं, म.प्र के राजगढ़, खजुराहो और नौगांव में यह 46 के आसपास पहुंच गया था।

क्या है लू और भीषण लू?: मौसम विभाग ने बताया कि मैदानी इलाकों में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक या सामान्य से 4.5 डिग्री सेल्सियस अधिक होने पर गर्म हवाओं को ‘लू’ घोषित किया जाता है। सामान्य से 6.4 डिग्री अधिक तापमान होने पर ‘भीषण लू’ की घोषणा की जाती है।

कोयला संकट के बीच बिजली की मांग रिकॉर्ड 204 गीगावॉट के पार: उधर, अखिल भारतीय स्तर पर बिजली की मांग या एक दिन में सबसे अधिक आपूर्ति गुरुवार को 204.65 गीगावॉट के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई। देश के ज्यादातर हिस्सों में पारा चढ़ने के साथ बिजली की मांग बढ़ी है। समाचार एजेंसी पीटीआई को एक सूत्र ने बताया, ‘‘अप्रैल, 2022 में 28 अप्रैल 2:50 बजे तक अधिकतम बिजली की मांग 12.1% बढ़कर 204.653 गीगावॉट पर पहुंच गई। एक साल पहले की समान अवधि में यह 182.559 गीगावॉट रही थी।’’ वहीं, मंगलवार को बिजली की मांग 201.06 गीगावॉट के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंची थी। इसने पिछले साल के 200.53 गीगावॉट के रिकॉर्ड को तोड़ा था। यह रिकॉर्ड सात जुलाई, 2021 को दर्ज हुआ था।

दिल्ली में बिजली की मांग अप्रैल में पहली बार पहुंची 6,000 मेगावाट: दिल्ली में तापमान बढ़ने के साथ बिजली की मांग अप्रैल के महीने में पहली बार बृहस्पतिवार को 6,000 मेगावाट पहुंच गई। बिजली वितरण कंपनी (डिस्कॉम) के एक अधिकारी ने बताया, ‘‘अप्रैल में पहली बार, दिल्ली में बिजली की मांग 6,000 मेगावाट पर पहुंची है। यह बुधवार के 5,769 मेगावाट की तुलना में 3.7 प्रतिशत अधिक है। ’’ ‘स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर’ दिल्ली के आंकड़ों के मुताबिक, राष्ट्रीय राजधानी में बिजली की मांग दोपहर तीन बज कर 31 मिनट पर 6,000 मेगवाट थी।