Delhi NCR Weather: दिल्ली में वायु प्रदूषण के चलते हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। दिवाली के बाद से यह संकट तेज़ी से बढ़ा है। अक्तूबर के अंत से ही राजधानी की हवा में जहरीले तत्वों की मात्रा खतरनाक स्तर तक पहुंच गई थी, और इसे “गैस चैंबर” तक कहा जाने लगा था। दिल्ली-एनसीआर में कई इलाकों का एक्यूआई 400 से ऊपर चला गया है, जो स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक है। राजधानी के बवाना, वजीरपुर और जहांगीरपुरी जैसे इलाकों में एक्यूआई क्रमशः 414, 421 और 397 दर्ज किया गया। मंगलवार को दिल्ली का 24 घंटे का औसत एक्यूआई 373 था, जो गंभीर श्रेणी में आता है।

दिल्ली से सटे यूपी के कई जिलों में भी वायु गुणवत्ता में भारी गिरावट

दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के कई जिलों में भी वायु गुणवत्ता में गिरावट आई है। गाजियाबाद, नोएडा, लखनऊ, मेरठ, और आगरा जैसे शहरों में एक्यूआई का स्तर खतरनाक श्रेणी में है। गाजियाबाद और नोएडा जैसे शहरों में पर्यावरण और स्वास्थ्य के लिए गंभीर संकट उत्पन्न हो गया है। यूपी सरकार ने ‘क्लीन एयर मैनेजमेंट प्राधिकरण’ के गठन की घोषणा की है, जो प्रदूषण से निपटने के लिए विभिन्न विभागों का सहयोग करेगा।

घर से बाहर निकलने पर एन95 मास्क लगाने की सलाह

दिल्ली और यूपी की जहरीली हवा का सबसे अधिक असर बच्चों, बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं पर हो रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि प्रदूषण का स्तर 100 से ऊपर होते ही गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए। यदि बाहर जाना आवश्यक हो तो एन95 मास्क का उपयोग करें और घर के अंदर एयर प्यूरीफायर का प्रयोग करें। इसके साथ ही डॉक्टरों ने सुबह की सैर और रनिंग से परहेज करने की सलाह दी है।

दिल्ली और उत्तर प्रदेश में प्रशासन द्वारा प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं। दिल्ली सरकार की ओर से सार्वजनिक स्थलों पर पानी का छिड़काव, निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध और वाहनों पर निगरानी जैसी गतिविधियां चल रही हैं। वहीं, यूपी सरकार ने क्लीन एयर मैनेजमेंट प्राधिकरण का गठन किया है, जो प्रदूषण नियंत्रण के लिए रणनीतियों को लागू करेगा।

पाकिस्तान का लाहौर बना दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर

प्रदूषण की समस्या केवल दिल्ली या उत्तर भारत के अन्य शहरों तक सीमित नहीं है। पाकिस्तान का लाहौर इस समय दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल है, जहां का एक्यूआई 1000 से 1900 के बीच बना हुआ है। लाहौर में बढ़ते प्रदूषण के चलते “ग्रीन लॉकडाउन” लागू किया गया है, जिसमें कई कड़े प्रतिबंध लगाए गए हैं। इसके तहत प्राइमरी स्कूल एक हफ्ते के लिए बंद हैं, 50% कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम करना होगा और पेट्रोल-डीजल से चलने वाले वाहनों पर पूर्ण प्रतिबंध है। लाहौर की इस स्थिति ने दिल्ली की वायु गुणवत्ता पर चिंता और बढ़ा दी है, क्योंकि यहां भी प्रदूषण का स्तर लगातार खतरनाक बना हुआ है।

प्रदूषण के इस गंभीर स्तर को देखते हुए लोगों से अपील की जा रही है कि वे बाहर निकलने से पहले मास्क पहनें, अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें और सरकार द्वारा जारी दिशानिर्देशों का पालन करें।

एक्यूआई 0 से 50 के बीच हो तो हवा को अच्छा माना जाता है, 51 से 100 मध्यम, 101 से 200 खराब, 201 से 300 बहुत खराब, 301 से 400 गंभीर और 401 से 500 तक बेहद खतरनाक श्रेणी में आता है। दिल्ली-एनसीआर के कई इलाकों में यह सूचकांक 400 पार कर चुका है, जो इस क्षेत्र में जनजीवन पर गंभीर प्रभाव डाल रहा है।