सौरव रॉय बर्मन और आस्था सक्सेना की रिपोर्टः
देश में कोरोनावायरस के मामले बढ़ने के साथ ही राजधानी दिल्ली में भी नए केसेज की संख्या लगातार बढ़ रही है। एक दिन पहले तक दिल्ली में कोरोना के रिकॉर्ड 500 नए मामले दर्ज हुए, जिससे कोरोना संक्रमितों की कुल संख्या 10,554 पर पहुंच गई। हालांकि, इस बीच राजधानी में कोरोना से प्रभावित इलाकों की संख्या में कमी आई है। केंद्र शासित प्रदेश में पिछले हफ्ते की तुलना में कंटेनमेंट जोन की संख्या 97 से घटाकर 66 कर दी गई है।
दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग की तरफ से मंगलवार को सभी डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट्स को जारी हुए पत्र में कहा गया कि भले ही राजधानी में कोरोना से पीड़ितों की संख्या बढ़ रही हो। लेकिन कंटेनमेंट जोन्स में लगातार गिरावट आ रही है। दिल्ली की स्वास्थ्य सचिव पद्मिनी सिंह ने सभी डीएम को निर्देश दिए कि वे अपने क्षेत्रों में पॉजिटिव केसों की पहचान करें और गाइडलाइंस के मुताबिक, कंटेनमेंट जोन का निर्धारण करें। इस आदेश को दिल्ली के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी, उपराज्यपाल के सेक्रेटरी और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सेक्रेटरी को भी भेजा गया है।
Lockdown 4.0 Guidelines in Hindi
गौरतलब है कि ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ ने 15 मई को ही बताया था कि दिल्ली में पिछले दो हफ्ते में पीड़ितों की संख्या बढ़ने के बावजूद कंटेनमेंट जोन्स की संख्या कम हुई है। तब एक अधिकारी ने बताया था कि अगर कंटेनमेंट जोन घोषित करने की पुरानी नीति अपनाई जाती, तो अब तक कई और इलाके सील हो चुके होते।
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हालांकि, स्वास्थ्य सचिव की ओर से जारी नए आदेश के मुताबिक, “कोरोनावायरस के फैलाव के डेटा को पढ़ने के बाद सामने आया है कि हर दिन 300-400 नए केस बढ़ रहे हैं। लेकिन डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट इस लिहाज से कंटेनमेंट जोन्स की संख्या में वृद्धि नहीं कर रहे, जबकि गाइडलाइंस में साफ है कि जहां भी कोरोनावायरस से जुड़े तीन या इससे ज्यादा केस कम दूरी पर मिलेंगे, उस जगह को कंटेनमेंट जोन घोषित करना अनिवार्य होगा।”
स्वास्थ्य विभाग की गाइडलाइंस के मुताबिक, किसी भी इलाके को वहां के कोरोनावायरस मरीजों, उनके संपर्क में आने वाले लोग और संक्रमण के फैलाव के आधार पर कंटेनमेंट जोन घोषितकरना जरूरी है। नए आदेश के मुताबिक, किसी भी इलाके को कंटेनमेंट जोन घोषित करने की महत्ता काफी ज्यादा है, क्योंकि इससे ही तय होता है कि उस जगह पर किन गतिविधियों की छूट दी जा सकती है और वहां किस तरह के नियम लागू होने चाहिए, क्योंकि इन जगहों पर आमतौर पर सिर्फ अहम चीजों की घर पर ही डिलीवरी होती है।

