उत्तर-पश्चिमी दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में हनुमान जयंती पर पथराव के बाद पुलिस एक्शन में नजर आ रही है। पुलिस ने दंगे फैलाने, हत्या की कोशिश और आर्म्स एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही करनी शुरू कर दी है। पुलिस ने अब तक इस मामले में 21 लोगों और 2 नाबालिगों को गिरफ्तार किया है जिनसे 3 देसी तमंचे और 5 तलवारों को बरामद किया गया है। वहीं, जहांगीरपुरी हिंसा की निष्पक्ष जांच के लिए एक वकील की ओर सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखा गया है।

मुख्य आरोपियों को किया गिरफ्तार: दिल्ली पुलिस की ओर से हिंसा के मुख्य आरोपी अंसार गिरफ्तार कर लिया गया है। अंसार पर आरोप है कि उसी ने हनुमान जयंती पर निकल रही शोभायात्रा में चार से पांच लोगों के साथ जाकर बहस की, जिसके बाद इलाके में हिंसा शुरू हो गई। इसके साथ ही पुलिस सब-इंस्पेक्टर मेदालाल मीणा पर गोली चलाने वाले असलम को भी गिरफ्तार कर लिया है। उससे हिंसा के दौरान इस्तेमाल हुई तमंचे को बरामद कर लिया है।

उत्तर पश्चिम जिले की डीसीपी उषा रंगनानी ने कहा कि “जांच के दौरान पुलिस ने मुख्य साजिशकर्ता अंसार को गिरफ्तार किया है जो जहांगीरपुरी के बी ब्लॉक में रहता है। इससे पहले भी उस पर दो मुकदमें दर्ज है। वह पहले भी अलग-अलग धाराओं में पांच बार गिरफ्तार किया जा चुका है।”

पुलिस के बड़े अधिकारी की तरफ से बताया गया है कि पकड़े गए आरोपियों में 8 लोगों पर पहले से ही कोई न कोई अपराधिक मुकदमा दर्ज है, जिसमें हत्या की कोशिश से लेकर दंगे फैलाने जैसी मुकदमे शामिल है।

क्राइम ब्रांच करेगी जांच: जहांगीरपुरी हिंसा की जांच अब स्थानीय पुलिस की ओर से की जा रही थी लेकिन अब यह जांच दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच को सौंप दी गई है। इसके लिए कुल 10 टीमों को बनाया गया है। एक अन्य अधिकारी के मुताबिक, क्राइम ब्रांच बंगलादेशी एंगल से भी जांच करेगी। इसके लिए फेशियल रिकॉग्निशन सिस्टम का प्रयोग किया जाएगा। गौरतलब है कि भाजपा के कुछ नेताओं की ओर से इस हिंसा में बंगलादेशी प्रवासियों के शामिल होने की बात कही जा रही थीं,जिसके बाद पुलिस ने यह कदम उठाया है।

घायल सब-इंस्पेक्टर से मिले कमिश्नर: दिल्ली पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना ने हिंसा में घायल सब- इंस्पेक्टर मेदालाल मीणा उनके घर पर जाकर मुलाकात की और उनका हाल-चाल जाना। इसके साथ ही उन्होंने डिपार्टमेंट से हर संभव मदद का भरोसा भी उन्हें दिया।