दिल्ली की भाजपा सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को राहत देने वाले ‘ईडब्लूएस प्रमाणपत्र’ जारी करने पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। ईडब्लूएस प्रमाणपत्र आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के सदस्यों को शिक्षा और नौकरी के अवसरों के लिए 10 फीसद आरक्षण प्रदान करता है। यह आरक्षण उन सभी उम्मीदवारों पर लागू होता है जो पहले से ही किसी आरक्षण श्रेणी में नहीं आते हैं या जो पहले से ही एक निश्चित आरक्षण पा रहे हों।

दिल्ली सरकार ने हाल ही में सभी जिलाधिकारी और राजस्व विभाग के शीर्ष अधिकारियों की उपस्थिति में एक उच्चस्तरीय बैठक में यह फैसला लिया। सिविल लाइंस स्थित दिल्ली सरकार के राजस्व विभाग मुख्यालय से संजीव मित्तल (उपायुक्त -मुख्यालय) की ओर से जारी और संबंधित प्राधिकारों को भेजे दिशा निर्देश में कहा गया है कि सरकार अब तक जारी किए गए ईडब्लूएस प्रमाणपत्रों की जांच करेगी। जहां तक अनुमान है कि बहुत बड़ी संख्या में अपात्र व्यक्तियों को ये प्रमाणपत्र जारी किए गए हैं। अगले आदेश तक राजस्व विभाग द्वारा कोई भी नया प्रमाण पत्र जारी नहीं किया जाएगा।

सभी निजी स्कूलों में 25 फीसदी सीटें EWS छात्रों के लिए आरक्षित

दिल्ली सरकार ने आम आदमी पार्टी सरकार की ओर से ईडब्लूएस प्रमाणपत्रों में बहुत बड़े स्तर पर धांधली की आशंका जताई है। इस फैसले से राजधानी की एक बड़ी जनसंख्या शिक्षा और नौकरी में आरक्षण के अवसरों से वंचित हो गया है। यह फैसला ऐसे समय में आया है जब सीबीएसई के बोर्ड के नतीजों का इंतजार है और सीईयूटी परीक्षा सहित तमाम विश्वविद्यालयों में दाखिले वाले परीक्षाओं की प्रक्रिया शुरू होने वाली है। सरकार ने यह नहीं बताया है कि यह कब तक बंद रहेगा। साथ ही इस बात का भी जिक्र नहीं किया गया है कि सरकार अब तक जारी किए गए प्रमाणपत्रों की जांच कब तक पूरा कर लेगी।

रेगुलर कक्षाओं में जाने पर रोक, वॉशरूम तक निगरानी… DPS, Dwarka में फीस बढ़ोतरी विवाद के बीच छात्रों को किया गया टॉर्चर

राजस्व विभाग के मुताबिक ‘ईडब्लूएस’ श्रेणी के अंतर्गत आरक्षण का लाभ पाने के लिए उम्मीदवार की वार्षिक सकल पारिवारिक आय 5 लाख रुपए से कम होनी चाहिए। इसमें कृषि, व्यवसाय, वेतन आदि सभी स्रोतों से होने वाली आय शामिल है। स्कूल दाखिले के नियम के तहत सभी निजी स्कूलों को 25 फीसद सीटें उन छात्रों के लिए आरक्षित करना जरूरी है जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं। जबकि दिल्ली विश्वविद्यालय में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्लूएस) के लिए 10 फीसद सीटें आरक्षित हैं।

सीएम ने सभी जिलाधिकारियों को दिया निर्देश

वहीं, इससे पहले सात अप्रैल को एक बैठक में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा था कि राजस्व विभाग आम जनता से सीधे जुड़ा हुआ है। दिल्ली की जनता को एक ऐसी प्रणाली चाहिए जो सुने, समझे और त्वरित कार्रवाई करे। साथ ही अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि ईडब्लूएस प्रमाणपत्रों को जारी करने में पाई जाने वाली अनियमितताओं की त्वरित जांच की जाए और दोषियों पर कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।

क्या होता है वक्फ का मतलब? पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा भारत में बोर्ड की जमीन

सीएम ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे अपने-अपने विकास कार्यों की 15 दिन के भीतर प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करें। नागरिक सेवाओं को अधिक प्रभावी और यूजर फ्रेंडली बनाने के लिए ई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल को अपग्रेड किया जाए।