वन रैंक वन पेंशन (ओआरओपी) की अधिसूचना के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे कई पूर्व सैनिकों ने मंगलवार को दिल्ली, हरियाणा और पंजाब में अपने पदक लौटा दिए। वहीं रक्षा मंत्री मनोहर पर्रीकर ने कहा कि यह काम सैनिकों जैसा नहीं है। पूर्व सैनिकों ने कहा कि वन रैंक वन पेंशन योजना पर राजग सरकार के अपने आश्वासनों से पीछे हटने के खिलाफ वे काली दिवाली मनाएंगे। पंचकूला, अंबाला, मोहाली और पटियाला समेत कई जगहों पर पूर्व सैनिकों ने प्रदर्शन किया और कहा कि वे पिछले सप्ताह जारी केंद्र की अधिसूचना से संतुष्ट नहीं हैं।

प्रदर्शनकारियों की ओर से प्रवक्ता कर्नल (सेवानिवृत्त) अनिल कौल ने दिल्ली में कहा कि चंडीगढ़, मोगा, जलंधर और गुरदासपुर में भी पूर्व सैनिकों ने अपने पदक लौटाए, वहीं मुंबई, पुणे, वड़ोदरा और बंगलुरु में भी पूर्व सैनिक इस तरह की कार्रवाई करेंगे। कौल ने पर्रीकर के इस बयान पर भी निशाना साधा कि यह बर्ताव सैनिकों जैसा नहीं है। उन्होंने कहा कि उनका आचरण भी रक्षा मंत्री की तरह का नहीं है।

दिल्ली में बड़ी संख्या में पूर्व सैनिकों ने जिला कलक्टर के कार्यालय में अपने पदक लौटाए। जिला कलक्टर संजय कुमार ने बताया कि पूर्व सैनिकों ने धमकी दी थी कि अगर हम पदक नहीं लेते तो वे उन्हें सड़क पर छोड़ देंगे। इसलिए हमने उन्हें ले लिया।

इंडियन एक्स-सर्विसमेन मूवमेंट (आइईएसएम) के उत्तरी हरियाणा के संयोजक ब्रिगेडियर किरण कृष्णन (सेवानिवृत्त) ने कहा कि पंचकूला में मेजर संदीप शांकला युद्ध स्मारक पर पूर्व सैनिक एकत्रित हुए जहां 150 से अधिक पूर्व सैनिकों के पदक लिए गए। उन्होंने कहा कि एडीसी, पंचकूला के माध्यम से प्रधानमंत्री को संबोधित हमारे ज्ञापन में हमने अधिसूचना जारी करने पर अपना असंतोष जताया है क्योंकि यह हमारी जरूरतों को पूरा नहीं करती।

पर्रीकर ने कहा कि वह पूर्व सैनिकों के इस तरह के तरीकों के इस्तेमाल से दुखी हैं। रक्षा मंत्री ने कहा कि पूर्व सैनिकों को गुमराह किया गया है। उन्हें अपने पदक लौटाने के फैसले को एक वित्तीय मांग से नहीं जोड़ना चाहिए। उन्होंने वास्को डि गामा (गोवा) में कहा कि सैनिकों की सेवा और बहादुरी वाले कार्यों के लिए देश उन्हें पदक देता है। एक वर्ग इसलिए पदक लौटाने पर जोर दे रहा है क्योंकि कोई ओआरओपी के कुछ प्रावधानों से खुश नहीं है जिसके लिए सरकार 8000 करोड़ रुपए से अधिक दे रही है। यह अपने आप में पदक की गरिमा को कम करना है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र सभी को विरोध का अधिकार देता है लेकिन पूर्व सैनिकों को अपने पदक नहीं लौटाने चाहिए जो देश ने उन्हें दिए हैं। यह काम सैन्य अनुशासन के अनुरूप नहीं है। यह सेना के बुनियादी मूल्यों को प्रभावित कर रहे हैं।

कांग्रेस ने सरकार पर ओआरओपी के मुद्दे पर छल की राजनीति करने का आरोप लगाया। ओआरओपी के मुद्दे पर सरकार और पूर्व सैनिकों के बीच वार्तालाप में सूत्रधार रहे निर्दलीय सांसद राजीव चंद्रशेखर ने पूर्व सैनिकों से अनुरोध किया कि वे अपने पदक नहीं लौटाएं और लंबित मुद्दों के समाधान के लिए गठित एक सदस्यीय आयोग में अपना पक्ष रखें। इस मुद्दे पर वाम दलों ने कहा कि केंद्र सरकार ने पूर्व सैनिकों के साथ धोखा किया है। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार को अपने चुनावी वादे से पीछे हटकर पूर्व सैनिकों को अपमानित नहीं करना चाहिए। माकपा पोलित ब्यूरो की सदस्य बृंदा करात और भाकपा के राष्ट्रीय सचिव डी राजा ने सरकार को याद दिलाया कि उसने इस बाबत घोषणा की थी।