कोरोना संकट के बीच केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी दो दिनों तक उत्तर प्रदेश के रामपुर में रहे। उन्होंने इस दौरान वहां पर लोगों के बीच इस वैश्विक महामारी को लेकर फैले भ्रमों को दूर करने की कोशिश की।

नकवी ने क्षेत्र के पुराने वोटरों के बीच जाकर कहा, “कोरोना वायरस की जांच कराने और टीका लगवाने से किसी प्रकार का नुकसान नहीं होता है।” दरअसल, उन्हें कई ग्राम प्रधानों से जानकारी मिली थी कि ढेर सारे लोग कोरोना टेस्ट कराने और वैक्सीन लगवाने को लेकर इच्छुक नहीं है, जिनमें कुछ खौफजदा भी हैं। उन्हें ऐसा लगता है कि टीका लगवाना और टेस्ट कराना उनके लिए खतरनाक साबित हो सकता है। यही वजह थी कि नकवी लोगों के बीच जा पहुंचे और उन्होंने ऐसी अफवाहों पर यकीन न करने के लिए कहा।

केंद्रीय मंत्री ने इसके अलावा जिला अस्पताल का दौरा भी किया। 130 गांव की समितियों के प्रधानों के साथ बैठकें भी लीं, ताकि कोरोना वायरस, इसके टीका और टेस्ट से जुड़े जो भी भ्रम समाज में फैले हुए हैं, उन्हें जल्द से जल्द दूर किया जा सके। इतना ही नहीं, वह मुस्लिम बहुल जिलों में भी पहुंचे, जहां उन्होंने पुराने वोटर्स से मुलाकात की और उन्हें इस बारे में समझाने का प्रयास किया। नकवी ने उन्हें बताया कि कैसे इस्लामिक देशों तक में युद्ध स्तर पर टीकाकरण अभियान का काम चलाया जा रहा है, जो कि वायरस से लड़ने का इकलौता जरिया है।

नकवी ने 20 मई को रामपुर के जिला अस्पताल में कोरोना के इलाज से जुड़ी सुविधाओं का निरीक्षण किया। वह इस दौरान वहां इलाजरत मरीजों से भी मिले। साथ ही ऑक्सीजन प्लांट का निरीक्षण किया। बाद में कोविड केयर टास्क फोर्स के नोडल अधिकारी, कमिश्नर, जिलाधिकारी, एसपी, सीडीओ एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ कोरोना महामारी से निपटने के लिए किए जा रहे युद्ध स्तर के कार्यों की समीक्षा भी की।

रामपुर दौरे के बीच उनके टि्वटर हैंडल से कुछ तस्वीरें और ट्वीट किए किए गए। इनमें से एक में कहा गया, “राष्ट्रीय आपदा” को “राजनैतिक अवसर” बनाने वाले कुछ लोग, “संकट के समाधान का हिस्सा” बनने के बजाय “सियासी व्यवधान का किस्सा” गढ़ने एवं “भय-भ्रम का भौकाल” खड़ा करने में लगे हैं।

रामपुर से क्या है रिश्ता?: हालांकि, मौजूदा समय में वह इस चुनावी क्षेत्र/सीट का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं। लेकिन फिर भी नकवी इस चुनावी क्षेत्र के निवासियों से अपने ताल्लुकात बरकरार रखे हुए हैं। वह इस सीट से साल 1998 में Lok Sabha सांसद रहे हैं।