दिल्ली में एक बिजनेसमैन से 2 करोड़ से ज्यादा की लूट का मामला सामने आया है। आरोपियों ने नकली CBI ऑफिसर बन कर व्यापारी के ऑफिस में लूट की घटना को अंजाम दिया। पुलिस ने इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को बताया कि पुलिस ने एक गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने मंगलवार रात पूर्वी दिल्ली के शाहदरा में सीबीआई अधिकारी बनकर गाजियाबाद के एक व्यापारी से 2.5 करोड़ रुपये से अधिक की लूट की थी। गिरोह में दो सदस्य और भी हैं जो फिलहाल फरार हैं। पुलिस के अनुसार, गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान पापोरी बरुआ (31) और दीपक (32) के रूप में हुई है।
खुद को CBI ऑफिसर बता कर दिया लूट को अंजाम
आरोपियों ने एक महिला सहित अपने साथियों के साथ मिलकर विवेक विहार स्थित मनप्रीत नामक एक व्यापारी के ऑफिस पर कथित तौर पर फर्जी सीबीआई छापा मारा और ऑफिस की देखभाल कर रहे उसके दोस्त रविशंकर पर हमला किया। पुलिस के अनुसार, ऑफिस की जगह सात महीने पहले एक प्रोजेक्ट के लिए लीज़ पर ली गई थी और इससे 2.5 करोड़ रुपये कमाए गए थे। यह पैसा लीज़ पर ली गई जगह में रखा गया था।
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शाहदरा के डीसीपी प्रशांत प्रिय गौतम ने बताया, “मंगलवार शाम को, किसी ज़रूरी काम के चलते मनप्रीत ने अपने दोस्त रविशंकर से कहा कि वह वहां से 1.10 करोड़ रुपये लेकर इंदिरापुरम स्थित अपने घर आ जाए। रविशंकर ने घर से पैसे लिए लेकिन जब वह बाहर निकला और अपनी बाइक पर सवार हुआ तो एक महिला समेत चार लोगों ने दो कारों की मदद से उसका रास्ता रोक लिया।” उन्होंने रविशंकर से कहा कि वे सीबीआई से हैं और छापेमारी करने जा रहे हैं। पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने रवि की पिटाई की और उससे पैसों का बैग छीन लिया।
आरोपियों ने शख्स और उसके साथी को कुछ किलोमीटर तक बंधक बनाकर रखा
डीसीपी गौतम ने बताया, “इसके बाद, वे सभी घर में घुस गए और रविशंकर के कर्मचारी दीपक माहेश्वरी को धमकाना-पीटना शुरू कर दिया और खुद को सीबीआई अधिकारी बताकर बाकी पैसे लूट लिए। इसके बाद वे सारा पैसा (जो लगभग 2.3 करोड़ रुपये था) लेकर घर से निकल गए।”
पुलिस ने बताया कि इसके बाद उन्होंने दीपक और रवि को जबरन कार में बैठाया और कुछ किलोमीटर तक बंधक बनाकर रखा। डीसीपी गौतम ने बताया, “इसके बाद, उन्होंने रविशंकर को चिंतामणि अंडरपास और दीपक माहेश्वरी को जामनगर बाजार के निगमबोध घाट के पास छोड़ दिया और उन्हें घटना के बारे में किसी को न बताने की धमकी दी।”
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दिल्ली पुलिस ने दो आरोपियों को किया गिरफ्तार
पुलिस ने कारों की नंबर प्लेटों का पता लगाकर आरोपियों को गिरफ्तार किया। दिल्ली पुलिस ने बताया कि गाड़ी फरीदाबाद के एक शख्स की थी जिसने पुलिस को बताया कि कार साकेत स्थित एक एनजीओ को किराए पर दी गई थी। पुलिस ने एनजीओ पर छापा मारा, जहां से पापोरी बरुआ और दीपक को गिरफ्तार किया गया।
डीसीपी गौतम ने कहा, “उनके पास से 1.08 करोड़ रुपये नकद भी बरामद किए गए हैं। पापोरी बरुआ एनजीओ के सचिव हैं और असम के रहने वाले हैं। आरोपी दीपक दिल्ली के तुगलकाबाद का रहने वाला है।” उन्होंने बताया कि पुलिस ने डकैती का मामला दर्ज कर लिया है और अन्य आरोपियों की तलाश और बाकी रकम बरामद करने के लिए छापेमारी जारी है।