दिल्ली विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और उससे जुड़े संगठनों की सक्रियता एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाने जा रही है। हरियाणा और महाराष्ट्र में आरएसएस की रणनीतियों से भाजपा को मिली सफलता के बाद अब वही मॉडल दिल्ली में लागू किया जा रहा है। संघ ने भाजपा के साथ मिलकर एक व्यापक योजना तैयार की है, जिसका उद्देश्य जमीनी स्तर पर मतदाताओं से जुड़कर उन्हें प्रभावित करना है।

शीर्ष नेताओं की बैठक में बना रोडमैप

आरएसएस और बीजेपी के शीर्ष नेताओं ने हाल ही में एक बैठक में दिल्ली चुनाव के लिए रोडमैप को अंतिम रूप दिया। इस योजना के तहत दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों में हजारों छोटी-छोटी सामुदायिक बैठकें आयोजित की जाएंगी। इन बैठकों का उद्देश्य केवल पार्टी का प्रचार नहीं बल्कि राष्ट्रीय, सामाजिक और पर्यावरणीय मुद्दों पर जागरूकता बढ़ाना है। आरएसएस के मुताबिक, इन सत्रों में राजनीतिक संदर्भों से बचते हुए मतदाताओं को मतदान के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।

संघ ने अपनी रणनीति को अधिक व्यापक बनाने के लिए जिला और बूथ स्तर पर स्वयंसेवकों को सक्रिय किया है। दिल्ली के लगभग 13,000 बूथों पर आरएसएस स्वयंसेवक अभियान चलाएंगे। इन सत्रों में स्थानीय निवासियों से संवाद स्थापित कर उन्हें विकास और पर्यावरण जैसे प्रमुख मुद्दों पर जागरूक किया जाएगा। संघ के शताब्दी वर्ष के दौरान पर्यावरण को प्राथमिकता देने की सोच इस अभियान में प्रमुखता से झलकती है।

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आरएसएस ने यह सुनिश्चित किया है कि इन बैठकों के माध्यम से मुद्दों को भावनात्मक और व्यावहारिक रूप से प्रस्तुत किया जाए। स्वयंसेवकों को इस तरह से प्रशिक्षित किया जा रहा है कि वे मतदाताओं से प्रभावी संवाद कर सकें। संघ की यह रणनीति स्थानीय समुदायों के साथ एक मजबूत संबंध स्थापित करने पर केंद्रित है, ताकि लोगों के बीच बीजेपी की छवि को और मजबूत किया जा सके।

दिल्ली में आरएसएस और बीजेपी की यह सक्रियता हरियाणा और महाराष्ट्र में अपनाए गए मॉडल का ही विस्तार है। वहां पर आरएसएस ने अपने संबद्ध संगठनों के जरिए छोटे पैमाने पर बैठकें आयोजित की थीं, जिसका लाभ बीजेपी को सीधे तौर पर चुनावी परिणामों में मिला। अब यही मॉडल दिल्ली में दोहराया जा रहा है।

बीजेपी मुख्यालय में आरएसएस और भाजपा नेताओं के बीच हाल ही में एक विचार-मंथन सत्र आयोजित किया गया। इसमें दिल्ली चुनाव को लेकर दोनों के बीच समन्वय और रणनीति पर विस्तार से चर्चा हुई। बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि संघ की ओर से अरुण कुमार ने इस बैठक में विशेष रूप से भाग लिया और दिल्ली चुनाव की समीक्षा की।

संघ की यह रणनीति केवल पार्टी के चुनावी हितों तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य नागरिकों को उनके अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक करना भी है। पर्यावरण जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर मतदान के महत्व को उजागर करते हुए यह अभियान एक नई दिशा की ओर इशारा करता है।