भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने कोरोना वायरस के संक्रमण पर निगरानी के लिये राज्यों को दी गयी रैपिड टेस्टिंग किट के परीक्षण परिणाम में अंतर मिलने की शिकायतों के मद्देनजर उन्हें अगले दो दिन तक इसका इस्तेमाल नहीं करने का परामर्श दिया गया है।आईसीएमआर के वरिष्ठ वैज्ञानिक रमन आर गंगाखेड़कर ने मंगलवार को स्वास्थ्य मंत्रालय के नियमित संवाददाता सम्मेलन में बताया कि इस किट के परीक्षण परिणाम में अंतर मिलने के बारे में एक राज्य से मिली शिकायत के आधार पर तीन अन्य राज्यों से इसकी पुष्टि की गयी। उन्होंने कहा कि आईसीएमआर के विशेषज्ञों को विभिन्न क्षेत्रों में इस किट से परीक्षण के लिये भेजा गया है।
गंगाखेड़कर ने कहा कि कोरोना वायरस के परीक्षण के लिये इस्तेमाल होने वाली आरटी-पीसीआर किट और रैपिड टेस्टिंग किट के परिणाम में काफी अंतर मिला है। उन्होंने बताया कि आईसीएमआर के विशेषज्ञों द्वारा दो दिन में वस्तुस्थिति का पता लगाने के साथ ही राज्यों को इस किट के उपयोग के बारे में परामर्श जारी किया जायेगा। उन्होंने कहा कि अगर किट के बैच संबंधी तकनीकी परेशानी पायी जाती है तो इसकी आपूर्ति करने वाली कंपनी से इसे बदलने के लिये कहा जायेगा। उन्होंने कहा कि इस बीच आईसीएमआर ने किट में तकनीकी परेशानी का हल किये जाने तक सभी राज्यों को दो दिन तक रैपिड किट से परीक्षण नहीं करने को कहा है।
इस बीच कोरोना संकट से निपटने के लिये गठित उच्चाधिकार प्राप्त समूह की ओर से बताया गया कि कोरोना के खिलाफ अभियान में व्यापक पैमाने पर मानव संसाधन की जरूरत को पूरा करने के लिये सरकार ने देश भर में मौजूद ‘कोरोना योद्धाओं’ (स्वास्थ्य कर्मियों और वॉलेंटियर) का डाटाबेस तैयार कर लिया है। समूह के अध्यक्ष ने बताया कि इसके लिये दो वेबपोर्टल (‘कोविड वॉरियर डॉट जीओवी डॉट इन’ तथा ‘आईगॉट डॉट जीओवी डॉट इन’) शुरु किये गये हैं।
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उन्होंने बताया कि लॉकडाउन में सीमित छूट दिये जाने और लॉकडाउन के बाद संक्रमण रोकने के लिये उचित प्रबंधन करने में वॉलेंटियर की मदद ली जायेगी। पोर्टल के जरिये अब तक देश में 1.24 करोड़ स्वास्थ्य कर्मियों, पूर्व सैनिकों और वॉलेंटियर आदि ने पंजीकृत करा लिया है। उन्होंने बताया कि इन दोनों ऑनलाइन प्लेटफार्म की मदद से स्वास्थ्य कर्मियों और वॉलेंटियर की जरूरत वाले स्थानों पर तैनाती की जा रही है और कोरोना संकट से निपटने से संबंधित प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। वॉलेंटियर की जिम्मेदारियों को 20 वर्गों में श्रेणीबद्ध कर राज्य सरकारों की मदद से जरूरत वाले स्थानों पर तैनाती की जा रही है।
उन्होंने बताया कि पोर्टल के जरिये स्वास्थ्यकर्मियों और वॉलेंटियर सहित सभी वर्ग के लोगों को कोरोना संक्रमण रोकने के शुरुआती दौर के उपायों से लेकर आईसीयू में मरीज की देखरेख तक, विभिन्न प्रकार के कामों को करने का ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
इस दौरान स्वास्थ्य मंत्रालय ने पिछले 24 घंटों के दौरान देश में कोरोना वायरस संक्रमण के नये मामलों में कमी आने और स्वस्थ होने वाले मरीजों की संख्या में इजाफा दर्ज होने की जानकारी दी। इस दौरान गंगाखेडकर ने बताया कि देश में अब तक कोरोना वायरस के 4,49,810 परीक्षण किये जा चुके हैं। इनमें 35,832 परीक्षण पिछले 24 घंटों में किये गये। इनमें आईसीएमआर की 201 प्रयोगशालाओं में 29,776 परीक्षण और निजी क्षेत्र की 86 प्रयोगशालाओं में 6076 परीक्षण किये गये।
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