Coronavirus (Covid-19) Vaccine, Medicine India HIGHLIGHTS: पिछले सप्ताह कोरोना की दवा के तौर पर लांच की गयी कोरोनिल के बारे में पतंजलि आयुर्वेद के दावों का गंभीर संज्ञान लेते हुए उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने बुधवार को रामदेव की कंपनी, राज्य सरकार, केंद्र सरकार तथा कुछ अन्य संस्थाओं को नोटिस जारी किए और उनसे इस मामले में एक सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा। दवाई के बारे में रामदेव के दावे को चुनौती देने वाली एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए, उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन तथा न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ ने राज्य सरकार, केंद्र सरकार, पतंजलि, आयुष उत्तराखंड के निदेशक, भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और पतंजलि के दावे के अनुसार दवाई का परीक्षण करने वाले राजस्थान के निम्स विश्वविद्यालय को नोटिस जारी किए।
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अदालत ने सभी संस्थाओं को अपने जवाब एक सप्ताह के भीतर दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। अधिवक्ता मणिकुमार द्वारा दायर जनहित याचिका में रामदेव पर कोरोना की दवा के रूप में कोरोनिल लांच कर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए दवाई पर प्रतिबंध लगाने की प्रार्थना की गयी है। याचिका में कहा गया है कि दवाई को आईसीएमआर से कोई प्रमाणिकता नहीं मिली है और न ही पतंजलि आयुर्वेद के पास इसे बनाने का कोई लाइसेंस है। याचिका में कहा गया है कि पतंजलि का दावा है कि दवाई का राजस्थान के निम्स विश्वविद्यालय में परीक्षण किया गया है जबकि निम्स ने इसका खंडन किया है।
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इससे पहले, केंद्रीय आयुष मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि पतंजलि कोरोनिल दवाई को केवल शरीर की ‘रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने’ वाली बताकर बेच सकता है। पतंजलि आयुर्वेद के योग गुरु रामदेव ने बुधवार को कहा कि कोरोनिल दवाई की बिक्री पर आयुष मंत्रालय द्वारा कोई प्रतिबंध नहीं है। हाल ही में पतंजलि ने इसे कोविड-19 की दवाई के रूप में जारी किया था लेकिन अब वह इसे बीमारी के ‘प्रभाव को कम’ करने वाला उत्पाद बता रहे हैं।
बता दें कि दुनिया भर में इस वक्त 100 से अधिक लोग कोरोना वैक्सीन पर काम कर रहे हैं। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, इसका टीका आने में एक से दो साल का वक्त लग सकता है। वहीं, कुछ जानकारों का कहना है कि कोरोना की दवा बनने में वक्त लगेगा। हालांकि, कोरोना के बढ़ते मामलों के मद्देनजर चेताते हुए कई जानकारों ने कहा कि जल्द से जल्द इसका तोड़ निकालना होगा, वरना हालात विकट हो सकते हैं।
पतंजलि आयुर्वेद की ओर से बनाई गई दवा में कुछ भी गलत नहीं है। आयुष मंत्रालय ने भी इसकी जांच कर ली है। यह दावा बाबा रामदेव ने की है। पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि दवा देश भर में बिकेगी
रामदेव ने कहा, ‘‘पतंजलि आयुर्वेद ने अभी सिर्फ कोरोना का प्रभाव कम करने के लिए ही काम किया है और वह थक कर हारने वाला नहीं है।’’ उन्होंने कहा कि रक्तचाप, दमा, मधुमेह सहित 10 गंभीर बीमारियों पर हमारे 500 से ज्यादा वैज्ञानिक लगातार शोध कर रहे हैं और जल्दी ही हम इन सभी रोगों के भी क्लिनिकल ट्रायल के चौंकाने वाले परिणाम पतंजलि दुनिया के सामने रखेगा। उन्होंने कहा कि पतंजलि देश को रोग मुक्त बनाने के लिए अपना अभियान लगातार जारी रखेगा।
चीन में कोरोनावायरस संक्रमण के मामले अभी थमे ही थे कि कुछ और नए वायरस सिर उठाने लगे हैं। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन में H1N1 वायरस की नई स्ट्रेन मिली है, जो तेजी से लोगों में फैल रही है। फिलहाल यह चीन में सुअरों के फार्म में काम करने वालों में फैल चुकी है। वैज्ञानिकों ने कहा है कि इस महामारी को तुरंत नियंत्रित करने की जरूरत है।
पतंजलि आयुर्वेद द्वारा कोरोना के उपचार के लिए बनाई गई जिस कोरोनिल दवा पर पिछले करीब एक हफ्ते से विवाद छिड़ा है, उस पर आयुष मंत्रालय की तरफ से प्रतिक्रिया आने का दावा किया जा रहा है। योगगुरू बाबा रामदेव ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि कोरोनिल दवा को लेकर मेरे खिलाफ गंदा माहौल बनाने की कोशिश की गई। ऐसा लगा कि आयुर्वेद पर काम करना गुनाह हो गया। मेरे खिलाफ ऐसे एफआईआर दर्ज कराई गईं, जैसे कोई आतंकवादी या अपराधी के खिलाफ कराई जा रही हों।
इससे पहले रामदेव के प्रवक्ता एसके तिजारावाल ने बुधवार को ट्वीट में कहा कि कोरोनिल पर आयुष मंत्रालय की तरफ से जवाब आया है। इसमें सारी जांच, परख और प्रमाण का हिसाब दिया गया है। तिजारावाल ने कहा कि रामदेव और आचार्य बालकृष्ण आज 12 बजे लाइव प्रेस कॉन्फ्रेंस में कोरोनिल पर ब्योरा देंगे।
कर्नाटक में इंफ्लुएंजा जैसी बीमारी (आईएलआई) के लक्षण दिखने वाले 52 वर्षीय मरीज की मौत के बाद 18 निजी अस्पतालों को सरकार ने कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। अस्पतालों पर आरोप है कि इसने बिस्तरों की ‘अनुपलब्धता’ का हवाला देते हुए मरीज को भर्ती करने से कथित तौर पर इनकार कर दिया था। स्वास्थ्य मंत्री बी श्रीरामुलु ने बुधवार को कहा कि इलाज मुहैया कराने से इनकार करना न केवल अमानवीय है बल्कि गैरकानूनी भी है। उन्होंने अपने ट्वीट में नोटिस की एक कॉपी भी टैग की है।
असम के डिब्रूगढ़ में पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए स्थापित क्षेत्रीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान संस्थान (आरएमआरसी)देश की चौथी प्रयोगशाला है जिसने कोरोना वायरस को अलग करने में सफलता प्राप्त की है और जिसका इस्तेमाल भविष्य में टीका विकसित करने में किया जा सकता है। असम के स्वास्थ्य मंत्री हेमंत बिस्वा सरमा ने बुधवार को प्रेस वार्ता में बताया, ‘‘आरएमआरसी के वैज्ञानिकों ने संस्थान स्थित बीएसएल-3 स्तरीय प्रयोगशाला में कोविड-19 वायरस को वीईआरओ-सीसीएल81 कोशिका रेखा से अलग किया।’’ उन्होंने कहा कि डिब्रूगढ़ स्थित आरएमआरसी, राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान प्रयोशाला (एनआईवी) पुणे और सेंटर फॉर सेलुलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी (सीसीएमबी) हैदराबाद के बाद तीसरी सरकारी प्रयोगशाला है जिसने यह सफलता प्राप्त की है। चौथी प्रयोगशाला भारत बायोटेक है जो हैदराबाद स्थित निजी प्रयोगशाला है।
योगगुरु स्वामी रामदेव ने बुधवार को कहा कि पतंजलि आयुर्वेद के पास कोरोनिल बनाने के लिए सभी प्रकार की स्वीकृतियां थीं और दवाई को लेकर आयुष मंत्रालय के साथ विवाद अब समाप्त हो गया है। संवाददाता सम्मेलन में रामदेव ने दावा किया कि आयुष मंत्रालय ने स्पष्ट कर दिया है कि उनकी दवा को लेकर किसी तरह का विवाद नहीं है। उन्होंने कहा कि यह दवा कोरोना के प्रभाव को कम करने के लिए बनायी गयी है और अब यह दवा पूरे देश में लोगों को उपलब्ध होगी। पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण और आयुर्वेद के शोध वैज्ञानिक डॉक्टर देवेंद्र भी इस दौरान मौजूद थे। रामदेव ने कहा, ‘‘आयुष मंत्रालय ने कहा है कि पतंजलि ने कोविड-19 प्रबंधन के लिए उचित काम किया है। मैं लोगों को बताना चाहता हूं कि जो भी इन दवाओं को लेना चाहता है, अब उनकी बिक्री पर कोई रोक नहीं है और आज से देश में हर जगह ये किट के रूप में उपलब्ध होंगी।’’
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा कि देशों को ऐसी “नई सामान्य” स्थिति सुनिश्चित करने के लिये प्रयास करना चाहिए जहां स्वास्थ्य और अर्थव्यवस्था को साथ-साथ प्राथमिकता मिले जिससे वो कोरोना वायरस महामारी से उबर सकें। एशियाई विकास बैंक (एडीबी) के सतत विकास और जलवायु परिवर्तन क्षेत्र के महानिदेशक वूचोंग उम ने कहा कि यह महामारी विकासशील एशियाई वृद्धि को छह दशकों के निचले स्तर पर ले जाएगी। उन्होंने कहा कि महामारी ने क्षेत्र की किसी भी अर्थव्यवस्था को नहीं छोड़ा है। पश्चिमी प्रशांत के लिये डब्ल्यूएचओ के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. कातेशी कासाई ने कहा कि समुदायों को भविष्य में मामलों में और वृद्धि के लिये निश्चित रूप से तैयार रहना होगा। उन्होंने कहा कि जब तक यह विषाणु कहीं भी मौजूद है, कोई देश सुरक्षित नहीं है। उन्होंने कहा कि हमें मौजूदा स्थिति का जवाब देते रहना चाहिए और हर देश के हर कोने को बड़े पैमाने पर संभावित सामुदायिक संक्रमण के लिये तैयार करना चाहिए।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 की स्थिति नियंत्रण में है। साथ ही उन्होंने कहा कि यहां उपचाराधीन मरीजों की संख्या बढ़ने के बजाय घट रही है। इसी बीच, दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ में तैनात एक इंस्पेक्टर की दक्षिणी दिल्ली के मैक्स अस्पताल में कोरोना वायरस संक्रमण से मौत हो गई।
जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी कोविड-19 के खिलाफ टीका लाने की जमीन तैयार कर रही है। साथ में गैर लाभकारी परियोजना के तहत 2021 तक टीके की एक अरब से ज्यादा खुराक की आपूर्ति करने के लिए अपनी निर्माण क्षमता भी बढ़ा रही है। मुख्य वैज्ञानिक अधिकारी पॉल स्टोफेल्स ने पीटीआई-भाषा को बताया कि अमेरिका की प्रमुख फार्मा कंपनी ने संभावित टीके के मानव परीक्षण को तय कार्यक्रम से पहले शुरू करने का फैसला किया है। यह अब जुलाई मध्य से होगा जो पहले सितंबर में होना था।
मुंबई की बृहनमुंबई म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन (बीएमसी) ने मुंबई में सेव लाइव्स स्ट्रैटजी शुरू की है। इसके तहत प्रशासन ने मुंबई में कोरोना संक्रमण के दौरान मृत्यु दर कम करने का लक्ष्य रखा है। इस प्रोटोकॉल के तहत मध्यम, कम गंभीर और गंभीर श्रेणी के हर केस को हॉस्पिटल को लेना होगा। सीनियर्स और जूनियर्स (डॉक्टर्स) वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम दिन में दो बार मीटिंग करेंगे। डॉक्टर्स, नर्सेज और सभी हेल्थ केयर वर्कर्स टीम वर्क करेंगे।
देश में भारत बायोटेक के अलावा जायडस कैडिला, सेरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया भी वैक्सीन बना रही हैं। इसके अलावा पनेका बायोटेक ने भी इसी महीने की शुरुआत में कोरोना वैक्सीन बनाने की शुरुआत कर दी। पनेका अभी प्री-क्लिनिकल ट्रायल स्टेज में है। अभी यह साफ नहीं है कि जायडस और सेरम इंस्टीट्यूट की स्टडी किस चरण पर पहुंची हैं।
भारत बायोटेक की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि कोरोना की दवा का जानवरों पर परीक्षण सफल रहा है। हालांकि, इंसानों पर यह कैसा असर करेगी यह अभी तय नहीं है। पहले और दूसरे फेज की सफलता पर काफी कुछ निर्भर करेगा। इसके बाद ही हम बड़े स्तर पर क्लिनिकल ट्रायल करेंगे। इसके बाद लाइसेंस हासिल करने में कुछ और समय लगेगा और दवा उतार दी जाएगी।
रामदेव ने आगे कहा, "हम कोरोनिल को एविडेंस बेस्ड मेडिसिन के आधार पर प्रस्तुत कर रहे हैं। जैसा की पीएम मोदी और आयुष मंत्रालय की इच्छा है कि आयुर्वेद की औषधियों को हम विश्व में स्थापित कर पाएं, इसलिए लिए हमें एक साल का वक्त लगेगा। हम आपको एक-एक महीने में अच्छी खबरें देते रहेंगे। हम आयुर्वेद का सत्य मिटने नहीं देंगे।"
रामदेव ने कहा, "दवा में गिलोय, तुलसी, अश्वगंधा का मिश्रण है। हम दवा पर अपनी रिसर्च को आगे भी जारी रखेंगे। कुछ लोग लाइसेंस पर सवाल उठा रहे हैं। जबकि हमने मॉडर्न मेजिकल साइंस के तहत काम किया है। हमारी 500 वैज्ञानिकों की टीम इस दवा पर काम कर रही है।" बाबा रामदेव ने दवा कंपनियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि क्या एक बाबा कोरोना की दवा पर काम नहीं कर सकता।
रामदेव ने कहा कि हमारी दवा के ट्रायल में 100 फीसदी लोग 7 दिन के अंदर निगेटिव हुए। हमारे 3 दिन के ट्रायल में ही 69 फीसदी मरीज ठीक हो गए। लेकिन हमारे ट्रायल से ड्रग माफियाओं की चूलें हिल गईं। हम पर दवा को लेकर व्यक्तिगत हमला किया गया। ड्रग लाइसेंस की जो जरूरतें हैं हमने वो पूरी कीं। लेकिन लाइसेंस पर कोहराम मचा हुआ है।
योगगुरु बाबा रामदेव ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि आयुष मंत्रालय को हमने कोरोनिल को लेकर पूरी जानकारी दी। हमने मेडिकल साइंस की हर प्रक्रिया का पालन किया और उसके बाद ही कोरोना दवाओं का ट्रायल किया। तब आयुष मंत्रालय ने कहा कि पतंजलि ने अच्छा काम किया।
कोरोनावायरस को लेकर लगभग हर दिन नई बातों का खुलासा हो रहा है। अब एक रिसर्च में सामने आया है कि कोरोना से दिल की कोशिकाओं को भी नुकसान पहुंच सकता है, जिससे हार्ट इन्फेक्शन जैसी स्थिति पैदा हो सकती है। सेल रिपोर्ट मेडिसिन जर्नल के मुताबिक, भारतीय मूल के वैज्ञानिकों की इस रिसर्च में सामने आया है कि कोरोना दिल की कोशिकाओं के पास तेजी से फैल सकता है। और इससे दिल धड़कने की क्षमता में 72 घंटे के अंदर बदलाव आ सकता है।
भारत की पहली कोरोना वैक्सीन कही जा रही कोवैक्सीन अब ह्यूमन ट्रायल में प्रवेश कर गई है। इसे आईसीएमआर और भारत बायोटेक मिलकर बना रहे हैं। पहले फेज में इसे इंसानों के एक छोटे ग्रुप में टेस्ट किया जाएगा। सफल रहने पर इसे दूसरे फेज में सैकड़ों लोगों के समूह पर टेस्ट किया जाएगा। तीसरे फेज में इसकी हजार से ज्यादा लोगों पर टेस्टिंग होगी। अगर इस दवा को रेगुलेटर से अप्रूवल मिलता है, तो चौथे फेज में उन मरीजों पर नजर रखी जाएगी, जिन्हें यह दवा दी गई। इन सबमें 6 महीने से लेकर 5 साल तक का समय लग सकता है।
योगगुरू बाबा रामदेव दोपहर 12 बजे कोरोनिल दवा से जुड़े आरोपों पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे। रामदेव ने खुद ट्वीट कर यह जानकारी दी। इसमें उन्होंने कहा कि ड्रग माफिया व MNC माफिया सब होंगे बेनकाब और आयुर्वेद होगा प्रतिष्ठापित। इसके साथ रामदेव ने एक वीडियो भी पोस्ट किया है।
भारत में कोरोनावायरस महामारी के बढ़ते प्रभाव के बावजूद लोगों द्वारा मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का उल्लंघन जारी है। बुधवार को दिल्ली के राजपथ में बड़ी संख्या में लोग बिना मास्क के ही मॉर्निंग वॉक और जॉगिंग करते नजर आए। इनमें ज्यादातर युवा शामिल रहे। गौरतलब है कि एक दिन पहले ही पीएम मोदी ने कहा कि मास्क को लेकर लापरवाही बढ़ती जा रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वैक्सीन की योजना और तैयारी को लेकर समीक्षा बैठक की है। भारत में अभी तक कुल 3,34,821 मरीज ठीक हो चुके हैं, जबकि देश का कुल रिकवरी रेट बढ़कर 59.07% हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोविड-19 का टीका तैयार होने पर बड़ी आबादी के टीकाकरण के लिए भारत की तैयारियों की मंगलवार को समीक्षा की और जोर दिया कि टीकाकरण सस्ता और हर किसी के लिए उपलब्ध होना चाहिए।
चीन ने कोरोनावायरस की वैक्सीन तैयार कर ली है। जानकारी के मुताबिक, चीन की केंद्रीय मिलिट्री कमीशन ने एक वैक्सीन को सैनिकों के लिए मंजूरी दे दी है। इसे एक साल तक सैन्यकर्मियों पर ही इस्तेमाल किया जाएगा। बताया गया है कि क्लिनिकल ट्रायल में यह दवा सुरक्षित पाई गई है। यह उन 8 वैक्सीन में से थी, जिन्हें चीन में ट्रायल के लिए मंजूरी मिली थी।
अमेरिका की बायोटेक फर्म इनोवियो की वैक्सीन के ह्यूमन ट्रायल के नतीजे आने शुरू हो गए हैं। बताया गया है कि प्राथमिक जांच में कंपनी की वैक्सीन INO-4800 को क्लिनिकल ट्रालय के फेज-1 के तहत 40 वॉलंटियर्स को दिया गया था। इनमें से 94 फीसदी केसों में वैक्सीन ने इम्यून सिस्टम रिस्पॉन्स पैदा किया। अब इन नतीजों की जांच के बाद वैक्सीन को दूसरे फेज के ट्रायल के लिए भेजा जा सकता है।
उन्होंने कहा, “ 2021 में दुनियाभर में टीके की एक अरब डोज की आपूर्ति करने के अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए हम अन्य देशों में भी निर्माण क्षमताएं बढ़ा रहे हैं, बशर्ते यह टीका सुरक्षित और प्रभावी हो।“ जॉनसन एंड जॉनसन ने टीके के विकास और उत्पादन की गति को बढ़ाने के लिए एक अरब डॉलर के निवेश के लिए अमेरिका सरकार से हाथ मिलाया है। कंपनी का यह प्रयास कोविड-19 के खिलाफ टीका विकसित करने की वैश्विक दौड़ का हिस्सा है।
कोरोना के टीके की खोज में दुनियाभर के वैज्ञानिक जुटे हैं। कई देशों के वैज्ञानिक इसमें सफलता मिलने की उम्मीद जताई है। पीएम मोदी ने कहा कि हम सब लोग स्वअनुशासन से इस पर काबू पाएंगे। दो गज की दूरी रखें, मास्क लगाएं और कम से कम बाहर निकलें। हर संभव नियम का पालन करें। इससे ही सफलता मिलेगी।
पीएम मोदी ने उच्च स्तरीय बैठक में चार मार्गदर्शक सिद्धांत प्रतिपादित किए जो टीकाकरण के राष्ट्रीय प्रयास की आधारशिला रखेंगे। इसमें टीके का किफायती और सार्वभौमिक होना भी शामिल है। मोदी ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘एक महत्वपूर्ण विषय जिस पर चर्चा हुई, वह है एक तकनीकी मंच का गठन। यह व्यापक स्तर पर टीकाकरण के काम में सहायक होगा।’’ प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि बैठक में टीका विकसित करने के प्रयासों की वर्तमान स्थिति की भी समीक्षा की गई। प्रधानमंत्री ने कोविड-19 से बचने के लिए टीकाकरण के प्रयासों में सक्षम भूमिका निभाने के लिए भारत की प्रतिबद्धता पर भी प्रकाश डाला।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में भविष्य में जब भी कभी कोविड-19 से बचाव का टीका उपलब्ध होने और इतनी बड़ी आबादी का टीकाकरण करने की योजना तथा उसकी तैयारियों को लेकर मंगलवार को एक उच्च-स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की।
कोरोना वायरस की दुनिया में अभी तक कोई दवा नहीं बन पाई है, पर कुछ जगहों पर इससे राहत पाने के लिए लोग पश्चिमी, पारंपरिक और घरेलू नुस्खों का सहारा ले रहे हैं। ऐसा तब हो रहा है, जब WHO ने इस तरह की चीजों के लिए किसी तरह का सुझाव नहीं दिया है। हालांकि, दुनिया भर में 100 से अधिक लोग वैक्सीन बनाने पर काम कर रहे हैं। क्लीनिकल ट्रायल भी जारी हैं। फिर चाहे वह पश्चिमी हों या फिर पारंपरिक दवा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोविड-19 का टीका तैयार होने पर बड़ी आबादी के टीकाकरण के लिए भारत की तैयारियों की मंगलवार को समीक्षा की और जोर दिया कि टीकाकरण सस्ता और हर किसी के लिए उपलब्ध होना चाहिए। कोरोना वायरस के खिलाफ टीकाकरण के लिए योजना और तैयारियों की समीक्षा के लिए मोदी ने उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की।
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने एक बयान में कहा कि बैठक में टीका विकास के प्रयासों की मौजूदा स्थिति की भी समीक्षा की गयी और प्रधानमंत्री ने कोविड-19 के खिलाफ टीकाकरण प्रयासों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए भारत की प्रतिबद्धता का भी उल्लेख किया।
ब्रिटेन की चिकित्सा नियामक एजेंसी ने मलेरिया की दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन का कोविड-19 के लिए परीक्षण बहाल करने की अनुमति दे दी है। परीक्षण में यह देखा जाएगा कि यह दवा लेने पर स्वास्थ्यकर्मियों का कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव होता है या नहीं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी इस दवा के फायदे गिना चुके हैं । दवा और स्वास्थ्य देखभाल उत्पाद नियामक एजेंसी ने पिछले महीने प्रतिष्ठित पत्रिका ‘लांसेट’ में एक शोध के छपने के बाद इस दवा के परीक्षण पर रोक लगा दी थी। शोध में कहा गया था कि दवा के इस्तेमाल से मृत्यु का खतरा बढ़ जाता है । पता चला कि इस शोध के लिए जिन आंकड़ों का इस्तेमाल हुआ वो सही नहीं थे । पूर्व में ब्रिटेन में बड़े स्तर पर परीक्षण में पाया गया कि हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन कोविड-19 से मरीजों की मौत को रोकने में कारगर नहीं साबित हुई।
- कुछ-कुछ समय के अंतराल पर हाथ साफ करें। कम से कम 20 सेकेंड्स तक।
- अपनी आंख, नाक और मुंह के आसपास वाले हिस्से को छूने से बचें।
- खांसी या छींक आए, तो कपड़े का इस्तेमाल करें। कपड़ा या रुमाल न हो, तो कोहनी लगा लें। इससे आपके खांसी/छींक के ड्रॉपलेट्स किसी और पर नहीं पड़ेंगे। न ही किसी अनजान सरफेस पर जाएंगे।
- अगर इस स्थिति में टिशु पेपर यूज करते हैं, तब उसे इस्तेमाल के फौरन बाद डिस्पोज करें। हाथ भी धोएं।
- दूसरों से कम से कम एक मीटर की दूरी बनाकर रखें।