विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने सभी विश्वविद्यालयों, कॉलेजों और तकनीकी संस्थानों को 18 वर्ष से अधिक आयु समूह के लिए मुफ्त टीकाकरण शुरू करने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देने वाले बैनर लगाने कहा है। सूत्रों ने सोमवार को इस बारे में बताया।
इस महीने की शुरुआत में प्रधानमंत्री द्वारा घोषित कोविड-19 के लिए संशोधित दिशानिर्देश सोमवार को प्रभावी हो गये। इन दिशानिर्देशों के तहत 18 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्ति मुफ्त टीका लगवाने के योग्य होंगे। विभिन्न विश्वविद्यालयों के अधिकारियों को रविवार को भेजे गये व्हाट्सऐप संदेश में यूजीसी सचिव रजनीश जैन ने संस्थानों से अपने सोशल मीडिया पेज पर भी बैनर लगाने को कहा। हालांकि, उनकी टिप्पणी के लिए किये गये कॉल का उन्होंने जवाब नहीं दिया, लेकिन तीन विश्वविद्यालयों के अधिकारियों ने यह निर्देश प्राप्त होने की पुष्टि की है।
जैन के कथित संदेश में कहा गया है, ‘‘भारत सरकार 18 वर्ष और उससे अधिक आयु समूह के लिए कल 21 जून 2021 से मुफ्त टीकाकरण शुरू कर रही है। इस सिलसिले में, विश्वविद्यालयों और कॉलेजों से ये होर्डिंग और बैनर अपने संस्थानों में लगाने का अनुरोध किया जाता है।’’ संदेश में कहा गया है, ‘‘हिन्दी और अंग्रेजी में होर्डिंग और बैनर की मंजूर डिजाइन (रचनात्मक), जैसा कि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने उपब्लध कराया है, आपकी सुविधा के लिए संलग्न कर दिये गये हैं…।’’
University of Delhi is participating pro-acitvely in the Free Vaccination Drive starting today. Today also marks the International Yoga Day. We urge all members of DU family to practice Yoga to remain healthy & fit &fulfill Yoga’s mission&vision #YogaForHealth
Prof. PC Joshi
VC pic.twitter.com/dhlJ1VaYBB— University of Delhi (@UnivofDelhi) June 21, 2021
पोस्टर में प्रधानमंत्री की तस्वीर है। साथ ही, उसमें ‘धन्यवाद पीएम मोदी’ लिखा हुआ है। दिल्ली विश्वविद्यालय, हैदराबाद विश्वविद्यालय, भोपाल स्थित एलएनसीटी विश्वविद्यालय, बेनेट यूनिवर्सिटी (ग्रेटर नोएडा, गुरुग्राम में नार्थकैप यूनिवर्सिटी सहित अन्य ने बैनर अपने सोशल मीडिया पेज पर ‘थैक्यू मोदीजी’ हैशटैग के साथ साझा किया है।
इस कदम पर अकादमिक जगत के लोगों, छात्र संगठनों और नेताओं सहित कई तबकों ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। स्वराज इंडिया के प्रमुख एवं यूजीसी के पूर्व सदस्य योगेंद्र यादव ने ट्वीट किया, ‘‘यूजीसी का पूर्व सदस्य होने के नाते में बहुत लज्जित महसूस कर रहा हूं। यूजीसी में चीजें तभी (2010-12 में ही) खराब हो गई थी लेकिन इतना बदतर होना अकल्पनीय है। हर दिन हम इसे और नीचे गिरते पाते हैं।’’
दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर एवं पूर्व कार्यकारिणी परिषद के सदस्य राजेश झा ने कहा, ‘‘यह अभूतपूर्व है। विश्वविद्यालयों का इस्तेमाल सरकार के प्रचार के लिए नहीं किया जा सकता।’’ दिल्ली विश्वविद्यालय अध्यापक संघ (डूटा) की आभा देव हबीब ने आरोप लगाया कि संस्थानों को प्रधानमंत्री का प्रचार करने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। जेएनयू टीचर्स एसोसिएशन की सचिव मौसमी बसु ने कहा, ‘‘हर बार प्रधानमंत्री का ही नाम क्यों आता है? क्या टीका लगवाना हमारा अधिकार नहीं है?’’ डीयू के प्रोफसर हंसराज सुमन ने कहा, ‘‘यह बिल्कुल निंदनीय है।’’
इससे पहले, दिन में दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार दिल्ली में अधिकारियों पर इसके लिए दबाव डाल रही है कि वे मुफ्त टीके के लिए प्रधानमंत्री का धन्यवाद ज्ञापन करने वाले विज्ञापन जारी करें। कांग्रेस से संबद्ध एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज कुंदन ने कहा, ‘‘…आखिरकार सरकार अपने प्रचार के बारे में सोच रही है, जो कि एक मजाक है।’’ जेएनयू छात्र संघ उपाध्यक्ष साकेत मून ने आरोप लगाया कि सरकार अपने प्रचार के लिए स्थिति का इस्तेमाल करने की कोशिश कर रही, जो सही नहीं है।