कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली NDA सरकार भले ही कम्युनिटी ट्रांसमिशन/कम्युनिटी स्प्रेड की बात से साफ इन्कार कर रही हो, मगर सामुदायिक स्तर पर इस वैश्विक महामारी का प्रसार अप्रैल, 2020 से ही देश के विभिन्न हिस्सों में हो रहा है। यह खुलासा पिछले हफ्ते जारी किए गए Ministry of Health and Family Welfare के एक पेपर से हुआ है।
अंग्रेजी वेबसाइट ‘The Print’ की रिपोर्ट में बताया गया कि इसी चार जुलाई को ‘Guidance for General Medical and Specialised Mental Health Care Settings’ नाम से जारी दस्तावेज में कहा गया, “इसके प्रकाशन के समय (अप्रैल 2020 की शुरुआत में) भारत कोरोना के सीमित कम्युनिटी स्प्रेड की स्टेज में है और किसी को भी इस बात का अंदाजा नहीं है कि कैसे यह महामारी फैल रही है।”
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हैरत की बात है कि इस गाइडेंस डाक्यूमेंट में कोरोना स्प्रेड/ट्रांसमिशन को लेकर जो बात कही गई है, वह केंद्र सरकार के बिल्कुल उलट है। ऐसा इसलिए, क्योंकि 11 जून, 2020 को कोरोना वायरस पर आखिरी सरकारी प्रेस ब्रीफिंग में 65 जिलों में किए गए पहले चरण के Sero Survey के नतीजे जारी करते हुए ICMR के डीजी डॉ.बलराम भार्गव ने कम्युनिटी में कोरोना के प्रसार की बात को सिरे से खारिज कर दिया था।
उन्होंने कहा था- ऐसे बड़े देशों में मौजूदा फैलाव बहुत कम है। छोटे जिलों में तो यह एक फीसदी से भी कम है, जबकि शहरों और कंटेनमेंट जोन्स में यह थोड़ा अधिक है। ऐसे में भारत में कम्युनिटी ट्रांसमिशन तो बिल्कुल भी नहीं है। सेरो सर्वे के मुताबिक, तब तक देश की 0.73 फीसदी आबादी संक्रमित हुई थी।
अंग्रेजी न्यूज साइट ने जब स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता से इस रिपोर्ट के संदर्भ में पूछने के लिए फोन किया, तब उनकी बात मंत्रालय मं आर्थिक सलाहकार निलंबुज सरण से हुई। वह इसके अलावा मेंटल हेल्थ से जुड़े विभाग का काम भी देखते हैं, पर उन्होंने जवाब देने से इन्कार कर दिया।
क्या है कम्युनिटी ट्रांसमिशन/स्प्रेड?: World Health Organisation (WHO) के अनुसार, कम्युनिटी ट्रांसमिशन की पुष्टि तब होती है जब पुष्ट मामले पकड़ में नहीं आते और वे बड़े स्तर पर संक्रमण की चेन को पॉजिटिव केस बढ़ाते हुए बनाते चले जाते हैं। वहीं, US Centers for Disease Control and Prevention के मुताबिक, Community Spread/Community Transmission तब होता है, जब संक्रमण के स्रोत के बारे में पता नहीं चल पाता कि वह आखिर फैल कहां से रहा है? और, सरल शब्दों में कहें तो इसमें पता ही नहीं चल पाता कि कौन संक्रमित और वह कहां-कहां बीमारी को फैला रहा/आया है।