Coronavirus Lockdown 5.0: कोरोना वायरस महामारी और लॉकडाउन के चलते लाखों की संख्या में प्रवासी मजदूर अपने गृह नगर की तरफ लौटे हैं। ऐसे में रोजगार ना होने के चलते मई में 2.19 करोड़ से अधिक परिवारों ने ग्रामीण गांरटी योजना का उपयोग किया, जो कि मई माह के लिए पिछले आठ वर्षों में सबसे अधिक है। एक आधिकारिक डेटा से ये जानकारी मिली है।

डेटा विश्लेषण से पता चलता है कि मई में काम करने वाले परिवारों की संख्या पिछले साल इसी महीने के दौरान 2.12 करोड़ से 7.10 लाख अधिक थी। ये डेटा वर्तमान में MGNREGA पोर्टल पर 2013-14 से उपलब्ध है। ग्रामीण विकास मंत्रालय में सूत्रों ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि मई 2020 में 41 करोड़ से अधिक व्यक्ति प्रतिदिन रोजगार दिया गया जो कि पिछले साल इसी माह में 36.95 करोड़ था।

सूत्रों ने बताया कि ये अनंतिम आंकड़े हैं जिसके आगामी सप्ताह में बढ़ने की तरफ संशोधित होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि मई में औसतन लगभग 2.5 करोड़ लोगों को रोजाना नौकरी दी गई जबकि पिछले साल इसी महीने में लगभग 1.45 करोड़ लोगों को नौकरी मिली थी। पिछले दस दिनों में औसतन तीन करोड़ से अधिक लोगों को रोजाना नौकरी की पेशकश की गई थी।

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2019-20 में 2.15 करोड़ परिवारों को महीने में काम मिला। इसी तरह 2018-19 में 1.93 करोड़, 2017-18 में 2.28 करोड़ और 2016-17 में 2.46 करोड़ परिवारों को इस योजना के तहत काम मिला।

इस मामले में उत्तर प्रदेश में रिकॉर्ड 21.88 लाख की बढ़ोतरी देखने को मिली। प्रदेश में मई 2020 में 33.22 लाख परिवार को रोजगार दिया गया जबकि पिछले साल मई में ये संख्या 11.34 लाख थी। यूपी के बाद दूसरा राज्य पश्चिम बंगाल हैं जहां 9.91 लाख रोजगार की बढ़ोतरी देखने को मिली। इसके बाद छत्तीसगढ़ (7.14 लाख), मध्य प्रदेश (4.97 लाख) और ओडिशा (3.11 लाख) हैं।

हालांकि एक दर्जन से अधिक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश में मई माह में गिरावट भी दर्ज की गई है। सबसे अधिक गिरावट तेलंगाना (18.21) में दर्ज की गई है। इसी तरह तमिलनाडु (13.29 लाख), राजस्थान (10.21 लाख), असम (2.90 लाख) और केरल (1.55 लाख) जैसे राज्यों में भी बड़ी गिरावट देखने को मिली। तेलंगाना में इस योजना के तहत महज 3,884 परिवारों ने रोजगार पाया, जबकि पिछले साल मई में ये संख्या 18.25 लाख थी।