केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा है कि कोरोना महामारी से निपटने में अगले तीन माह बेहद अहम होंगे। स्वास्थ्य मंत्री ने लोगों से त्योहारों के मौसम में सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क जैसे नियमों का पालन करने की अपील की। उन्होंने कहा कि अगर हमने ठंड और त्योहारों के मौसम में इनका पालन किया तो हम कोरोना के खिलाफ लड़ाई में बेहतर स्थिति में होंगे।
भारतीय कंपनी भारत बायोटेक द्वारा विकसित किए जा रहे कोरोना वायरस के टीके को लेकर दिवाली के बाद खुशखबरी मिल सकती है। दरअसल कंपनी दिवाली के बाद टीके का तीसरे चरण का ट्रायल शुरू करेगी। तीसरे चरण के ट्रायल में करीब 40 हजार लोगों पर टीके का परीक्षण किया जाएगा। सकारात्मक नतीजे मिलने के बाद ही कंपनी टीके के प्रोडक्शन की तरफ बढ़ेगी।
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स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, एक दिन में कुल 54,366 नए मामले सामने आए, जबकि 690 और मौतें होने से देश में इस महामारी में मरने वालों की संख्या 1,17,306 हो गई। कोरोना वायरस संक्रमण के उपचाराधीन मरीजों की संख्या 7 लाख से नीचे है। देश में कोविड-19 के 6,95,509 इलाजरत मरीज हैं, जो कुल मामलों का 8.96 प्रतिशत है। देश में कुल 69,48,497 लोगों ने अब तक इस बीमारी से निजात पाई है। मरीजों के ठीक होने की राष्ट्रीय दर बढ़कर अब 89.53 प्रतिशत तक हो गई है जबकि मृत्यु दर 1.51 प्रतिशत है।
Highlights
बीते 24 घंटे में देश में कोरोना से 690 मरीजों की मौत हुई है। जिनमें सबसे ज्यादा महाराष्ट्र में 198, कर्नाटक में 74, पश्चिम बंगाल में 64, छत्तीसगढ़ में 52, तमिलनाडु में 45, दिल्ली में 35 मरीज शामिल हैं
भारत में कोविड-19 के दैनिक नए मामले लगातार पांचवें दिन 60,000 से नीचे रहे। 24 घंटे के अंतराल में 54,366 नए मामले सामने आने से देश में संक्रमण के कुल मामले शुक्रवार को बढ़कर 77,61,312 हो गए। साथ ही देश में ठीक हुए मरीजों की संख्या बढ़कर 69 लाख के पार हो गई है।
केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की विशेषज्ञ समिति (एसईसीएस) ने पांच अक्टूबर को कंपनी के आवेदन पर विचार-विमर्श किया था। समिति ने विस्तृत विचार-विमर्श के बाद कहा था कि तीसरे चरण के अध्ययन का डिजाइन सिद्धांत रूप में संतोषजनक है, सिवाय बिना लक्षण वाले की परिभाषा पर स्पष्टीकरण आदि के।
भारत के 10 राज्यों में तेजी से कोरोना मरीज ठीक हो रहे हैं। हालात ये हैं कि हाल ही में ठीक हुए 81 फीसदी मामले इन 10 राज्यों से ही हैं। इनमें महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, दिल्ली, राजस्थान और उत्तर प्रदेश का नाम शामिल है। वहीं प्लाज्मा थेरेपी से कोरोना मरीजों को फायदा मिला है। खासकर कोरोना के लक्षणों जैसे थकान और सांस फूलने की समस्या में काफी राहत मिली है। आईसीएमआर की एक रिसर्च में यह खुलासा हुआ है।
कोरोना का प्रकोप कम होने का नाम नहीं ले रहा है। विश्व के कई बड़े देश वैक्सीन बनाने में जुटे हुए हैं। इसी बीच दुनिया की सबसे बड़ी टीका निर्माता कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ने एक चौंकने वाला दावा किया है। सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ अदर पूनावाला का कहना है कि दुनिया में अगले 20 साल तक कोरोना का संक्रमण होता रहेगा और तब तक कोविड-19 के टीके की जरूरत रहेगी।
प्लाज्मा थेरेपी से कोरोना मरीजों को फायदा मिला है। खासकर कोरोना के लक्षणों जैसे थकान और सांस फूलने की समस्या में काफी राहत मिली है। आईसीएमआर की एक रिसर्च में यह खुलासा हुआ है। ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में यह स्टडी प्रकाशित हुई है। इस स्टडी में 464 कोरोना मरीजों पर अध्ययन किया गया है।
बीते 24 घंटे में देश में कोरोना से 690 मरीजों की मौत हुई है। जिनमें सबसे ज्यादा महाराष्ट्र में 198, कर्नाटक में 74, पश्चिम बंगाल में 64, छत्तीसगढ़ में 52, तमिलनाडु में 45, दिल्ली में 35 मरीज शामिल हैं।
वहीं COVID-19 के खिलाफ रूस द्वारा विकसित की गई Sputnik V वैक्सीन भारत के 100 वॉलंटियर्स पर टेस्ट की जाएगी। गुरुवार को यह जानकारी डीसीजीआई ने दी। डीसीजीआई ने इसी के साथ डॉ.रेड्डी लैबोरेट्रीज को टेस्ट कराने के लिए मंजूरी दे दी है। हालांकि, टेस्ट किस दिन और किस वक्त होंगे, यह कंपनी तय करेगी।
भारत में कोविड-19 के दैनिक नए मामले लगातार पांचवें दिन 60,000 से नीचे रहे। 24 घंटे के अंतराल में 54,366 नए मामले सामने आने से देश में संक्रमण के कुल मामले शुक्रवार को बढ़कर 77,61,312 हो गए। साथ ही देश में ठीक हुए मरीजों की संख्या बढ़कर 69 लाख के पार हो गई है।
पूनावाला ने कहा कि इतिहास में ऐसा कभी नहीं देखा गया है कि किसी टीके की जरूरत एक ही बार में खत्म हो गई हो। उन्होंने कहा, 'फ्लू, निमोनिया, चेचक और पोलिया का टीका कितने साल से चल रहा है, इनमें से कोई भी बंद नहीं हुआ है।' उन्होंने कहा कि यदि जनसंख्या के 100 फीसदी का टीकाकरण कर दिया जाए तो भी कोविड-19 टीके की जरूरत खत्म नहीं होगी।
दुनिया की सबसे बड़ी टीका निर्माता कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ अदर पूनावाला का कहना है कि दुनिया में अगले 20 साल तक कोरोना का संक्रमण होता रहेगा और तब तक कोविड-19 के टीके की जरूरत रहेगी।
भारत में कोविड-19 के दैनिक नए मामले लगातार पांचवें दिन 60,000 से नीचे रहे। 24 घंटे के अंतराल में 54,366 नए मामले सामने आने से देश में संक्रमण के कुल मामले शुक्रवार को बढ़कर 77,61,312 हो गए। साथ ही देश में ठीक हुए मरीजों की संख्या बढ़कर 69 लाख के पार हो गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा शुक्रवार सुबह आठ बजे अद्यतन किए गए आँकड़ों के अनुसार, एक दिन में कुल 54,366 नए मामले सामने आए, जबकि 690 और मौतें होने से देश में इस महामारी में मरने वालों की संख्या 1,17,306 हो गई। कोरोना वायरस संक्रमण के उपचाराधीन मरीजों की संख्या 7 लाख से नीचे है। देश में कोविड-19 के 6,95,509 इलाजरत मरीज हैं, जो कुल मामलों का 8.96 प्रतिशत है। देश में कुल 69,48,497 लोगों ने अब तक इस बीमारी से निजात पाई है। मरीजों के ठीक होने की राष्ट्रीय दर बढ़कर अब 89.53 प्रतिशत तक हो गई है जबकि मृत्यु दर 1.51 प्रतिशत है।
बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर घोषणा पत्र से पार्टियां मतदातों को रिझाने में लगी हैं। गुरुवार को पटना में बीजेपी का संकल्प पत्र जारी करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि देश में कोरोना वायरस की चार तरह की वैक्सीन बनाई गई है। एक बार जब इन वैक्सीन का बड़े पैमाने पर उत्पादन शुरू हो जाएगा, तब बिहार में यह लोगों को मुफ्त दी जाएगी।
स्वास्थ्य मंत्रालय के उच्च पदस्थ अधिकारियों के अनुसार, केंद्र सरकार वैक्सीन की खरीद कर राज्य सरकारों को उपलब्ध कराएगी। इसके बाद राज्य सरकारों को सब कुछ तय करना है। वैक्सीन के मामले में केंद्र सरकार ने एक्सपर्ट ग्रुप बनाया है, जो खरीद से लेकर लोगों को देने तक की पूरी प्रणाली को चाक-चौबंद करने में जुटा है।
केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की विशेषज्ञ समिति (एसईसीएस) ने पांच अक्टूबर को कंपनी के आवेदन पर विचार-विमर्श किया था। समिति ने विस्तृत विचार-विमर्श के बाद कहा था कि तीसरे चरण के अध्ययन का डिजाइन सिद्धांत रूप में संतोषजनक है, सिवाय बिना लक्षण वाले की परिभाषा पर स्पष्टीकरण आदि के।
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के सहयोग से भारत बायोटेक ''कोवाक्सिन'' टीका स्वदेशी रूप से विकसित कर रही है। हैदराबाद स्थित टीका निर्माता ने दो अक्टूबर को डीसीजीआई को आवेदन देकर अपने टीके के तीसरे चरण के लिए परीक्षण की अनुमति मांगी थी। कंपनी ने अपने आवेदन में कहा था कि इस अध्ययन में 18 वर्ष या उससे अधिक उम्र के 28,500 लोगों को शामिल किया जाएगा और यह परीक्षण 10 राज्यों के 19 स्थानों पर किया जाएगा। इन स्थानों में दिल्ली, मुंबई, पटना और लखनऊ शामिल हैं।
ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने भारत बायोटेक को वैक्सीन के तीसरे फेज के ट्रायल की मंजूरी दे दी है। भारत बायोटेक उन दो कैंडिडेट में से एक है जो स्वदेशी हैं। भारत बायोटेक ने पहले और दूसरे फेस के ट्रायल के डाटा के साथ एनिमल चैलेंज डेटा पेश किया। सारा डेटा देखकर हुई चर्चा के बाद मंजूरी दी गई है।
पिछले 24 घंटों में COVID19 के 54,366 नए मामले सामने आए, कुल मामले 77,61,312 हो गए। 690 नई मौतों के बाद कुल मौतें 1,17,306 हो गईं। पिछले 24 घंटे में 20,303 की कमी के बाद कुल सक्रिय मामले 6,95,509 हो गए। 73,979 नए डिस्चार्ज के साथ ठीक हुए मामले 69,48,497 हो गए।
आरडीआईएफ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) किरिल दमित्रिएव ने कहा था, 'हम भारतीय नियामको के साथ सहयोग कर प्रसन्न हैं। हम भारत में होने वाले परीक्षण के साथ ही रूस में तीसरे चरण के परीक्षण के डेटा को साझा करेंगे। इससे स्पूतनिक वी के क्लिनिकल विकास में मदद मिलेगी।’
सितंबर 2020 में डॉ.रेड्डीज़ और RDIF ने Sputnik V वैक्सीन के परीक्षण और भारत में इसके वितरण के लिये साझेदारी की थी। साझेदारी के तहत आरडीआईएफ भारत में विनियामक अनुमोदन पर डॉ.रेड्डीज को वैक्सीन की 10 करोड़ खुराक की आपूर्ति करेगा।
सरकारी अधिकारी के अनुसार डॉ.रेड्डी लैब ने कहा है कि दूसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल के 100 स्वयंसेवकों को शामिल किया जा सकता है वहीं तीसरे फेज के ट्रायल के लिए यह संख्या 1400 हो सकती है।
स्पुतनिक ने संगठन के हवाले से कहा कि टीका लगने के तीसरे चरण में पहुंचने से पहले दो क्लीनीकल ट्रायल किए जाएंगे। वहीं पिछले हफ्ते डीजीसीआई की विशेषज्ञ समिति ने दूसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल के लिए डॉ. रेड्डी की प्रयोगशालाओं को अनुमति देने की सिफारिश की थी।
भारत ने रूसी स्पुतनिक वी वैक्सीन का परीक्षण करने की अनुमति दे दी थी। अब कोरोना के खिलाफ रूसी स्पुतनिक वी वैक्सीन का परीक्षण भारत में 100 वॉलंटियर्स पर किया जाएगा। भारतीय औषधि महा नियंत्रक (डीजीसीआई) ने यह जानकारी दी। डीजीसीआई ने परीक्षण करने के लिए फार्मास्युटिकल कंपनी डॉ. रेड्डी की प्रयोगशालाओं को अनुमति दी है। हालांकि, परीक्षण की तारीख और समय कंपनी द्वारा निर्धारित किया जाएगा।