Coronavirus in India: देश में घातक कोरोना वायरस के प्रकोप के बीच डॉक्टर लगातार सोशल डेस्टेंसिंग का पालन करने के लिए कह रहे हैं। मगर मुंबई में रेजिडेंट डॉक्टरों को खुद इस नियम का पालन करने में खासी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। ये डॉक्टर जिस हॉस्टल में रुके हैं वहां तीन से चार डॉक्टरों को एक कमरा साझा करना पड़ रहा है। इन डॉक्टरों के बिस्तर भी एक या दो फीट के नजदीक ही हैं। इसके अलावा करीब 10 डॉक्टरों के लिए टॉयलेट की सुविधा है।

रविवार (12 अप्रैल, 2020) को सायन हॉस्पिटल (Sion hospital) में दो डॉक्टर टेस्टिंग के दौरान कोरोना से संक्रमित पाए गए। इसके अलावा सेवन हिल्स हॉस्पिटल में दो और के कोरोना टेस्ट पॉजिटिव पाए गए। नए मामलों सामने आने के बाद रेजिडेंट डॉक्टरों के बीच कोरोना संक्रमण का खतरा मंडराने लगा है।

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इन डॉक्टरों को डर है कि क्वार्टर में करीब रहने पर वो संक्रमण के शिकार हो सकते हैं। बता दें कि मुंबई में कम से कम 90 स्वास्थ्य कर्मचारी कोरोना वायरस संक्रमण के संपर्क में आए हैं, जो शहरों के कुल मामलों का करीब 8 फीसदी है। मुंबई में कोरोना के अधिक केस के चलते महाराष्ट्र संक्रमण के मामलों में देश में पहले नंबर पर है। मामले में सायन हॉस्पिटल के एक रेजिडेंट डॉक्टर ने पूछा, ‘अगर हम ही नहीं रहे तो मरीजों का इलाज कौन करेगा?’

इन डॉक्टरों का अनुरोध है कि फीवर क्लीनिक और आइसोलेशन वार्ड में तैनात लोगों के लिए अलग-अलग आवास दिए जाएं। बता दें कि सेवन हिल्स हॉस्पिटल कोविड मामलों के डॉक्टरों के लिए ताज होटल में उनके रहने की व्यवस्था की है जबकि अन्य हॉस्पिटलों ने स्टाफ से हॉस्टल में ही ‘एडजस्ट’ करने के लिए कहा है। सायन हॉस्पिटल में 800 से ज्यादा रेजिडेंट डॉक्टरों के लिए 210 कमरों वाले तीन हॉस्टल हैं।

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उल्लेखनीय है कि मेडिसिन और सर्जरी विभाग के दो डॉक्टरों में कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई है। इनमें से एक ने आइसोलेशन वार्ड में काम किया था। दूसरा एक गंभीर रूप से बीमार रोगी के उपचार के दौरान वहां मौजूद था। दरअसल मरीज के फेफड़े पानी भर गया था। वह बेदम था, मगर डॉक्टरों के पास उसकी रिपोर्ट आने तक इंतजार करने का समय नहीं था और उसकी सर्जरी की गई। सर्जरी के बाद उसे कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई।