Coronavirus in India: देश में कोरोना वायरस के प्रसार को देखते हुए स्वास्थ्य अधिकारी कोरोना की टेस्टिंग बढ़ाने जा रहे हैं। ये टेस्टिंग देश के उन 436 जिलों में भी होगी जहां कोरोना वायरस का कोई मामला सामने नहीं आया है। ऐसा बीमारी के प्रसार का वास्तविक अनुमान प्राप्त करने के लिए किया जाएगा। सरकारी सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक उपलब्ध जानकारी के आधार पर उन क्षेत्रों का चयन किया जाएगा, जहां कोरोना टेस्टिंग होगी।
दरअसल 21 दिवसीय लॉकडाउन के तीसरे सप्ताह में सरकार को लगता है कि कोरोना वायरस मुक्त जिलों में प्रर्याप्त टेस्टिंग किए बिना लॉकडाउन पर कोई भी निर्णय लेने में जोखिम हो सकता है। इसिलए दो डेटाबेस (आरोग्य सेतु ऐप और सर्विलांस) की जानकारी का इस्तेमाल कर उन क्षेत्रों का चुनाव किया जाएगा जहां लक्षणविहीन लोगों के बीच पूल टेस्टिंग शुरू की जाएगी। सूत्रों ने बताया कि ये टेस्टिंग आरटी-पीसीआर, न्यूक्लिक एसिड बेस्ड टेस्ट के माध्यम से की जाएगी, जिसका इस्तेमाल भारत में शुरू हो रहा है।
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एक उच्च पदस्थ सूत्र ने बताया, ‘हमारे पास पहले से ही आरोग्य सेतु ऐप के कुछ करोड़ डाउनलोड हैं। उस से ट्रैकिंग डेटा से हमें बीमारी के प्रसार के बारे में एक आइडिया मिलेगा और उसके बाद हमारा अपने डेटा भी है। इन दोनों डेटाबेस को मिलाते हुए हम कुछ कोरोना मुक्त जिलों के चुनिंदा क्षेत्रों में पूलिंग टेस्टिंग करेंगे ताकि यह देखा जा सके कि क्या सचमुच ये जिले कोरोना वायरस से मुक्त हैं। एनसीडीसी (नेशनल सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल) क्षेत्रों का चयन करेगा। एक बार रोगसूचक लोगों की टेस्टिंग निगेटिव आ जाए, हम कह सकते हैं कि एक विशेष क्षेत्र कोरोना वायरस की घातक बीमारी से मुक्त है।’
सूत्र ने आगे बताया कि इस संदर्भ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते मंगलवार को आरोग्य सेतु ऐप पर एक उच्च स्तरीय बैठक की। बैठक में कैबिनेट मंत्री राजनाथ सिंह, अमित शाह, रामविलास पासवान, रविशंकर प्रसाद, पीयूष गोयल और प्रकाश जावड़ेकर ने भाग लिया।
उल्लेखनीय है कि अभी तक 131271 ऐसे लोगों की टेस्टिंग की जा चुकी है जिनमें विदेश यात्रा इतिहास, कोरोना मरीजों के संपर्क में आए डॉक्टरों या कोरोना की पुष्टि के मरीजों के संपर्क में आए रोगसूचक लोग शामिल हैं। इनमें से 13345 टेस्ट पिछले 24 घंटों में 139 ICMR प्रयोगशालाओं, 2266 मामले 69 निजी प्रयोगशालाओं में किए गए। भारत 40,000 प्रति दिन टेस्टिंग तक पहुंचने के लिए हर कुछ दिनों में दोहरे परीक्षण के लिए एक ठोस प्रयास कर रहा है।

