एक मई से प्राइवेट अस्पतालों को कोवीशील्ड वैक्सीन 600 रुपए में दी जाएगी। 600 रुपए यानी लगभग आठ डॉलर। यह इस वैक्सीन का पूरी दुनिया में सबसे अधिक कीमत है। ब्रिटेन में यह तीन डालर और अमेरिका में चार डालर में बेची जा रही है। भारत के बाद इसके बाद यह सऊदी अरब और दक्षिण अफ्रीका को सवा पांच डालर में बेची जा रही है। यूरोपीय यूनियन के कुछ देशों को तो यह मात्र 2.15 डालर में बेची जा रही है।
सबसे आहत करने वाली बात यह है कि वैक्सीन बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के मालिक अदर पूनावाला ने एक बार कहा था कि प्रॉफिट तो वे डेढ़ सौ रुपए के दाम पर भी कमा रहे हैं। आप जानते हैं कि सीरम इंस्टीट्यूट इस वैक्सीन को बनाने भर का काम करता है। इसे विकसित तो ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और ऐस्ट्राजेनका ने किया है।
शायद यह भी गनीमत है कि दवा छह सौ की मिलेगी, पूनावाला के दिमाग में तो फी डोज़ एक हजार रुपए की बात भी थी। उन्हें कहा था कि भारत सरकार को वे दस करोड़ डोज़ ही 200 रुपए में देने के बाद प्राइवेट मार्केट के लिए इसके दाम 1000 कर देंगे।
यह भी असंभव नहीं है कि सरकारी अस्पतालों में वैक्सीन लगवाने जाने वालों को भी रकम ढीली करनी पड़े। उल्लेखनीय है कि केंद्र और राज्य सरकार के लिए भी इसके दाम दो सौ से बढ़ा कर चार सौ रुपए कर दिए गए हैं। अब अगर राज्य सरकारों ने इतन बोझ उठाने में असमर्थता जता दी तो मरीज को भुगतान करना पड़ेगा। हालांकि ज्यादातर राज्य सरकारें फ्री वैक्सीनेशन का भरोसा दे रही हैं।
अदर पूनावाला ने बताया कि पिछले महीने केंद्र ने उनको तीन हजार करोड़ रुपए एडवांस दिए थे। इस पैसे के लिए सरकार को कोवीशील्ड के 11 करोड़ डोज़ डेढ़ सौ के रेट में दिए जाएंगे। बाद के सारे ट्रांज़ैक्शन 400 रुपए के रेट पर होंगे। फिर याद दिला दें कि डेढ़ सौ रुपए में बेच कर भी कंपनी प्रॉफिट कमाती है।
We at @SerumInstIndia have for the past five decades been at the forefront of supplying vaccines and saving lives globally. We care about and respect every human life and strongly believe in transparency, and thus we hope our statement below can clear any confusions. pic.twitter.com/YQ3x38BuFL
— SerumInstituteIndia (@SerumInstIndia) April 24, 2021
टीका के दामों को लेकर जारी विवाद पर कंपनी ने शनिवार को कहा कि सीरम इंस्टिट्यूट में बनी वैक्सीन का एक सीमित हिस्सा ही प्राइवेट अस्पतालों को दिया जाएगा और इसे ही 600 रुपये में बेचा जाएगा। साथ ही कंपनी ने यह भी कहा कि टीका की उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए और अधिक इन्वेस्ट करने की जरूरत है।