कोरोना वायरस का खौफ अभी पूरी दुनिया से खत्म नहीं हुआ है। महामारी के बढ़ते खौफ को देखते हुए इंग्लैंड में देशव्यापी लॉकडाउन लगाया गया है। कहा जा रहा है कि फरवरी मध्य तक यहां लॉकडाउन लागू रह सकता है। देश के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा कि नये स्ट्रेन को देखते हुए इसके प्रकोप को कम करने के लिए यह लॉकडाउन लगाया गया है। प्रधानमंत्री के इस ऐलान के बाद अब इंग्लैंड के 56 मिलियन लोग पूरी तरह से लॉकडाउन में रहेंगे।
हालांकि यहां पहले से करीब 44 मिलियन आबादी कड़े प्रतिबंधों के बीच रह रही है। यहां के पीएम ने कहा कि लोगों को एक बार फिर से घर पर रहना होगा। इंग्लैंड में इस समय नया वायरस काफी खतरनाक तरीके से फैल रहा है। यहां पीएम ने कहा कि ‘हमारे अस्पताल कोरोना के नए वायरस की वजह से बहुत अधिक अंडर प्रेशर में हैं और महामारी के बाद ऐसा पहली बार है।’ उन्होंने बताया कि मंगलवार से स्कूल, कॉलेज और यूनिवर्सिटी बंद रहेंगे और ये सभी ऑनलाइन ही चलेंगे। सिर्फ आवश्यक वस्तुओं के लिए ही लोग घरों से बाहर जा सकेंगे।
भारत में वैक्सीन की यह है स्थिति: भारत बायोटेक की तरफ से सोमवार को बताया गया कि कोवैक्सिन कोरोना वायरस के नये स्ट्रेन पर भी प्रभावकारी है। कंपनी के एमडी डॉक्टर कृष्णा एला ने कहा कि अभी यह सिर्फ परिकल्पना है। लेकिन मुझे सिर्फ एक हफ्ते का समय चाहिए। मैं इसके बारे में डेटा भी दूंगा। भारत बायोटेक की तरफ से बताया गया है कि SARS-CoV-2 virus पर यह वैक्सीन प्रभावी है।
कोविड -19 के खिलाफ भारत के टीकाकरण अभियान का लक्ष्य है कि जुलाई तक 30 करोड़ लोगों को संक्रमित बीमारी से सुरक्षा प्रदान हो सके, जिसमें स्वास्थ्य देखभाल कर्मी, फ्रंट-लाइन कार्यकर्ता और संक्रमण से ज्यादा जोखिम वाले लोग शामिल हैं। प्रत्येक सत्र में न्यूनतम 100 वैक्सीन प्राप्त करने वाले बड़े सार्वजनिक और निजी स्वास्थ्य सुविधाओं में इनका टीकाकरण किया जाएगा।
भारत में जल्द लगेगा वैक्सीन: देश को वैक्सीन मिलने के बाद अब जल्द ही व्यापक पैमाने पर इसे लोगों को लगाने के लिए कार्यक्रम शुरू किया जाएगा। इसके लिए जल्दी ही एक शिड्यूल भी जारी किया जाएगा। SII और Bharat Biotech को बड़ी मात्रा में वैक्सीन के डोज तैयार रखने के लिए कहा गया है। लखनऊ, पंचकूला, चेन्नई और दिल्ली में 30 से ज्यादा वैक्सिनेशन हब बनाए गए हैं। कंपनी द्वारा वैक्सीन भेजे जाने के बाद राज्य सरकार इस डोज को वैक्सिनेशन प्वाइंट पर पहुंचाएगी। पहले चरण में 70 लाख पब्लिक और प्राइवेट हेल्थ वर्करों को यह वैक्सीन दी जाएगी।