Covid Vaccination in India: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि देश की कम से कम 96 प्रतिशत आबादी (व्यस्क) को कोविड-19 रोधी टीका की पहली खुराक दी जा चुकी है, जबकि अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स के वैक्सीन ट्रैकर के हिसाब से भारत में यह आंकड़ा 73 फीसदी है। मोदी के मुताबिक, देश में 15 साल से अधिक उम्र (समझा जा सकता है कि 15 से 60 साल तक के लोग) की 85 प्रतिशत पात्र आबादी को कोरोना वैक्सीन की दूसरी खुराक दी जा चुकी है। पर ट्रैकर पर उपलब्ध डेटा यहां भी मोदी के दावे से कुछ इतर कहानी बयान करते हैं। एनवाईटी के ट्रैकर की मानें तो मौजूदा समय में सिर्फ 62 फीसदी भारतीयों को कोरोना के दोनों डोज दिए गए हैं।
दरअसल, पीएम बुधवार (27 अप्रैल, 2022) को कोरोना पर विभिन्न सूबों के मुख्यमंत्रियों के साथ समीक्षा ले रहे थे। उन्होंने इस दौरान भारत में कोरोना टीकाकरण पर ताजा अपडेट देते हुए कहा, “यह हर नागरिक के लिए गर्व की बात है कि हमारी 96% वयस्क आबादी को टीके की पहली खुराक मिल चुकी है, जबकि 15 साल से अधिक उम्र की 85 प्रतिशत पात्र आबादी को कोविड-19 वैक्सीन की दूसरी खुराक दी जा चुकी है।”
मोदी के मुताबिक, “अन्य देशों की तुलना में कोरोना संकट को अच्छी तरह से संभालने के बावजूद हम अब फिर से राज्यों में आ रहे मामलों में तेजी देख सकते हैं। हमें अलर्ट रहना है। यह स्पष्ट है कि कोविड की चुनौती अभी तक खत्म नहीं हुई है।” वैसे, भारत में 16 जनवरी, 2021 से कोरोना टीकाकरण की शुरुआत हुई थी।
न्यू यॉर्क टाइम्स की वेबसाइट (nytimes.com) के वैक्सीन ट्रैकर के मुताबिक, “संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में 99% से अधिक, ब्रुनेई में 94%, माल्टा में 93%, चिली, पुर्गाल और कतर में 92% आबादी को दोनों टीका मिल चुके हैं।” आंकड़ों में आगे बताया गया कि मेनलैंड चाइना में 89 फीसदी, क्यूबा में 88 फीसदी, सिंगापुर में 87 फीसदी, भूटान में 87 फीसदी, मकाऊ में 87 फीसदी, दक्षिण कोरिया में 86 फीसदी, स्पेन में 86 फीसदी, कंबोडिया में 86 फीसदी, ऑस्ट्रेलिया में 85 फीसदी, कनाडा, न्यूजीलैंड, मलेशिया, अर्जेंटीना और उरुगवे में 83 फीसदी लोग पूरी तरह से वैक्सिनेट किए जा चुके हैं।
इस डेटा के हिसाब से भारत में 73 फीसदी लोगों (आंशिक तौर पर यानी पहली खुराक) का टीकाकरण हुआ है, जबकि 62 फीसदी लोगों को ही वैक्सीन की दोनों खुराक मिली हैं। वैक्सीन ट्रैकर के मुताबिक, श्रीलंका (जो मौजूदा समय में आर्थिक उथल-पुथल से जूझ रहा है) में 78 फीसदी को टीका की पहली डोज मिली, जबकि 66 फीसदी लोग पूरी तरह से वैक्सिनेट किए जा चुके हैं। इस बीच, ourworldindata.org पर मौजूद कोरोना टीकाकरण से जुड़ा डेटा नीचे ग्राफ में है। वह भी कुछ मिलती-जुलती कहानी बयान करता है:

टीकाकरण के मामले में अमीर मुल्कों की तुलना में गरीब मुल्कों का हाल खासा पस्त नजर आता है। “Our World In Data” के यूएस न्यूज एंड वर्ड रिपोर्ट के 24 अप्रैल, 2022 तक के आंकड़ों के अनुसार, अधिक आय वाले देशों में 79.41% आबादी को कम से कम एक डोज दी जा चुकी है, जबकि 74.36 फीसदी लोग पूरी तरह से वैक्सिनेट किए जा चुके हैं। वहीं, 46.93 फीसदी आबादी को बूस्टर शॉट मिल चुका है।
अपर मिडिल इनकम वाले मुल्कों की बात करें तो वहां 81.65 फीसदी को कम से कम एक डोज, 77.02 फीसदी को दोनों खुराक, और 41.43 फीसदी को बूस्टर शॉट दिए जा चुके हैं, जबकि कम आय वाले देशों में महज 15.23 फीसदी आबादी को कम से कम एक डोज, 12.16 फीसदी को दोनों खुराक और केवल 0.59 आबादी को बूस्टर शॉट नसीब हुआ।
आपको बता दें कि विभिन्न वैक्सीन ट्रैकर्स पर उपलब्ध आंकड़ों की मानें तो मौजूदा समय में विश्व की 67% आबादी को वैक्सीन (पहली खुराक) मिल चुकी है, जिसमें 60 प्रतिशत लोगों को टीके की दोनों खुराक दी जा चुकी हैं।