कांग्रेस में इन दिनों वर्किंग कमेटी की बैठक के आयोजन की तैयारी चल रही हैं। ऐसे वक्त में जब कांग्रेस पार्टी में नेतृत्व के मुद्दे पर विरोध के स्वर सुनाई दे रहे हैं, तब कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक काफी अहम मानी जा रही है। दरअसल पार्टी के अंदर ही इस तरह की बातें चल रही हैं कि कांग्रेस कमजोर पड़ रही है और मौजूदा स्थिति में वह नरेंद्र मोदी और बीजेपी का सामना नहीं कर सकती है। कुछ नेताओं का तो यह भी मानना है कि यदि लंबे समय तक ऐसे ही चला तो हो सकता है कि कांग्रेस राष्ट्रीय परिदृश्य से गायब ही हो जाए।

शशि थरूर, मनीष तिवारी और राजीव साटव जैसे कांग्रेसी नेता खुलकर नेतृत्व के मुद्दे पर आवाज उठा चुके हैं। दरअसल कांग्रेस में मांग उठ रही है कि एक पूर्णकालिक अध्यक्ष की नियुक्ति हो, जिसके नेतृत्व में पार्टी में अहम बदलाव किए जाएं। पार्टी कार्यकर्ता और नेता चाहते हैं कि राहुल गांधी अध्यक्ष पद फिर से संभालें। सोनिया गांधी भी यही चाहती हैं लेकिन राहुल गांधी अभी इसके इच्छुक नहीं दिखाई दे रहे हैं।

हाल ही में प्रियंका गांधी का एक पुराना इंटरव्यू खासा चर्चा में रहा था, जिसमें प्रियंका गांधी ने कहा था कि वह और उनके भाई किसी नॉन-गांधी को अध्यक्ष बनाए जाने पर सहमत हैं। हालांकि कांग्रेस पार्टी ने अपने आधिकारिक बयान में कहा है कि यह पुराना इंटरव्यू एक एजेंडे के तहत इस्तेमाल किया गया है और पार्टी कार्यकर्ता राहुल गांधी को अपना नेता स्वीकार करते हैं।

माना जा रहा है कि CWC की बैठक में नेतृत्व के सवाल पर कुछ और आवाजें उठ सकती हैं और यह भी स्पष्ट है कि सोनिया गांधी भी राहुल गांधी को यह जिम्मेदारी देने की इच्छुक हैं लेकिन यदि वह इंकार कर देते हैं तो कांग्रेस ने इसके लिए एक नया रास्ता निकाला है।

न्यूज 18 की एक रिपोर्ट के अनुसार, ऐसी संभावनाएं हैं कि यदि राहुल गांधी अध्यक्ष बनने से इंकार कर देते हैं तो फिर सोनिया गांधी की मदद के लिए दो उपाध्यक्ष नियुक्त किए जा सकते हैं। उपाध्यक्ष पद के लिए गुलाम नबी आजाद, पी.चिदंबरम और मल्लिकार्जुन खड़गे के नाम की चर्चा है। वहीं कुछ युवा नेताओं के नाम भी सामने आ रहे हैं, जिनमें राहुल गांधी के करीबी सुष्मिता देव और मनिकाम टैगोर का नाम प्रमुख है।

नेतृत्व को लेकर स्थिति साफ ना होने के चलते कांग्रेस में इन दिनों बेचैनी का माहौल है, जिसे अनदेखा करना पार्टी के लिए मुश्किल हो रहा है। बता दें कि यूपी में कांग्रेस नेता जितिन प्रसाद ने राजनीतिक हालात को देखते हुए ब्राह्मण समाज का गठन किया है। जितिन प्रसाद की निगाह राज्य के 12 प्रतिशत ब्राह्मणों को साधने की है लेकिन कांग्रेस की अभी इस तरफ कोई रुचि नहीं दिखाई दे रही है। ये भी वजह है कि यदि कांग्रेस नेतृत्व का मुद्दा जल्द ही नहीं सुलझा तो कई नेता अपनी राजनीति को सक्रिय रखने के लिए कांग्रेस से दूरी बना सकते हैं।

उल्लेखनीय है कि कांग्रेस वर्किंग कमेटी की यह बैठक जूम एप की बजाय वेबएक्स (WebEx) एप पर हो सकती है। दरअसल हैकिंग के डर से यह बदलाव किया गया है। सोनिया गांधी ने राज्य सभा सांसदों के साथ जो पिछली मीटिंग जूम एप पर की थी, बताया गया कि वह लीक हो गई थी। ऐसे में कांग्रेस इस बार कोई चांस लेने के मूड में नहीं है और बैठक में शामिल होने वाले नेताओं को मीटिंग के लिंक भी बैठक से कुछ देर पहले ही दिए जाएंगे।