भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी की ओर से अपनी नागरिकता पर सवाल उठाने वाले आरोपों पर करारा पलटवार करते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाया कि वे अपने पिट्ठुओं के जरिए उन पर कीचड़ उछाल रहे हैं। उन्होंने चुनौती दी कि यदि उन्हें दोषी पाया जाता है तो सरकार जेल भेज दे।
पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की 98वीं जयंती पर युवा कांग्रेस के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राहुल ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा पर भी आरोप लगाया कि दोनों संगठन उस वक्त से ही उनके परिवार के सदस्यों पर कीचड़ उछाल रहे हैं, जब वे बच्चे थे। राहुल ने जोर देकर कहा कि वे ऐसी चीजों से नहीं डरने वाले और वे भाजपा के खिलाफ लड़ते रहेंगे।
कांग्रेस नेता ने कहा- जब मैं बच्चा था, उस वक्त से ही मैंने भाजपा और संघ के लोगों को मेरी दादी, मेरे पिता और यहां तक कि मेरी मां पर कीचड़ उछालते देखा है। मैं एक बात कहना चाहता हूं। मोदी जी अब भारत के प्रधानमंत्री हैं। मेरे खिलाफ तरह-तरह के आरोप लगाए जा रहे हैं। उनमें रत्ती भर भी सच्चाई नहीं है। राहुल ने कहा- मोदी जी, ये आपकी सरकार है। आपके पास एजंसियां हैं। मेरे खिलाफ जांच कराएं और यदि मेरे खिलाफ कुछ मिलता है तो मुझे जेल भेज दें। आप जो अपने पिट्ठुओं के जरिए मुझ पर और मेरे परिवार पर कीचड़ उछालते हैं, यह सब बंद करें। आप विपक्ष में नहीं हैं, अब आप सरकार में हैं।
अपने नेता की इन बातों पर युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने खूब तालियां बजाईं। राहुल ने सीधे तौर पर स्वामी का नाम तो नहीं लिया, लेकिन वे उनके उन आरोपों का हवाला दे रहे थे जिसमें दावा किया गया था कि कांग्रेस उपाध्यक्ष ने एक कंपनी शुरू करने के लिए ब्रिटेन के कंपनी कानून अधिकारियों के समक्ष खुद को ब्रिटिश नागरिक बताया था। स्वामी ने मांग की थी कि राहुल की भारतीय नागरिकता खत्म कर दी जाए और उनकी लोकसभा सदस्यता रद्द कर दी जाए। उन्होंने मोदी और फिर लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन को पत्र लिखा था।
आरोपों को खारिज करते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा- मुझे जरा भी डर नहीं है। मैं पीछे नहीं हटूंगा। मैं गरीबों और किसानों के लिए लड़ता रहूंगा। सांप्रदायिकता के मुद्दे पर भाजपा और संघ को आड़े हाथों लेते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष ने इंदिरा गांधी की जिंदगी का हवाला देते हुए बताया कि कैसे उन्होंने ‘उन्मादी ताकतों’ का मुकाबला किया और कांग्रेस कार्यकर्ताओं से इसी भावना से काम करने की अपील की।
राहुल ने कहा- एक तरफ आरएसएस के लोग हैं जो एक-दूसरे को लड़ाते हैं, दंगे कराते हैं और दूसरी तरफ कांग्रेस है जो लोगों को जोड़ती है। उन्होंने कहा- लोगों को मारने वाले लोग थोड़े से हैं, ज्यादा नहीं। ये थोड़े से लोग ही पूरे समुदाय को बदनाम करते हैं। वह आरएसएस है। वह हम सबका नाम बदनाम कर रही है। हमारा काम एक-दूसरे में यकीन करने वाले लोगों को साथ लाना है।
कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ाने के लिए राहुल ने इस धारणा को खारिज करने की कोशिश की कि पिछले आम चुनावों में करारी हार के बाद कांग्रेस कमजोर हो गई है। राहुल ने कार्यकर्ताओं को याद दिलाया कि यह लोकसभा में 44 सांसदों वाली वही कांग्रेस है जिसने यूपीए के भूमि अधिग्रहण विधेयक को कमजोर करने की मोदी सरकार की मंशा नाकाम कर दी। राहुल ने कहा-भाजपा के लोग कहते हैं कि कांग्रेस के पास सिर्फ 40-45 सांसद हैं। मुझे बताएं कि यदि हमारे पास सिर्फ 40-45 सांसद हैं, तो हमने राजग के भूमि विधेयक को कैसे रोक दिया। बड़ी बात यह है कि हमारी विचारधारा क्या है और हम किस तरह लड़ते हैं। हम गरीबों के लिए, दबाए गए लोगों के लिए लड़ते हैं।
कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा- भाजपा को लगा कि बिहार में उसे शानदार जीत मिलेगी। प्रधानमंत्री वहां गए। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह वहां गए। शानदार जीत तो हुई, लेकिन उनकी नहीं। ये हमारी जीत थी। मैं आपको बताना चाहता हूं कि राज्यों में होने वाले आगामी चुनावों में भी हमें शानदार जीत मिलेगी। युवा कांग्रेस और एनएसयूआई को कांग्रेस का भविष्य करार देते हुए राहुल ने ए के एंटनी, मोतीलाल वोरा, अशोक गहलोत और गुलाम नबी आजाद जैसे वरिष्ठ नेताओं की तारीफ की और उन्हें बिहार विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की जीत का श्रेय दिया।
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