कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कई भारतीय पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की कथित जासूसी के मामले को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा है। विपक्ष के अन्य नेताओं के साथ उन्होंने ने भी सरकार से सवाल किए हैं। राहुल ने मोदी सरकार को घेरते हुए कहा कि सरकार का इस मामले में वॉट्सऐप से सवाल करना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा फ्रांस की कंपनी दसाल्ट से यह पूछने की तरह ही है कि राफेल विमान सौदे में किसने पैसे बनाए। बता दें कि राहुल गांधी के साथ प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी इस मामले में सरकार को घेरा है। वहीं गृह मंत्रालय ने इन आरोपों को भारत की छवि खराब करने की एक कोशिश बताई है।
राहुल गांधी ने कसा मोदी सरकार पर तंजः मामले में राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, ‘सरकार वॉट्सऐप से पूछ रही है कि भारतीय नागरिकों की जासूसी के लिए पेगासस का इस्तेमाल किसने किया। यह ठीक उसी तरह है कि मोदी दसाल्ट से पूछ रहे हैं कि राफेल विमान सौदे में किसने पैसे बनाए।’ राहुल ने यह बयान गुरुवार (31 अक्टूबर) को दिया है।
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भारतीय पत्रकार और मानवाधिकारों को बनाया गया निशानाः बता दें कि फेसबुक के स्वामित्व वाली कंपनी वॉट्सऐप ने कहा है कि इजरायल के स्पाईवेयर ‘पेगासस’ के जरिए विश्व स्तर पर जासूसी की गई है। लोकसभा चुनाव के दौरान भारतीय पत्रकार और मानवाधिकार कार्यकर्ता भी इस जासूसी का शिकार बने हैं। वहीं इस मामले में वॉट्सऐप ने जानकारी देते हुए बताया कि वह इजरायली स्पाईवेयर कंपनी पर मुकदमा भी दर्ज किया है।
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प्रियंका ने बताया ‘मानवाधिकार का घोर उल्लंघन’: मामले में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने शुक्रवार (01 नवंबर) को केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने निशाना साधते हुए कहा कि अगर ऐसा किया गया है तो इसका राष्ट्रीय सुरक्षा पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने इस पर ट्वीट कर कहा, ‘अगर भाजपा या सरकार ने पत्रकारों, वकीलों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और नेताओं के फोन की जासूसी करने के लिए इजराइली एजेंसियों को लगाया है तो यह मानवाधिकार का घोर उल्लंघन और बड़ा स्कैंडल है जिसका राष्ट्रीय सुरक्षा पर गंभीर असर होगा।’
गृह मंत्रालय ने इसे भारत की छवि को खराब करना बतायाः इस पूरे विवाद पर गृह मंत्रालय ने कहा है कि सरकार नागरिकों के मौलिक अधिकारों की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके साथ मंत्रालय ने कहा है कि नागरिकों की निजता के उल्लंघन की खबरें भारत की छवि को धूमिल करने की कोशिश है। हालांकि इस विवाद पर बीजेपी के तरफ से खुले तौर पर कोई भी बयान निकलकर सामने नहीं आया है। ऐसे में इस विवाद को लेकर शोसल मीडिया पर जमकर प्रतिक्रियाएं आ रही है।