अब जब देश के सबसे बड़े राज्य यूपी का चुनाव नजदीक आ रहा है तथा दिल्ली से सटे पंजाब और उत्तराखंड में भी कुछ महीनों बाद चुनाव होंगे, तब नेताओं के एक दूसरे के खिलाफ बयानबाजी भी तेज हो गई है। कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने भाजपा के हिंदू राष्ट्र पर कटाक्ष करते हुए आरएसएस के मोहन भागवत और पीएम मोदी से पूछा है कि “रामराज के बारे में क्या ख्याल है?”
उन्होंने कहा कि “राम राज्य से मेरा मतलब हिंदू राज से नहीं है। मेरा मतलब है राम राज, भगवान का राज्य। मेरे लिए राम और रहीम एक ही हैं। मैं सत्य और धार्मिकता के एक ईश्वर के अलावा किसी अन्य ईश्वर को स्वीकार नहीं करता।” उन्होंने कहा “क्या कहते हो भागवत जी? क्या कहते हैं मोदी जी?’ अयोध्या में राम मंदिर बनने की शुरुआत होते ही रामराज की चर्चा भी शुरू हो गई है।
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने पिछले दिनों कहा था कि अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनने के साथ ही अन्य स्थानों पर भी मंदिरों को मुक्त कराया जाएगा। उन्होंने कई शहरों के नाम भी बदले हैं और आगे भी बदलने की योजना है। इसको लेकर विपक्ष राज्य की भाजपा सरकार के खिलाफ लामबंद होने की कोशिश कर रही है।
हालांकि कांग्रेस पार्टी के अंदर मची उथल-पुथल और असंतोष तथा चुनावी राज्य पंजाब, जहां कांग्रेस की स्थिति सबसे मजबूत लग रही थी, वहां पार्टी के अंदर के झगड़े और शीर्ष स्तर पर संगठन में बिखराव से उनके नेता भी परेशान हैं। दूसरी तरफ तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी रहने से विपक्ष को उम्मीद है कि इससे उन्हें फायदा मिलेगा। भाजपा के खिलाफ लोगों का गुस्सा सामने आएगा। हालांकि सीएम योगी आदित्यनाथ ऐसा नहीं मानते हैं।
उनका कहना है कि पश्चिमी यूपी में राकेश टिकैत के नेतृत्व में चल रहे किसान आंदोलन का चुनाव में कोई प्रभाव नहीं दिखेगा। पश्चिमी यूपी भाजपा का गढ़ रहा है। योगी ने कहा कि यह बिल्कुल स्पष्ट है कि विपक्ष किसानों के आंदोलन को धन मुहैया कराकर भड़काने में लगा है। उसका प्रभाव केवल उन राज्यों में है जहां बिचौलिए या अढ़तिया काम करते हैं।