लोकसभा चुनाव 2024 से पहले बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने अपनी नई टीम की घोषणा की। केंद्रीय पदाधिकारियों की टीम में 38 नेताओं को जगह दी गई। इसमें कई पुराने चेहरे बरकरार हैं तो कई नए चेहरों को शामिल किया गया। जबकि परफॉर्मेंस ना करने वाले नेताओं की छुट्टी कर दी गई। जेपी नड्डा ने अपनी नई टीम से साफ राजनीतिक संदेश दे दिया है।
जेपी नड्डा की टीम में दो मुस्लिम चेहरों को जगह
केंद्रीय पदाधिकारियों के 38 सदस्यों की टीम में 2 मुस्लिम चेहरों को भी जगह मिली है। उत्तर प्रदेश से विधान परिषद सदस्य तारिक मंसूर को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद से नवाजा गया है तो वहीं केरल से आने वाले अब्दुल्ला कुट्टी को भी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है।
बीजेपी पिछले कई सालों से मुस्लिमों को साधना चाह रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने कई भाषणों में पसमांदा मुस्लिमों को लेकर अपना रुझान व्यक्त कर चुके हैं। उन्होंने बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं से कहा भी है कि पसमांदा मुस्लिमों तक पहुंचे और उन्हें सरकार की योजनाओं के बारे में अवगत कराएं। बीजेपी उनके लिए क्या सोचती है, इसके बारे में बताएं।
दक्षिण भारत में बीजेपी मुस्लिमों को साधना चाह रही
दक्षिण में भी बीजेपी को एक मुस्लिम चेहरे की तलाश है। इसका सबसे बड़ा कारण है कि बीजेपी दक्षिण भारत में काफी कमजोर है। दक्षिण भारत की 88 लोकसभा सीटों में बीजेपी के केवल 28 सांसद हैं। इसमें कर्नाटक से अकेले 25 हैं।
खुद को प्रोग्रेसिव मुस्लिम बताते हैं अब्दुल्ला कुट्टी
2019 में बीजेपी में शामिल हुए अब्दुल्ला कुट्टी खुद को प्रोग्रेसिव मुस्लिम बताते हैं। बीजेपी में शामिल होने के बाद अब्दुल्ला कुट्टी ने कहा था कि वह एक राष्ट्रीय मुस्लिम है और एक मुसलमान होने के तौर पर देशभक्त होना उनका धर्म है। अब्दुल्ला कुट्टी ने इसी दौरान कहा था कि बीजेपी को लेकर दक्षिण में पूर्वाग्रह को बदलना उनका काम है और वह इसे करेंगे।
पीएम मोदी की तारीफ करना पड़ा भारी
अब्दुल्ला कुट्टी सीपीआईएम के काफी महत्वपूर्ण नेता थे, लेकिन उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करने के कारण पार्टी से निष्कासित होना पड़ा था। इसके बाद वह कांग्रेस में शामिल हुए और वहां भी उन्होंने पीएम मोदी की तारीफ कर दी और उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया।
छात्र नेता रह चुके हैं अब्दुल्ला कुट्टी
अब्दुल्ला कुट्टी अपने कॉलेज के दिनों में नेता थे। अब्दुल्लाकुट्टी 1989 में कालीकट विश्वविद्यालय छात्र संघ के महासचिव बने। उन्होंने 1995 से 1999 तक कन्नूर जिला पंचायत के सदस्य का पद संभाला। वह दो बार (1999 और 2004) कन्नूर लोकसभा क्षेत्र से संसद के लिए चुने गए और उस दौरान देश के सबसे युवा सांसदों में से एक थे। 2008 में उन्होंने गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा की और 2009 में उन्हें सीपीआई (एम) से निष्कासित कर दिया गया।इसके बाद में वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हो गए। उसके बाद कांग्रेस के टिकट पर दो बार 2009 से 2016 तक केरल विधानसभा के सदस्य रहे।
मई 2019 में एक फेसबुक पोस्ट में अब्दुल्लाकुट्टी ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की कुछ योजनाओं, जैसे स्वच्छ भारत मिशन (स्वच्छता अभियान) और मुफ्त एलपीजी कनेक्शन के लिए प्रधान मंत्री उज्ज्वला योजना की प्रशंसा की। बस ये कांग्रेस को पसंद नहीं आई। अब्दुल्ला कुट्टी ने कहा था कि एनडीए की जीत प्रधानमंत्री मोदी के विकास एजेंडे की स्वीकृति थी और उनकी सफलता का रहस्य यह था कि उन्होंने गांधीवादी मूल्यों को अपनाया।
अब्दुल्ला कुट्टी ने आगे कहा कि स्वच्छ भारत के माध्यम से पीएम ने 9.26 करोड़ परिवारों को शौचालय दिए , छह करोड़ परिवारों को मुफ्त एलपीजी कनेक्शन भी दिया। अब्दुल्लाकुट्टी द्वारा प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ के बाद उन्हें जून 2019 में कांग्रेस से निष्कासित कर दिया गया था।
यानी दोनों बार अब्दुल्ला कुट्टी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की और उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। अब अब्दुल्ला कुट्टी बीजेपी के साथ हैं। हालांकि वह अभी किसी भी सदन के सदस्य नहीं है। बीजेपी ने उनको अपनी राष्ट्रीय टीम में अब्दुल्ला कुट्टी को शामिल करके साफ संदेश दे दिया है कि बीजेपी दक्षिण भारत में मुस्लिमों तक अपनी पहुंच बनाएगी। पार्टी मुस्लिमों को समझाने का प्रयास करेगी कि उनके लिए और उनके बारे में क्या सोचती है।