देश में सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं को लेकर आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) चीफ मोहन भागवत ने कहा है कि हिंसा से किसी को लाभ नहीं होता है। जिसे यह चीज प्यारी होती है, वह अपने अंतिम दिन गिन रहा है। संघ प्रमुख के इस बयान की शिवसेना की तरफ से तारीफ की गई है। पार्टी के सीनियर नेता संजय राउत ने कहा कि इस तरह के विचार पर बहस होनी चाहिए।
भागवत का ताजा बयान अमरावती जिले के पास भानखेड़ा रोड पर एक कार्यक्रम के दौरान आया। वह कंवरराम धाम में संत कंवरराम के प्रपौत्र साईं राजलाल मोरदिया के ‘गद्दीनशीनी’ में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे थे। आरएसएस प्रमुख ने इस बात जोर दिया कि हिंसा से किसी को कोई फायदा नहीं होता। उन्होंने सभी समुदायों को एकसाथ लाने और मानवता के संरक्षण की अपील की।
बकौल आरएसएस चीफ, ‘‘हिंसा से किसी का भला नहीं होता। जिस समाज को हिंसा प्रिय है वह अब अपने अंतिम दिन गिन रहा है। हमें हमेशा अहिंसक और शांतिप्रिय होना चाहिए। इसके लिए सभी समुदायों को एकसाथ लाना और मानवता की रक्षा करना आवश्यक है। हम सभी को इस काम को प्राथमिकता के आधार पर करने की जरूरत है।’’
समझा जा सकता है कि संघ प्रमुख की यह टिप्पणी भाजपा शासित मध्य प्रदेश और गुजरात सहित लगभग आधा दर्जन राज्यों में रामनवमी और हनुमान जन्मोत्सव समारोह के दौरान सांप्रदायिक झड़पों की पृष्ठभूमि में आई है।
वहीं, राउत से जब भागवत के बयान पर शुक्रवार को पत्रकारों ने सवाल किया तो उन्होंने जवाब दिया- अच्छी बात है…मैं उनका खास अभिनंदन करता हूं। उन्होंने ऐसे विचार को सामने रखा है, जिस पर पूरे देश में बहस होनी चाहिए।
बता दें कि रमजान के बीच देश के विभिन्न शहरों में रामनवमी और हनुमान जयंती के जुलूस के दौरान दो समुदायों के बीच हिंसक झड़पें हुई थीं, जिनमें कई लोग जख्मी हुए थे। इन घटनाओं में सबके अपने-अपने पक्ष और आरोप-प्रत्यारोप थे। हालांकि, कुछ जगहों पर इन घटनाओं के बाद सरकारी एक्शन के तहत कई जगह बुलडोजर चलाया गया था। इस कार्रवाई को लेकर काफी सियासत गर्मा गई थी और एक धड़े की ओर से कहा गया था कि इस एक्शन के जरिए एक समुदाय के लोगों को निशाना बनाया गया।