केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि कोविड टीकाकरण के प्रभावों को लेकर राज्यों को तैयार रहना चाहिए। इसे भी टीकाकरण कार्यक्रम का हिस्सा समझकर चलना चाहिए।
स्वास्थ्य मंत्रालय में सचिव राजेश भूषण ने कहा कि टीकाकरण से बच्चों और गर्भवती महिलाओं में प्रभाव देखे जा सकते हैं। इसके मद्देनजर राज्यों को भी अपनी तैयारी करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हजारों कोल्ड चेन प्वॉइंट और आइस लाइन रैफरिजरेटर, सोलर रैफरिजरेटर कोविड टीकाकऱण में इस्तेमाल होंगे। जो कि राज्यों को मुहैया कराए जा रहे हैं। राजेश भूषण ने कहा, “टीकाकरण के बाद मरीजों में वैक्सीन को लेकर कोई प्रभाव होता है तो यह भी बहुत अहम हो जाता है।
उन्होंने कहा कि जब भी हम एक टीकाकरण कार्यक्रम की शुरुआत करते हैं तो इसमें देखा गया है कि छोटे बच्चों और गर्भवती महिलाओं में बदलाव आते हैं।” “इसलिए हम कोविड टीकाकरण के मामले में ये नहीं कह सकते कि इसका कोई दूसरा प्रभाव नहीं होगा। यूके में जहां टीकाकरण की शुरुआत हो चुकी है टीकाकरण के पहले ही दिन मरीजों में टीके के अलग प्रभाव देखे जाने लगे।
इसलिए ये जरूरी हो जाता है कि राज्य और केंद्र शासित प्रदेश इसके लिए तैयार रहें।” भूषण ने कहा कि “29,000 कोल्ड चेन प्वॉइंट, 240 वॉक इन कूलर, 70 वॉक इन फ्रीजर, 45,000 आइस लाइन रैफरिजरेटर, 41,000 डीप फ्रीजर और 300 सोलर रैफरिजरेटर इस्तेमाल किए जाएंगे। सभी राज्यों तक ये सामान पहुंचा दिया गया है।”
सरकारी अधिकारियों ने कहा कि देश में COVID-19 से होने वाली मौतें काफी कम हैं जिसका मतलब है कि हम बहुत अच्छा कर रहे हैं। अधिकारियों ने कहा कि हमारी बड़ी आबादी अभी भी कोरोनोवायरस के लिए अतिसंवेदनशील बनी हुई है। नीति आयोग सदस्य डॉ वीके पॉल ने हाल ही में कोविड -19 से निपटने में दिल्ली सरकार की सराहना की। अधिकारी ने कहा कि कई अन्य राज्य चिंता का विषय बने हुए हैं।
डॉ पॉल ने बताया कि इस सप्ताह ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने भारत से एक और टीके के लिए क्लिनिकल परीक्षण के लिए मंजूरी दे दी है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में भारत में छह टीके परीक्षण से गुजर रहे हैं।

