आर्टिकल 370 पर चल रही सुनवाई के दौरान नेशनल कांफ्रेंस के सांसद अकबर लोन पर सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ समेत संवैधानिक बेंच के सारे जज खफा थे। वो खफा थे क्योंकि लोन ने जम्मू कश्मीर की असेंबली में पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा लगाया था। सीजेआई और दूसरे जस्टिसेज ने लोन की तरफ से पेश सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल से कहा कि उनके मुवक्किल को माफी मांगनी होगी।
कपिल सिब्बल ने लोन के मामले से पल्ला झाड़ते हुए कहा कि जो उन्होंने किया वो गलत था। उस मामले से उनका कोई लेनादेना नहीं है। आप जो चाहे एक्शन ले सकते हैं। उसके बाद फैसला हुआ कि अकबर लोन सुप्रीम कोर्ट में एक एफिडेविट दाखिल कर बताएंगे कि संविधान में उनकी आस्था है।
2018 में J&K की असेंबली में लगाया था पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा
नेशनल कांफ्रेंस के नेता मोहम्मद अकबर लोन ने साल 2018 में जम्मू-कश्मीर विधानसभा में पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा लगाया था। आज की सुनवाई के दौरान 370 की सुनवाई से जुड़े सभी पक्षों ने लोन से माफी की मांग की। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता खासे नाराज भी दिखे। उन्होंने अकबर लोन के कृत्य को लेकर नाराजगी जताते हुए कहा कि उन्हें इसके लिए माफी मांगनी होगी। सिब्बल ने जब लोन की हरकत से पल्ला झाड़ लिया तो सुप्रीम कोर्ट ने लोन से भारत के संविधान के प्रति आस्था और देश की संप्रभुत्ता को स्वीकार करते हुए एक हलफनामा दाखिल करने को कहा।
आर्टिकल 370 मामले में सिब्बल कर रहे हैं लोन की पैरवी
कपिल सिब्बल ने सीजेआई की अगुवाई वाली संवैधानिक बेंच से कहा कि लोन मंगलवार तक हलफनामा दाखिल करेंगे। अकबर लोन अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने के फैसले को चुनौती देने वाले प्रमुख याचिकाकर्ता हैं। सिब्बल ने कहा कि अगर लोन यह हलफनामा दाखिल नहीं करते हैं तो वह उनकी पैरवी नहीं करेंगे। केंद्र की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बेंच से कहा कि केंद्र सरकार चाहती है कि लोन 2018 में जम्मू-कश्मीर विधानसभा में पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा लगाने के लिए माफी मांगें। उन्होंने कहा कि लोन को यह बताना होगा कि वह संविधान के प्रति निष्ठा रखते हैं। जम्मू-कश्मीर विधानसभा में नारा लगाने के लिए उन्हें माफी मांगनी होगी।
कश्मीरी पंडितों के एक ग्रुप ने एक सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में लोन की साख पर सवाल उठाते हुए दावा किया था कि वह अलगाववादी ताकतों के समर्थक हैं। पंडितों के एनजीओ रूट्स इन कश्मीर ने कुछ अतिरिक्त दस्तावेजों और तथ्यों को रिकॉर्ड पर लाने का आग्रह किया था। IA में उनका कहना था कि कि लोन को जम्मू कश्मीर में सक्रिय अलगाववादी ताकतों के समर्थक के रूप में जाना जाता है। वो पाकिस्तान का समर्थन करते हैं।