नागरिकता संशोधन कानून, 2019 के खिलाफ दिल्ली की जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी सुर्खियों में हैं। बीते कई दिनों में यूनिवर्सिटी के छात्रों के प्रदर्शन और पुलिस कार्रवाई के कई वीडियो सोशल मीडिया में खूब वायरल हुए हैं। आरोप है कि पुलिस ने छात्रों के प्रदर्शन को दबाने के लिए बर्बर कार्रवाई की। यूनिवर्सिटी परिसर में ही घुसकर छात्रों के साथ मारपीट की गई। मस्जिद और लाइब्रेरी से छात्रों को जबरन उठा लिया गया। छात्र-छात्राओं के हॉस्टल में छात्रों संग बुरा बर्ताव किया गया।
प्रदर्शन कर रहे छात्रों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का देशभर में कई शिक्षण संस्थानों के साथ विपक्ष ने केंद्र में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने इस बाबत जामिया यूनिवर्सिटी की छात्रा का एक वीडियो शेयर करते हुए केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, ‘सुनिए मोदी जी… कहां पहुंचा दिया है देश। देश के युवा के भविष्य को किस आग की भट्टी में झुलसा रहे हैं आप? देश की इस बेटी की बात सुनिए और सोचिए। मैं अनुज्ञा हूं। मैं तो मुस्लिम भी नहीं हूं।’
वीडियो में क्या कह रही है जामिया में लॉ की छात्रा-
मीडिया के समक्ष अपना दर्द बयां करते हुए लॉ की छात्रा अनुज्ञा ने कहा कि रात में छात्रों को विरोध-प्रदर्शन से रोकने के लिए उनके साथ क्या कुछ नहीं किया। पुलिस गर्ल्स और ब्वॉयज हॉस्टल में घुस गई। छात्र जान बचाने के लिए इधर-उधर भाग रहे थे मगर उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ा। क्या यही लोकतंत्र है? हम कहां रह रहे हैं। क्या मुझे कोई इस बात का जवाब देगा?
छात्रा ने आरोप लगाते हुए कहा कि उनके दोस्त मारे गए। बहुत से के हाथ-पैर टूट चुके हैं। सिर फूट चुके हैं। सब रो रहे हैं। रातभर मेरे दोस्त रोते रहे। रातभर हॉस्टल की लड़कियां रोती रहीं। मैंने यूवर्सिटी का ऐसा हाल देखा तो मुझसे रहा नहीं गया। उन्होंने मेरे घर के साथ ऐसा किया है। जान बचाने के लिए हम किसी तरह से वहां भाग सके। सुरक्षित जगह ढूंढने लगे। स्थानीय लोगों के घरों में जाकर छिपना पड़ा।
यहां देखें वीडियो-
सुनिए मोदी जी,
कहाँ पहुँचा दिया है देश को?
देश के युवा के भविष्य को किस आग की भट्टी में झुलसा रहे हैं आप?
देश की इस बेटी की बात सुनिए और सोचिए,
“मैं अनुज्ञा हूँ, मैं तो मुस्लिम भी नही हूँ”#JamiaProtest
pic.twitter.com/7UlYX2jJJY— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) December 16, 2019
छात्रा ने पत्रकारों के एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि जब से मैं यूनिवर्सिटी में आई हूं। तब से हर कोई यही कह रहा है कि जल्द से जल्द यहां से निकल जाऊं। ताकि किसी के साथ कुछ हो ना जाए। छात्रा ने बताया कि वो रांची से इसलिए आई थी क्योंकि कहा जाता है कि यह दिल्ली है, जो छात्रों के लिए देश में सबसे सुरक्षित स्थान है। मगर छात्रों के साथ क्या हुआ। अब हम अपने सामान वापस ले जाने के लिए हॉस्टल आए हैं ताकि घर वापस जा सके।
लॉ की छात्रा अनुज्ञा कहती है, ‘अब मैं घर जा रही हूं। आज मेरा लॉ का एग्जाम था, मगर दे नहीं सकी।’ विरोध प्रदर्शन पर छात्रा ने कहा, ‘छात्रों ने ऐसा कुछ गलत नहीं किया जिससे उनके खिलाफ ऐसी कार्रवाई की गई। वो सिर्फ प्रदर्शन ही कर रहे थे। हमारे मां-बाप ने शिक्षा पर इतना पैसा खर्च किया, वो उन्होंने इसलिए नहीं किया कि कुछ गलत हो तो हम चुपचाप बैठ जाएं। शिक्षा का इस्तेमाल ना हो तो क्या फायदा? ये सिर्फ मशीन चलाने के लिए नहीं मिलती। शिक्षा इसलिए भी मिलती है कि अगर मेरे साथी के साथ कुछ गलत हो तो मैं उसके साथ खड़ी रहूं। मैं तो मुस्लिम भी नहीं हूं। फिर भी पहले दिन से प्रदर्शन में सबसे आगे खड़ी रही। क्योंकि वो मेरे घर वालों के साथ गलत कर रहे हैं।’
Hyderabad:Maulana Azad National Urdu University (MANUU) students’ union writes to controller of examination of university,stating ‘due to protests by MANUU students against police’s attack on Jamia&AMU students,MANUU students are boycotting exams,request you to postpone the same’
— ANI (@ANI) December 16, 2019
उल्लेखनीय है कि इसी बीच जामिया यूनिवर्सिटी के छात्रों का समर्थन करते हुए हैदराबाद की मौलाना आजाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी (MANUU) की छात्र ईकाई ने यूनिवर्सिटी के एग्जामिनेशन ऑफ कंट्रोलर पत्र लिखा है। पत्र में छात्रों ने कहा कि दिल्ली के जामिया में छात्रों पर हुई पुलिस कार्रवाई के विरोध में परीक्षा का बहिष्कार कर रहें। इसलिए कंट्रोलर से गुजारिश है कि वो सेमेस्टर को आगे के लिए टाल दें।