दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को केंद्र शासित प्रदेश में कोरोनावायरस के बढ़ते मामलों पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने बताया कि दिल्ली मे कोरोना के 75% मामले बिना लक्षण या हल्के लक्षण वाले हैं। इसके अलावा गंभीर रूप से संक्रमित और संक्रमण से मरने वालों की संख्या काफी कम है। केजरीवाल ने बताया कि उनकी सरकार ने केंद्र के दिशा निर्देशों के अनुसार कोरोनावायरस के हल्के लक्षणों वाले मरीजों का इलाज उनके घरों में ही करने के बंदोबस्त किए हैं। 6,923 मरीजों में से केवल 1,476 को ही अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।

गौरतलब है कि एक दिन पहले ही कांग्रेस नेता अजय माकन और भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने मुख्यमंत्री से कोरोना के मामलों में पारदर्शिता बरतने और सच बताने की मांग की थी। मनोज तिवारी ने कहा था कि लोगों को इस बीमारी की गंभीरता पता होनी चाहिए। दरअसल, दिल्ली में कोविड-19 के मरीजों का इलाज कर रहे 10 अस्पतालों के अधिकारियों ने कहा था कि वायरस के कारण मरने वाले लोगों की संख्या दिल्ली सरकार के बुलेटिन में बताई संख्या से कहीं अधिक है।

हालांकि, केजरीवाल ने कॉन्फ्रेंस के दौरान एक बार फिर आंकड़े साफ करते हुए कहा कि कोरोना से अब तक 73 लोगों की मौत हुई है। दिल्ली में कोरोनावायरस के 6,923 मामले सामने आये हैं, जिनमें से 2,069 लोग स्वस्थ हो गए हैं। 91 मरीज आईसीयू में और सिर्फ 27 वेंटीलेटर पर रखे गए हैं।

केजरीवाल ने कहा कि विश्लेषण में सामने आया है कि कोरोना से जान गंवाने वाले 82 प्रतिशत मरीज 50 साल से अधिक की आयु के थे। उन्होंने वरिष्ठ नागरिकों से इस संक्रमण से बचने के लिए एहतियात बरतने की अपील की।

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दिल्ली सीएम ने आगे कहा, “जिन लोगों में लक्षण नहीं हैं या हल्के लक्षण हैं उन्हें अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत नहीं है तथा उन्हें घर पर ही इलाज मुहैया कराया जा सकता है। हमारी टीमें यह पता लगाने के लिए उनके घर का निरीक्षण करती हैं और पता लगाती हैं कि वहां क्वरैंटाइन रहने के नियम का पालन किया जा सकता है या नहीं। हमारी टीमें ऐसे लोगों के साथ नियमित संपर्क में हैं और अगर जरूरत पड़ती है तो संक्रमित लोग या उनके परिवार के सदस्य अधिकारियों से संपर्क कर सकते हैं। अगर घर पर पृथक रहने के लिए पर्याप्त जगह नहीं है तो सरकार मरीज को कोविड-19 देखभाल केंद्र भेज सकती है जहां वह 14 दिनों तक रह सकता है।”

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उन्होंने कहा, “जब मैंने सुना कि विपक्ष हमारे कदम की आलोचना कर रहा है तो मुझे दुख हुआ। मैं आपसे पूछना चाहता हूं कि क्या कोरोना योद्धाओं को बेहतर सुविधा नहीं दी जानी चाहिए।” केजरीवाल ने कहा कि यह राजनीति करने का वक्त नहीं है, बल्कि कोरोना के खिलाफ मिलकर लड़ने का वक्त है।