Cash-For-Query Scam: केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने तृणमूल कांग्रेस (TMC) सांसद महुआ मोइत्रा और बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी से जुड़े पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने (Cash-For-Query) के कथित मामले में लोकपाल को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी।

सीबीआई ने लोकपाल की सिफारिश पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के प्रावधानों के तहत पिछले साल 21 मार्च को महुआ और हीरानंदानी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी।

महुआ मोइत्रा पर भ्रष्ट आचरण में लिप्त होने और हीरानंदानी से रिश्वत व अन्य अनुचित लाभ लेकर ‘अपने संसदीय विशेषाधिकारों से समझौता करने का आरोप है। उन पर आरोप है कि उन्होंने लोकसभा सदस्य होने के नाते मिली लॉगिन आईडी और पासवर्ड शेयर करके राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डाला। अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ने मामले में अपनी जांच के निष्कर्ष लोकपाल को सौंप दिए हैं, जो आगे की कार्रवाई तय करेगा।

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टीएमसी सांसद पिछले लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल की कृष्णानगर सीट से जीती थीं। दिसंबर 2023 में उन्हें ‘अनैतिक आचरण’ के आरोप में सदन से निष्कासित कर दिया गया था। महुआ ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। उन्होंने 2024 के लोकसभा चुनावों में कृष्णानगर में भाजपा उम्मीदवार अमृता रॉय को हराकर 18वीं लोकसभा में अपनी सीट बरकरार रखी थी।

लोकपाल ने भाजपा सांसद निशिकांत दुबे की ओर से मोइत्रा पर लगाए गए आरोपों की प्रारंभिक जांच के आधार पर सीबीआई को निर्देश जारी किए। दुबे ने आरोप लगाया था कि महुआ ने कारोबारी दर्शन हीरानंदानी से कैश और गिफ्ट लेकर संसद में सवाल पूछे थे। वहीं, महुआ मोइत्रा ने कुछ दिन पहले शादी की थी। पढें…पूरी खबर।