CAG Report On Delhi Liquor Policy: दिल्ली विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। इससे पहले अरविंद केजरीवाल की टेंशन बढ़ाने वाली रिपोर्ट सामने आई है। शीशमहल के बाद शनिवार को सीएजी की रिपोर्ट सामने आई है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली सरकार की अब खत्म हो चुकी आबकारी नीति में बहुत सारी खामियां थीं। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि अरविंद केजरीवाल प्रशासन ने घाटे में होने के बावजूद कुछ बोलीदाताओं को लाइसेंस दे दिया, जिससे कई सवाल खड़े होते हैं।

न्यूज 18 की रिपोर्ट के मुताबिक, इतना ही नहीं इससे सरकारी खजाने को 2,026 करोड़ रुपये का नुकसान होने का दावा किया गया। इसमें कहा गया है कि आम आदमी को इसका खामियाजा भुगतना पड़ा, जबकि आप नेताओं को रिश्वत मिली। साथ ही सीएजी की इस रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि मनीष सिसोदिया और उनके मंत्रियों ने एक्सपर्ट पैनल की सिफारिशों पर गौर नहीं किया। इसमें यह भी कहा गया कि शराब की दुकानों के लिए लाइसेंस जारी करने में उल्लंघन हुआ।

सरकार को हुआ नुकसान

सीएजी रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कई अहम फैसले कैबिनेट या दिल्ली उपराज्यपाल की मंजूरी के बिना मनमाने ढंग से लिए गए। शिकायतों के बाद भी सभी संस्थाओं को बोली लगाने की इजाजत दी गई। दिल्ली सरकार के नुकसान का ब्यौरा देते हुए कैग रिपोर्ट में कहा गया कि कुछ रिटेलर ने नीति खत्म होने से पहले अपने लाइसेंस सरेंडर कर दिए और सरकार ने उन्हें फिर से टेंडर नहीं दिया। इसकी वजह से 890 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। इतना ही नहीं इसमें यह भी कहा गया है कि सरकार ने कुछ लाइसेंसधारियों को छूट दी। इस कारण भी 941 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। केजरीवाल सरकार ने कथिर तौर पर कोरोना महामारी में बैन के कारण 144 करोड़ रुपये का लाइसेंस फीस माफ कर दी। इससे राजस्व में भारी घाटा हुआ।

‘शीशमहल’ में लाखों-करोड़ों का सामान लगवाने का पैसा कहां से आया?

आप के बड़े नेता जा चुके जेल

बता दें कि आम आदमी पार्टी के कई शीर्ष नेता, जिनमें संयोजक अरविंद केजरीवाल, दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, राज्यसभा सांसद संजय सिंह और दिल्ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन शामिल हैं, इसी मामले में सशर्त जमानत पर बाहर हैं। बीजेपी और कांग्रेस ने आप पर दक्षिण के अपने “मित्रों” को लाइसेंस देकर नियमों को तोड़ने का आरोप लगाया, वहीं आप ने दावा किया कि ईमानदार नेताओं की उनकी छवि को खराब करने के लिए अरविंद केजरीवाल और अन्य नेताओं को गलत तरीके से मामले में फंसाया गया। केजरीवाल के ‘शीशमहल’ पर कब शुरू हुआ था विवाद? पढ़ें रिपोर्ट…