JNU छात्रों के समर्थन में मुंबई में किए गए विरोध प्रदर्शन को लेकर JNU के पूर्व छात्र उमर खालिद, मौके पर ‘Free Kashmir’ का पोस्टर लेकर प्रदर्शन करने वाली लड़की महक मिर्जा प्रभु और अन्य के खिलाफ केस दर्ज हो गया है। समाचार एजेंसी ANI को मुंबई पुलिस के डीसीपी ने बताया कि खालिद के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज की गई हैं औक यह ऐक्शन Hutatma Chowk से Gateway of India तक गैरकानूनी तरीके से विरोध प्रदर्शन करने पर लिया गया है।
इससे थोड़ी देर पहले ही महक समेत कुछ और लोगों के खिलाफ मंगलवार को एफआईआर दर्ज की गई थी। और, इन सभी पर हालिया कार्रवाई बिना इजाजत के प्रदर्शन करने को लेकर हुई है। दरअसल, JNU कैंपस में रविवार रात भड़की हिंसा को लेकर मुंबई में गेटवे ऑफ इंडिया वाले इलाके में विरोध प्रदर्शन हुआ था। महक ने उसी में ‘फ्री कश्मीर’ का पोस्टर लेकर अपनी आवाज बुलंद की थी। हालांकि, इसके चलते सोशल मीडिया से लेकर सड़क तक उन्हें आलोचना का शिकार होना पड़ा।
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और सीनियर BJP नेता ने सवाल उठाए थे कि आखिर इस प्रदर्शन में कश्मीर की आजादी के नारे और पोस्टर क्यों? यह प्रदर्शन आखिर किस चीज के लिए है?
#WATCH Mumbai: Poster reading, ‘Free Kashmir’ seen at Gateway of India, during protest against yesterday’s violence at Delhi’s Jawaharlal Nehru University. #Maharashtra pic.twitter.com/i7SeImYxCE
— ANI (@ANI) January 6, 2020
महक ने इस पर सफाई में कहा कि ऐसा करने के पीछे उनका कोई और इरादा नहीं था। वह महज जम्मू और कश्मीर में लगाई पाबंदियों का मुद्दा उठाना चाहती थीं। हालांकि, उन्होंने इसके अलावा फेसबुक पर पोस्ट किए वीडियो में बताया, “सात बजे के आसपास, मैं गेटवे ऑफ इंडिया पहुंची थीं। वहां प्रदर्शन हो रहा था। लोकतंत्र में यकीन रखने वालों की ही तरह मैं भी उसका हिस्सा बनी। हम वहां जेएनयू छात्रों के समर्थन में खड़े हुए थे।”
बकौल महक, “मैंने ढेर सारे लोगों को NRC, CAA के खिलाफ और JNU स्टूडेंट्स के समर्थन में नारे और बातें लिखीं तख्तियां लेक प्रदर्शन करते देखा था। इसी बीच, वहां एक फ्री कश्मीर लिखा हुआ पोस्टर पड़ा था, जिसे देखते ही मेरे दिमाग में कश्मीरियों के मूल संवैधानिक अधिकारों का ख्याल आया था।”
उन्होंने यह भी दावा किया कि वह कश्मीरी नहीं हैं। वह मुंबई में ही पली-बढ़ी हैं और पेशे से किस्सागो हैं। महक के मुताबिक, “मैं हाथ में फूल लिए चुपचाप किनारे खड़ी थी। यानी हम एक-दूसरे के प्रति शांति चाहते हैं। पूरे प्रदर्शन के बीच यही मेरा इरादा था, जबकि चीजों का मतलब बिल्कुल गलत निकाला जा रहा है।”