CAA के खिलाफ नई दिल्ली, लखनऊ (उत्तर प्रदेश) के बाद गुजरात के अहमदाबाद में हिंसा भड़क उठी। गुरुवार शाम शाह आलम इलाके में उपद्रवियों ने पुलिसकर्मियों पर पत्थर बरसा दिए, जिसमें लगभग 19 पुलिस वाले चोटिल हुए। घटना के बाद पुलिस ने कुल 32 लोगों को हिरासत में लिया है। हालांकि, भीड़ काबू करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया था।

समाचार एजेंसी PTI-Bhasha की रिपोर्ट के मुताबिक, CAA और NRC के खिलाफ सरदार बाग इलाके में भीड़ जुटी थी, जिस पर पुलिस ने लाठियां भांजीं। इससे पहले, एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए इकट्ठा करीब 200 प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर कर दिया गया क्योंकि एकत्र हुए लोगों ने प्रदर्शन की अनुमति नहीं ली थी।

निरीक्षक एम एम नायब ने बताया, ‘‘हमने इस प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी थी। कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए हमने उन्हें हटाया। हमने 20 लोगों को हिरासत में भी लिया।’’ माकपा, भाकपा सहित वाम दलों और उनसे जुड़े संगठनों ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स आर्गेनाइजेशन (डीएसओ) और एसयूसीआई (कम्युनिस्ट) ने प्रदर्शन का आयोजन किया।

ऑल इंडिया डीएसओ के सदस्य भविक राजा ने कहा, ‘‘हालांकि हमने आधिकारिक तौर पर इस प्रदर्शन की अनुमति ली थी लेकिन अंतिम समय में इसे रद्द कर दिया गया। हालांकि हमने घोषणा की थी कि हम आज अपना प्रदर्शन जारी रखेंगे। सीएए और एनआरसी के खिलाफ सरदार बाग में 200 से 300 लोग जुटे थे।’’

कुछ संगठनों ने बृहस्पतिवार को अहमदाबाद बंद का आह्वान किया था। इसके मद्देनजर सिटी पुलिस ने बुधवार को कहा था कि 19 दिसंबर को रैली या प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी गई। अहमदाबाद के पुलिस कमिश्नर आशीष भाटिया के मुताबिक, 32 लोग हिरासत में लिए गए हैं। हम एफआईआर दर्ज कर रहे हैं। बाकी लोगों की शिनाख्त सीसीटीवी फुटेज के आधार पर की जा रही है। 19 पुलिस वाले प्रदर्शन के दौरान जख्मी हुए हैं।

इससे पहले, CAA को लेकर यूपी की राजधानी लखनऊ में हिंसा भड़क उठी थी। उपद्रवियों ने पथराव किया, वाहनों को आग लगा दी, जबकि संभल में दो सरकारी बसों को आग के हवाले कर दिया था। असामाजिक तत्वों ने निषेधाज्ञा का उल्लंघन किया।

उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओ पी सिंह के मुताबिक 19 दिसंबर को किसी भी तरह के जमावड़े की अनुमति नहीं दी गई है। फिलहाल पुलिस ने पूरे सूबे में धारा 144 लागू कर दी है, जबकि एक दिन पहले पूर्वी दिल्ली के सीलमपुर में और उससे पहले जामिया मिल्लिया इस्लामिया इलाके में नागरिकता कानून विवाद के चलते हिंसा के दौरान तोड़फोड़ और आगजनी हुई थी।