By Election: देश के छह राज्यों की सात विधानसभा सीटों पर गुरुवार (3 नवंबर, 2022) को उपचुनाव होंगे। जिन सीटों पर मतदान होगा उनमें हरियाणा के आदमपुर, अंधेरी पूर्व (महाराष्ट्र), बिहार में गोपालगंज और मोकामा, तेलंगाना में मुनुगोड़े, उत्तर प्रदेश में गोला गोकर्णनाथ और ओडिशा में धामनगर शामिल हैं।
इन सातों सीटों पर अधिकतर चुनावी घमासान भारतीय जनता पार्टी और क्षेत्रीय दलों के बीच है। जैसे तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS), राष्ट्रीय जनता दल (RJD), समाजवादी पार्टी (SP) और बीजू जनता दल (BJD) के बीच होगी। वहीं वोटों की गिनती 6 नवंबर को होगी।
हरियाणा का आदमपुर उपचुनाव-
हरियाण के आदमपुर उपचुनाव के बात करें तो यहां से पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल के पोते यानी कुलदीप बिश्नोई के बेटे भव्य भी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और विपक्षी दल कांग्रेस (Congress), इंडियन नेशनल लोक दल (इनेलो) और आम आदमी पार्टी (आप) प्रमुख दलों में शामिल हैं। चुनाव में कुल 22 उम्मीदवार हैं। इस उपचुनाव में 1.71 लाख मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे। बता यह सीट कुलदीप बिश्नोई के कांग्रेस से भाजपा में शामिल होने के बाद खाली हुई है।
तेलंगाना का मुनुगोड़े उपचुनाव-
तेलंगाना के मुनुगोड़े उपचुनाव होना है। यहां से विधायक कोमाटिरेड्डी राज गोपाल रेड्डी ने 2 अगस्त को तेलंगाना कांग्रेस प्रमुख ए रेवंत रेड्डी के साथ मतभेदों के बाद इस्तीफा दे दिया। वहीं सत्तारूढ़ टीआरएस के लिए यह उपचुनाव साख का सवाल है तो वहीं बीजेपी ने भी इस चुनाव में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। यहां 2.41 लाख से अधिक मतदाता हैं।
उत्तर प्रदेश का गोला गोकर्णनाथ उपचुनाव-
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी से पांच बार विधायक रहे अरविंद गिरी का पिछले महीने दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था। जिसकी वजह से यह सीट खाली थी। यहां बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और कांग्रेस के मुकाबले से दूर रहने के साथ यह भाजपा और सपा के बीच सीधा मुकाबला है। यह सत्ताधारी पार्टी के लिए प्रतिष्ठा की लड़ाई है, क्योंकि वह सिर्फ नौ महीने पहले जीते गए निर्वाचन क्षेत्र को नहीं खोना चाहती। भाजपा ने अरविंद गिरी के 26 वर्षीय बेटे अमन गिरी को मैदान में उतारा है तो वहीं सपा ने पूर्व विधायक विनय तिवारी पर दांव खेला है।
बिहार का गोपालगंज उपचुनाव-
गोपालगंज की विधानसभा की सीट बीजेपी विधायक सुभाष सिंह के निधन से खाली हुई है। यह सीट राजद के लिए प्रतिष्ठा की लड़ाई है, क्योंकि बसपा ने साधु यादव की पत्नी इंदिरा को मैदान में उतारा है, जो राजद प्रमुख लालू प्रसाद के बहनोई हैं। साधु यादव क्षेत्र से पूर्व विधायक और सांसद हैं। यह पहली बार नहीं है, जब उन्होंने राजद के उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है। यहां उम्मीदवारों की बात करें तो राजद ने मोहन गुप्ता को मैदान में उतारा है, जबकि भाजपा ने कुसुम देवी को मैदान में उतारा है।
बिहार का मोकामा उपचुनाव-
मोकामा में भाजपा उम्मीदवार सोनम देवी के सामने राजद प्रत्याशी नीलम देवी हैं। नीलम देवी के पति अनंत सिंह को विधानसभा की सदस्यता के लिये अयोग्य ठहराए जाने के कारण यहां उपचुनाव हो रहे हैं। मोकामा 2005 से ही अनंत सिंह का गढ़ रहा है और उन्होंने जद(यू) के टिकट पर दो बार इस सीट से चुनाव जीता है। सिंह ने 2020 में राजद के टिकट पर इस सीट से चुनावी जीत हासिल की थी। हालांकि एक आपराधिक मामले में दोषी ठहराए जाने के कारण वह विधानसभा की सदस्यता के अयोग्य हो गए। यहां 2.7 लाख मतदाता हैं।
ओडिशा का धामनगर उपचुनाव-
ओडिशा की धामनगर विधानसभा सीट बीजेपी विधायक विष्णु चरण सेठी का सितंबर में निधन हो जाने के कारण खाली हुई है। यहां सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (बीजद) और विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच टक्कर देखने को मिल रही है। इस सीट 2.4 लाख मतदाता हैं।
मुंबई का अंधेरी पूर्व उपचुनाव-
अंधेरी पूर्व सीट से शिवसेना विधायक रमेश लटके के मई में आकस्मिक निधन के बाद खाली हुई है। यहां उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना के लिए यह एक महत्वपूर्ण मुकाबला है, क्योंकि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अन्य विधायकों के विद्रोह के बाद यह पहला चुनाव है। उपचुनाव महा विकास अघाड़ी (एमवीए) गठबंधन के लिए एक अग्निपरीक्षा है। यहां रमेश लटके की पत्नी रुतुजा ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना की उम्मीदवार हैं। चुनाव मैदान में छह और उम्मीदवार हैं, लेकिन सत्तारूढ़ गठबंधन से कोई भी उम्मीदवार नहीं है। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) और राकांपा सहित अन्य की अपीलों के बाद भाजपा ने अपने उम्मीदवार मुर्जी पटेल को मैदान में नहीं उतारा।