उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले में हुई कथित रूप से गोकशी को लेकर हिंसा के 11 महीने बाद आरोपी सुमित की मूर्ति लगा दी गई है। वहीं, परिजनों की मांग है कि उनके बेटे को गोरक्षा शहीद का दर्जा दिया जाए। बता दें कि बुलंदशहर जिले की स्याना कोतवाली में 3 दिसंबर 2018 को कथित गोकशी को लेकर हिंसा भड़की थी। उस दौरान स्याना थाने प्रभारी इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की हत्या कर दी गई थी। वहीं, आत्मरक्षा में पुलिसकर्मी ने सुमित नाम के युवक को मार दिया था, जिसे इस मामले में आरोपी बताया गया था।

चिंगराउठी में लगाई गई प्रतिमा: जानकारी के मुताबिक, सुमित की प्रतिमा उसके घरवालों ने चिंगराउठी स्थित अपनी जमीन पर लगाई है। इसमें सुमित को गोरक्षा के लिए शहीद होना बताया गया है। सुमित के पिता का आरोप है कि इंस्पेक्टर सुबोध की गोली से उनके बेटे की मौत हुई थी।

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सीबीआई जांच की मांग भी दोहराई: सुमित के पिता अमरजीत सिंह ने बताया कि वह इस मसले को लेकर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से कई बार मुलाकात कर चुके हैं। उन्होंने अपने बेटे के बेगुनाह होने का दावा भी किया, लेकिन सरकार ने उसे शहीद का दर्जा नहीं दिया। ऐसे में उन्होंने सुमित को गोरक्षक शहीद का दर्जा देकर उसकी मूर्ति स्थापित कराई है। अमरजीत ने ऐलान किया कि अगर इस मामले की सीबीआई जांच नहीं होती है तो 3 दिसंबर को वह धर्म परिवर्तन करके आत्महत्या कर लेंगे।

फूलमाला से हुआ था आरोपी का स्वागत: गौरतलब है कि बुलंदशहर हिंसा का एक अन्य आरोपी कुछ समय पहले जमानत पर जेल से रिहा हुआ था। उस दौरान लोगों ने फूलमाला पहनाकर उसका स्वागत किया था। बता दें कि बुलंदशहर के स्याना में 3 दिसंबर 2018 को हिंसा हुई थी। इसमें इंस्पेक्टर सुबोध कुमार व सुमित की मौत हुई थी। इस मामले में 27 लोगों को नामजद कराया था, जबकि 60 अज्ञात पर केस दर्ज किया गया था।