शुक्रवार से संसद के बजट सत्र की शुरूआत हो गई। बजट सत्र की शुरूआत संसद के सेंट्रल हॉल में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण से हुई। अपने अभिभाषण में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने संशोधित नागरिकता कानून की बात की तो सत्ताधारी पार्टी के नेताओं ने मेज थपथपाकर इसका स्वागत किया। वहीं विपक्षी सांसदों ने इसके विरोध में नारेबाजी की।

दरअसल राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपने अभिभाषण में कहा कि ‘राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने कहा था कि पाकिस्तान से आने वाले हिंदुओं और सिखों को भारत में नागरिकता दी जाए। उन्हें सामान्य चीजें मुहैया कराना भारत सरकार का कर्तव्य है।’

‘महात्मा गांधी की इच्छा का सम्मान करते हुए यह कानून लाया गया है।’ राष्ट्रपति ने कहा कि ‘इस कानून से शरणार्थियों को होने वाली मुश्किलें समाप्त हो जाएंगी।’

इस दौरान सत्ताधारी सांसदों ने जहां मेज थपथपाकर अपना समर्थन जाहिर किया। वहीं विपक्षी सांसद इस दौरान नारेबाजी करने लगे, जिससे थोड़ी देर के लिए सदन में हंगामे की स्थिति बन गई।

राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में करतारपुर कॉरिडोर खोलने के लिए सरकार की तारीफ की। वहीं संविधान से आर्टिकल 370 और आर्टिकल 35ए के प्रावधान को हटाए जाने को राष्ट्रपति ने ऐतिहासिक करार दिया। उन्होंने कहा कि इससे जम्मू कश्मीर और लद्दाख के विकास का रास्ता साफ होगा।

राष्ट्रपति ने बीते दिनों हुई हिंसा की घटनाओं पर चिंता जाहिर की और कहा कि मेरी सरकार का मानना है कि आपसी बातचीत और चर्चा से ही लोकतंत्र मजबूत होगा। विरोध प्रदर्शन के नाम पर किसी भी तरह की हिंसा समाज और देश को कमजोर ही करेगी।

राष्ट्रपति ने बजट सत्र की शुरूआत में दिए गए अपने अभिभाषण में रामजन्मभूमि पर आए फैसले को देश के लोगों ने जिस शांति और समझदारी के साथ स्वीकार किया, उसकी भी तारीफ की।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सऊदी अरब द्वारा हज यात्रियों का कोटा बढ़ाए जाने के लिए सरकार की कोशिशों की भी सराहना की।

अभिभाषण में राष्ट्रपति ने देश में बढ़ते स्टार्ट अप कल्चर की भी तारीफ की और बताया कि दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्ट अप इकोसिस्टम भारत में है। स्टार्ट अप इंडिया अभियान के तहत देश में 27 हजार नए स्टार्ट अप्स को मान्यता दी जा चुकी है।

इसके अलावा उन्होंने आयुष्मान भारत योजना, प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना को लेकर भी सरकार की पीठ थपथपायी।