उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा पर आधारित किताब ‘Delhi Riots 2020: The Untold Story’ को लेकर विवाद के बाद Bloomsbury India ने इसे वापस लेने का फैसला लिया है। इस पुस्तक के प्रकाशन से अपने हाथ खींचते हुए प्रकाशक ने कहा है कि उनकी जानकारी के बगैर किताब से जुड़ा एक ऑनलाइन प्रोग्राम हुआ है।

ब्लूम्सबरी इंडिया के बयान के हवाले से रिपोर्ट्स में बताया गया, “फरवरी में हुए दिल्ली दंगे के बारे में वे लोग सितंबर में ‘डेल्ही रायट्स 2020: द अनटोल्ड स्टोरी’ छापने वाले थे, पर लेखकों ने किताब के प्री-लॉन्च कार्यक्रम में ऐसे लोगों को बुलाया, जिसे स्वीकार नहीं किया जा सकता है।” हालांकि, प्रकाशक ने कपिल मिश्रा का नाम नहीं लिया। पर कहा- हम अभिव्यक्ति की आजादी के हिमायती हैं, मगर समाज के प्रति जिम्मेदारी पर भी सचेत हैं।

दरअसल, यह किताब इसी साल फरवरी में हुए दिल्ली दंगों पर आधारित है, जिसके लॉन्च को लेकर सोशल मीडिया पर खबर आई। लोगों को जब यह मालूम पड़ा कि इसकी लॉन्चिंग पर बीजेपी नेता कपिल मिश्रा, फिल्म निर्देशक विवेक अग्निहोत्री, OpIndia की संपादक नुपुर जे शर्मा और लेखक भी मौजूद रहेंगे, तब इसे लेकर विवाद पनपा। सोशल मीडिया पर कई लोगों ने स्पीकर्स की मौजूदगी को लेकर कहा कि प्रकाशन संस्थान एक सांप्रदायिक एजेंडे को आगे बढ़ा रहा है।

विभिन्न बुद्धिजीवियों, लेखकों और एक्टर्स (मीनाक्षी रेड्डी माधवन और स्वरा भास्कर आदि) ने इस मुद्दे को सोशल मीडिया पर उठाया, जिसके बाद ब्लूमबरी इंडिया ने एक और बयान जारी कर साफ किया कि वह इस आयोजन से नहीं जुड़े हैं।

हालांकि, शनिवार शाम ऑनलाइन कार्यक्रम के दौरान इसे लॉन्च किया गया, जिसके बाद मिश्रा ने ट्वीट कर कहा- यह किताब अब लोगों के बीच है। भारत और दुनिया इसे पढ़ सकते हैं और हिंदू विरोधी दिल्ली दंगों का सच जान सकते हैं। सच को सामने आने से कोई भी नफरत से भरा अभियान और प्रोपेंगैंडा वाला सिस्टम रोक नहीं सकता।

यह बुक मोनिका अरोड़ा, सोनाली चितालकर और प्रेरणा मलहोत्रा ने लिखी है, जबकि इसे बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव और सांसद भूपेंद्र यादव ने लॉन्च किया है। बता दें कि दिल्ली में इसी साल फरवरी में सांप्रदायिक हिंसा हुई थी, जिसमें 50 से अधिक लोगों की जान चली गई थी।