दिल्ली दंगों से जुड़ी एक किताब का प्रकाशन नहीं करने के ब्लूम्सबरी इंडिया के फैसले पर भाजपा नेता कपिल मिश्रा प्रतिक्रिया दी है। प्रकाशन संस्था ने शनिवार (22 अगस्त, 2020) को कहा कि प्रकाशन की घोषणा उनकी जानकारी के बिना किताब के बारे में एक ऑनलाइन कार्यक्रम का आयोजन किए जाने के बाद की। प्रकाशन संस्थान के इनकार के बाद कपिल मिश्रा ने ट्वीट कर कहा, ‘ना ये सड़क बंद कर पाए थे, ना ये किताब बंद कर पाएंगे।’ किताब की लेखिकाओं- वकील मोनिका अरोड़ा, दिल्ली विश्वविद्यालय की शिक्षकाएं सोनाली चितलकर और प्रेरणा मल्होत्रा ने कहा कि भले ही एक प्रकाशक ने इनकार कर दिया हो सकता है लेकिन पुस्तक को प्रकाशित करने के लिए कई अन्य हैं।
प्रकाशन संस्था को शुक्रवार को उस समय व्यापक प्रतिक्रिया का सामना करना पड़ा जब शनिवार को किताब के लोकार्पण का एक कथित विज्ञापन सामने आया और इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में भाजपा नेता कपिल मिश्रा को दिखाया गया। उत्तर पूर्वी दिल्ली में 23 फरवरी को हिंसा भड़कने के ऐसे आरोप लगाये गए थे कि मिश्रा समेत कई नेताओं ने भड़काऊ भाषण दिए। ब्लूम्सबरी इंडिया ने एक बयान जारी कर कहा कि वे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के पक्के हिमायती हैं लेकिन समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी को लेकर भी उतने ही सचेत हैं।
ना ये सड़क बंद कर पाए थे
ना ये किताब बंद कर पाएंगे— Kapil Mishra (Modi Ka Pariwar) (@KapilMishra_IND) August 22, 2020
ब्लूम्सबरी इंडिया के इसी बयान पर कपिल मिश्रा ने कथित तौर पर नाराजगी जाहिर की और ट्वीट किया। भाजपा नेता के ट्वीट पर सोशल मीडिया यूजर्स भी जमकर प्रतिक्रिया दे रहे हैं। रवीश कुमार @ravishkumar08 नाम से एक यूजर लिखते हैं, ‘ना तुम कुछ बना पाए हो, ना तुम कुछ बना पाओगे, क्योंकि तुम बेचने को ही विकास समझते हो।’ नौशाद अशरफ @naushad197 लिखते हैं, ‘बंद करना होता तो पहले आप होते, सजा होता तो ताहिर को फांसी पर चढ़ा दिया होता।’ गुलविंदर सिंह @rebelliousdogra लिखते हैं, ‘आपको भी हराया था और आपके एजेंडे को भी हराएंगे।’
इसी तरह एक यूजर @SatishM81957227 लिखते हैं, ‘अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर आप आतंकवादियों के पक्ष में केस लड़ सकते हैं। देश के टुकड़े टुकड़े करने के नारे लगा सकते हैं। हिंदू देवी देवताओं का अपमान कर सकते हैं। देश के प्रधानमंत्री को गाली दे सकते हैं। अगर आप दंगाइयों के खिलाफ बोलेंगे तो आपकी बोलने की आजादी छीन ली जाएगी।’ इसके जवाब में प्रेम सागर @Premsag44625259 लिखते हैं, ‘हां राष्ट्रवाद के नाम पर लोगो को मार सकते हैं। लोगो को सांसद बना सकते है। देश को बेच सकते हैं। अब कितनी आज़ादी चाहिए।’
प्रवीण चौहान @ChauhanSaabPC लिखते हैं, ‘हम ताहिर हुसैन के आका केजरीवाल की दुकान जरूर बंद करवाएंगे’ सैफी @Ruby03762908 लिखते हैं, ‘कपिल मिश्रा झूठ पर कितना भी पर्दा डाल लो, या अपने आप को कितना भी बचाने की कोशिश कर लो, सच एक दिन जरूर सामने आता है। लोग तो प्रत्यक्षदर्शी है कि आपने किस तरह भड़काऊ भाषण दिया, सिर्फ कुछ वोट के लिए। अभी भी वही काम कर रहे हो।’

