भारत में कोरोनावायरस के केस लगातार बढ़ते जा रहे हैं। इस बीच कई राज्यों ने स्थिति पर नियंत्रण पाने के लिए लॉकडाउन जैसे कड़े कदम उठाए हैं। हालांकि, इस बीच भी राजधानी दिल्ली के आसपास जारी किसान आंदोलन में जुटी भीड़ को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं। कई लोगों ने भाकियू नेता राकेश टिकैत पर जबरदस्त हमले किए हैं। इसके बावजूद टिकैत का कहना है कि आंदोलन खत्म नहीं होगा। एक टीवी इंटरव्यू में उन्होंने फिर यह बात दोहराते हुए कहा कि अगर सरकार ने किसानों की बात नहीं सुनी तो वे यूपी में भी भाजपा को हरवाएंगे।
जब एंकर ने पूछा कि आपको लगता है कि बंगाल में जो भाजपा हारी है वो आपके आंदोलन की वजह से भी हारी है? आपका भी इसमें रोल है। इस पर टिकैत ने कहा, “बिल्कुल हारी है। यूपी में जो जिला पंचायत के चुनाव हुए हैं। उसमें तीन हजार से ज्यादा सीटें थीं और उसमें से छह सौ सीटें भाजपा को जीतना और उसमें भी दो सौ सीटें बेइमानी से जीतना। तो ये हार ही है भाजपा की। अपना बातचीत करें, अगर ये हमारी बात नहीं सुनेंगे तो हम हर जगह जाएंगे।”
टिकैत ने कहा, “यहां पर चर्चा हो रही है। संयुक्त मोर्चा का अगला मिशन यूपी-उत्तराखंड रहेगा। जाएंगे कौन-किसको रोक देगा। पंजाब-हरियाणा पूरे देश का किसान यहां आएगा। उससे पहले हम सरकार से कह रहे हैं कि आप हमारा काम कर दो। जो कानून है उन्हें वापस ले लो। 22 जनवरी के बाद से अब तक कोई ऑफर नहीं आया है।”
‘आंदोलन छोड़कर जाएंगे, तो दो तरह से मरेंगे’: जब भाकियू नेता से कोरोना के बीच किसानों को खतरे में डालने को लेकर सवाल पूछा, तो राकेश टिकैत ने कहा, “मौत तो होगी। आंदोलन लड़ लेंगे, तो फिर कोरोना से जंग रहेगी। उसमें सरकार भी लड़ रही और हम भी लड़ रहे। अगर यहां से चले गए तो सरकार भी मारेगी और गांव में कोरोना भी मारेगा। दो तरह से मरेंगे। कम से कम यहां एक तरह से तो मर जाएंगे। कोरोना से तो कुछ रहें।”
टिकैत ने कहा, “आंदोलन खत्म नहीं होगा, जब तक सरकार बातचीत नहीं करे। 26 तारीख को तो हमने ब्लैक डे घोषित कर दिया है। अपने घरों में काले झंडे लगाएंगे। वाहनों में काले झंडे लगाएंगे। सरकार का पुतला फूंकेंगे। 26 तारीख को मोर्चे को छह मरीने हो जाएंगे और सरकार के सात साल हो जाएंगे। ये सरकार फेलियर रही है हर मोर्चे पर।” भाकियू प्रवक्ता बोले- अब हालात यह हो गए हैं कि किसान अब घर नहीं जाएगा। जब तक सरकार बातचीत नहीं करेगी।