केंद्र की राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन सरकार जिस तरह से चलाई जा रही है, उस पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अंदर से ही विरोध के सुर उठने लगे हैं। मुंबई के भाजपा विधायक राज पुरोहित एक टीवी चैनल के गुरुवार को प्रसारित स्टिंग आॅपरेशन में कहते नजर आ रहे हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष दोनों ही सत्ता के केंद्र बन गए हैं और इस तरह के लोकतंत्र का कोई अर्थ नहीं है।

इस स्टिंग ऑपरेशन के सामने आने के बाद सूबे के भाजपा नेता मामले से निपटने की कोशिश में लग गए हैं। भाजपा का कहना है कि स्टिंग ऑपरेशन की फुटेज की सच्चाई की पड़ताल किए बिना कुछ नहीं कहा जा सकता। मुंबई भाजपा अध्यक्ष आशीष शेलार का कहना है कि वे इस वीडियो की जांच करवाएंगे, इसके बाद कोई टिप्पणी करेंगे। भाजपा अध्यक्ष राव साहेब दानवे ने कहा कि मामले की जांच की जाएगी और जरूरत पड़ी तो पुरोहित पर कार्रवाई की जाएगी।

स्टिंग ऑपरेशन में पुरोहित जो कुछ कह रहे हैं उससे उनकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं। इस बात की संभावना है कि पार्टी उन पर सख्त कार्रवाई करेगी। दूसरी ओर पुरोहित महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के गुस्से का शिकार भी बने क्योंकि स्टिंग ऑपरेशन में उन्होंने मनसे प्रमुख राज ठाकरे को बोगस नेता बताते हुए कहा है कि वे जन्म और कर्म दोनों से ही नेता नहीं हैं। वे जातीय नेता हैं इसलिए फेल हो गए हैं।

स्टिंग ऑपरेशन बताता है कि केंद्र की सरकार के कामकाज से असंतुष्टों की संख्या पार्टी में तेजी से बढ़ रही है। लेकिन लोग खुलकर बोलने से बचते हैं। पुरोहित इस स्टिंग ऑपरेशन में न सिर्फ मोदी और शाह के कामकाज पर खुलकर टिप्पणी करते नजर आते हैं, बल्कि केंद्र सरकार की आर्थिक नीतियों, सूबे के मुख्यमंत्री को लेकर बिल्डरों में नाराजगी, पार्टी को मिलनेवाले फंड आदि की भी आलोचना करते हैं। पुरोहित दो टूक कहते हैं कि सरकार से कारोबारी बुरी तरह से नाराज हैं।

इस स्टिंग ऑपरेशन में पुरोहित संघ और भाजपा विधायक व बिल्डर (मंगलप्रभात) लोढ़ा के संबंधों पर टिप्पणी करते हुए बता रहे हैं कि लोढ़ा के संपर्क भाजपा ही नहीं संघ तक हैं। वे सबसे बड़े बिल्डर हैं। पैसे के बल पर कुछ भी ‘मैनेज’ करने की ताकत उनमें है। चुनाव में उन्होंने अकूत पैसा खर्च किया है। उनके आगे मुख्यमंत्री भी कुछ नहीं कर सकते क्योंकि ऊपर से फैसला हो गया तो कोई कुछ नहीं कर सकता।

पुरोहित स्टिंग ऑपरेशन में अपने मंत्री बनने की महत्त्वाकांक्षा को संभावना भी नहीं छुपाते हैं। वे कहते हैं कि अगर उन्हें मंत्री नहीं बनाया गया तो कहीं ना कहीं से कोई अड़ंगा लगा होगा।

वीडियो में पुरोहित कहते हैं, ‘देश में मोदी और शाह सत्ता के केंद्र बन गए हैं। इसमें कुछ भी गलत नहीं है। आज के लोकतंत्र का कोई अर्थ नहीं है। पार्टियों में सामूहिक नेतृत्व नहीं बचा। यह खतरे की घंटी है। जो सामूहिक नेतृत्व का दावा करता है, सभी को साथ लेने की बात करता है, वह वैसा करता नहीं है। यह कैसा चरित्र है? नरेंद्र भाई अच्छा काम कर रहे हैं। उन्हें गलतियां टालनी चाहिए। कुछ फैसलों से कई समाज पार्टी से दूर जा रहे हैं। व्यापारियों को ही ले लो। वे भाजपा के कट्टर समर्थक हैं। कांग्रेस की गलत नीतियों से वे दुखी थे। उन्हें भाजपा से खूब उम्मीदें थीं। लेकिन तुमने क्या कानून बनाया? एक लाख से ज्यादा कीमत के आभूषण खरीदोगे तो पैनकार्ड देना पड़ेगा। देश की आधी अर्थव्यवस्था तो काले पैसे पर चल रही है। ऐसे में पैनकार्ड की शर्त रखोगे तो कारोबारियों का धंधा बैठेगा या नहीं? रोज 75 हजार के बिल बनाने से सिरदर्द बढ़ेगा कि नहीं? कुल मिलाकर अपना सबसे बड़ा समर्थक वर्ग दुखी है। मेरी सरकार कहां है? उसका ऐसा पूछना स्वाभाविक है’। पुरोहित कहते हैं कि वे देश के चोटी के कारोबारियों के साथ बैठते हैं और वे कहते हैं कि यह क्या चल रहा है?

वहीं पुरोहित की टिप्पणी के खिलाफ शुक्रवार को मनसे कार्यकर्ताओं ने पुरोहित के कालबादेवी स्थित जनसंपर्क कार्यालय के बाहर जमकर हंगामा किया। कार्यकर्ताओं ने वहां तोड़फोड़ और नारेबाजी करने के साथ ही राज पुरोहित के पोस्टर पर कालिख लगाई। पुरोहित के कार्यालय पर सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस तैनात कर दी गई है।