किसान आंदोलन को लेकर देश में चल रहा आंदोलन और उस पर अंतरराष्ट्रीय पॉप सिंगर रिहाना और स्वीडन की बाल पर्यावरणविद ग्रेटा थनबर्ग समेत कुछ अन्य लोगों के ट्वीट ने घमासान मचा दिया है। कोई इसको अंतरराष्ट्रीय साजिश बता रहा है तो कोई कह रहा है कि यह पैसे लेकर देश को बदनाम करने का षडयंत्र है। कुछ अन्य लोग उनको मानवाधिकार के नाम पर अपनी बातें रखने का अधिकार होने की बात कहकर उनका समर्थन कर रहे हैं।
टीवी चैनल रिपब्लिक भारत के ‘पूछता है भारत’ कार्यक्रम में एंकर ऐश्वर्य कपूर के साथ डिबेट में भाजपा के प्रवक्ता संबित पात्रा ने अकाली दल नेता मनजिंदर सिंह सिरसा से पूछा कि ये रिहाना कहां की किसान है। उन्होंने अपनी बात बताते हुए टूलकिट भी दिखाया और कहा कि यह सब एक साजिश के तहत पैसों का कारोबार है। पैसा लेकर ट्वीट किया जा रहा है।
अकाली दल नेता मनजिंदर सिंह सिरसा से पूछते हुए भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा, “बताइए ये रिहाना कहां किसानी करती है, ये ग्रेटा कहां किसानी करती हैं। कहां की किसान हैं। हम तो इस षडयंत्र की बात कर रहे हैं, कौन किसानों को षडयंत्रकारी कह रहा है। कौन कह रहा है कि किसान एंटी नेशनल हैं। हम कह रहे हैं रिहाना ने जो ट्वीट किया, ग्रेटा ने जो ट्वीट किया, मियां खलीफा ने जो ट्वीट किया, उन्होंने षडयंत्र के अंतर्गत टूल किट का इस्तेमाल कर ट्वीट किया।”
रिहाना और ग्रेटा कहां की किसान है?: भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने अकाली दल नेता मनजिंदर सिंह सिरसा से पूछा
देखिए 'पूछता है भारत' ऐश्वर्य के साथ रिपब्लिक पर #LIVE : https://t.co/G945HvzM0Z pic.twitter.com/8Ya33FZxKo
— Republic Bharat – रिपब्लिक भारत (@Republic_Bharat) February 4, 2021
उन्होंने पूछा, “ये रिहाना क्या किसान हैं, ये मियां खलीफा क्या हल चलाती हैं। बताइए, ये कोई किसान-विसान नहीं हैं। ये सब पैसा लेकर काम करती हैं। ये बिना पैसा लिए अपनी मम्मी से नहीं मिलेगी। अरे मैं बताता हूं। ये मियां खलीफा बिना पैसा लिए अपनी मम्मी से नहीं मिलेगी, ये रिहाना बिना पैसा लिए अपने पापा से नहीं मिलेगी।”
कहा कि, “आप बोल रहे हैं कि ये सब बिना पैसा लिए ट्वीट कर रहे हैं। ये सब पैसा का कारोबार है और ये षडयंत्र है। यहां मैं टूलकिट लेकर बैठा हूं। टूलकिट में लिखा है कि भारत का जो डेमोक्रेसी है वह समाप्त हो गया है। कानून संसद में बना और सुप्रीम कोर्ट ने उस पर एक कमेटी बनाई है। क्या यह लोकतंत्र नहीं है”