कोरोना वायरस से बचने के लिए भारत में बनाई गई वैक्सीन को लेकर राजनीतिक हलकों में विरोधी दलों का विरोध जारी है। टीवी डिबेट में इसको लेकर खूब बहस हो रही है। आज तक न्यूज चैनल पर बुधवार को डिबेट में समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव के टीके न लगवाने के मुद्दे पर चर्चा करते हुए एंकर अंजना ओम कश्यप ने सवाल उठाया कि क्या वैक्सीन भाजपा का है?

इस सवाल पर समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता राजीव राय ने कहा कि अखिलेश यादव की बात को ठीक से समझिए। कहा कि “हमें ऐसे लोगों से ज्ञान नहीं चाहिए जो राडार से बादलों को छिपा देते हैं, नाली से गैस निकाल देते हैं और बतख से आक्सीजन निकाल देते हैं और सीता माता को टेस्ट ट्यूब बेबी बता देते हैं। ऐसे लोगों से हमें ज्ञान नहीं लेना है। आपने अखिलेश यादव ने इसको क्लेरिफाइ कर दिया था। उनका बयान सुना होता तो पता चलता। यह बात कहां से शुरू हुई थी। मोदी जी को वैक्सीन गुरु, योगी जी ने कहा कि विदेश के वैज्ञानिकों ने एक वैक्सीन बनाया, हमने दो बना दिया। सवाल सीधा है कि अखिलेश जी का उत्तर प्रदेश के हेल्थ सिस्टम पर एक व्यंग्यात्मक (सारकास्टिस) स्टेटमेंट था। कहा कि जहां कहा जा रहा है कि योगी जी का वैक्सीन, मोदी जी का वैक्सीन, जहां आरटीपीसीआर में घोटाला, दवाइयों में घोटाला है, ऐसे वैज्ञानिकों की वैक्सीन हमें नहीं चाहिए, जिन पर पूरी दुनिया हंस रही है।”

उनके इस बयान पर बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने कड़ी आपत्ति की। कहा कि “आप कह रहे हैं कि भारतीय वैज्ञानिकों पर दुनिया हंस रही है। शर्म करिए। हमें अपने वैज्ञानिकों पर नाज है। हम उनको सलाम करते हैं।” कहा कि “अगर आपको नहीं चाहिए वैक्सीन तो टोटी से वैक्सीन लीजिए, पत्ते पहन कर गुफाओं में रहिए।” इस पर सपा प्रवक्ता ने कहा कि “गांजा पीकर मत बोलो।”

हाल ही में भारत में बने वैक्सीन को स्वीकृति मिलने के बाद समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा था, “मैं तो नहीं लगवाऊंगा अभी टीका, मैंने अपनी बात कह दी। वह भी भाजपा लगाएगी, उसका भरोसा करूं मैं। अरे जाओ भई, अपनी सरकार आएगी तो सबको फ्री वैक्सीन लगेगी। हम भाजपा का टीका नहीं लगवा सकते।” हालांकि इसके जवाब में भाजपा संगठन और सरकार ने तीखी प्रतिक्रिया व्‍यक्‍त करते हुए अखिलेश के बयान को देश के वैज्ञानिकों और डॉक्टरों का अपमान बताया था।

अखिलेश यादव ने रविवार सुबह भी ट्वीट किया। अखिलेश ने लिखा, “कोरोना का टीकाकरण एक संवेदनशील प्रक्रिया है इसीलिए भाजपा सरकार इसे कोई सजावटी-दिखावटी इवेंट न समझे और पुख्‍ता इंतजामों के बाद ही इसे शुरू करे। ये लोगों के जीवन से जुड़ा विषय है। अत: इसमें बाद में सुधार का खतरा नहीं उठाया जा सकता है। गरीबों के टीकाकरण की निश्चित तारीख घोषित हो।”

इस बीच अभी हाल ही में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि मकर संक्रांति तक कोरोना वैक्सीन आ जाएगी। उन्होंने कहा था कि कोरोना वैक्‍सीन का ड्राय रन चल रहा है। मकर संक्रांति पर देश और प्रदेश की जनता के लिए कोरोना वैक्सीन लाकर इस महामारी को परास्‍त करने में सफल होंगे। उन्होंने कहा था कि पिछले 10 महीने से कोरोना से हर व्यक्ति त्रस्त है। अमेरिका और ब्रिटेन की स्थिति आज काफी खराब है, लेकिन मोदीजी के मार्गदर्शन में कोरोना के खिलाफ मार्च 2020 में शुरू किए गए अभियान का प्रदेश में ड्राय रन हो रहा है।