Nitin Nabin BJP’s Working President: बीजेपी के संसदीय बोर्ड ने 14 दिसंबर को बिहार के कैबिनेट मंत्री और नितिन नबीन को पार्टी का राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त कर दिया। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा को लेकर कहा गया है कि वे बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने रहेंगे लेकिन पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि जनवरी में नबीन को उनका उत्तराधिकारी चुना जा सकता है।
नितिन नबीन को कार्यकारी अध्यक्ष के बाद अगर जेपी नड्डा के उत्तराधिकारी के तौर पर चुना जाता है तो ये पार्टी नेतृत्व में एक पीढ़ीगत बदलाव का संकेत होगा। इस निर्णय को बीजेपी की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में मंजूरी देनी होगी।
यह भी पढ़ें: कौन हैं नितिन नबीन, जिन्हें बीजेपी ने बनाया राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष
45 साल के नितिन नबीन को अहम जिम्मेदारी
खास बात यह है कि नितिन नबीन कार्यकारी अध्यक्ष पद संभालने वाले सबसे युवा नेता हैं। यदि वे राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाते हैं, तो वे 45 साल की उम्र वाले बीजेपी के सबसे युवा चीफ होंगे, और बीजेपी के बिहार से आने वाले पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष होंगे। वे अगले साल पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल और असम में होने वाले महत्वपूर्ण विधानसभा चुनावों के मद्देनजर पार्टी का नेतृत्व करेंगे।
जेपी नड्डा भी पहले बने थे कार्यकारी अध्यक्ष
जेपी नड्डा को भी 2019 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी की सत्ता में वापसी और अमित शाह के केंद्रीय गृह मंत्री बनने के बाद कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। नड्डा ने 2020 की शुरुआत में पार्टी अध्यक्ष का पदभार संभाला था, उनका कार्यकाल जनवरी 2023 तक था, लेकिन इसे 2024 के लोकसभा चुनावों तक बढ़ा दिया गया था।
यह भी पढ़ें: बीजेपी का कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद नितिन नबीन का पहला रिएक्शन
नितिन नबीन को लेकर पीएम मोदी ने किया ट्वीट
नितिन नबीन के कार्यकारी अध्यक्ष बनने को लेकर पीएम मोदी ने एक्स पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा, “नितिन नबीन जी ने एक कर्मठ कार्यकर्ता के रूप में अपनी पहचान बनाई है। वे एक युवा और कर्मठ नेता हैं, जिनके पास समृद्ध संगठनात्मक अनुभव है और बिहार में कई बार विधायक और मंत्री के रूप में उनका प्रभावशाली रिकॉर्ड रहा है। उन्होंने जनता की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए लगन से काम किया है। वे अपने विनम्र स्वभाव और व्यावहारिक कार्यशैली के लिए जाने जाते हैं। मुझे विश्वास है कि उनकी ऊर्जा और समर्पण आने वाले समय में हमारी पार्टी को मजबूत करेंगे। भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बनने पर उन्हें बधाई।”
संगठनात्मक कौशल के लिए जाने जाते हैं नितिन नबीन
बिहार के ही दिवंगत विधायक नवीन किशोर सिन्हा के बेटे नितिन नबीन कायस्थ समुदाय से आते हैं और पार्टी में अपने संगठनात्मक कौशल के लिए जाने जाते हैं। नाम न छापने की शर्त पर एक केंद्रीय मंत्री ने कहा कि एक तटस्थ जाति से संबंध रखने वाले नितिन नवीन स्वाभाविक रूप से बीजेपी के नेता हैं, जिनका परिवार पारंपरिक रूप से पार्टी से जुड़ा रहा है। वे युवा हैं और एक उत्कृष्ट प्रशासक और संगठनात्मक क्षमता के धनी हैं, जिनका जमीनी स्तर पर गहरा जुड़ाव है। इससे पता चलता है कि भाजपा संगठन में पीढ़ीगत बदलाव के लिए तैयार है।
यह भी पढ़ें: ‘युवा और कर्मठ नेता हैं…’, नितिन नबीन के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बनने पर पीएम मोदी का पहला रिएक्शन
नितिन नवीन को लेकर बीजेपी नेताओं ने कहा कि नितिन नबीन 2010 से बांकीपुर से विधायक हैं और 2021 में पहली बार मंत्रिमंडल मंत्री बने थे। वे प्रधानमंत्री और शाह दोनों के विश्वास का पात्र हैं। एक नेता ने बताया कि आरएसएस भी पार्टी द्वारा एक युवा नेता को आगे बढ़ाने के लिए उत्सुक था और नवीन संघ के लिए एक उपयुक्त विकल्प होंगे।
संजय जायसवाल ने बताया बिहार के लिए गर्व का क्षण
बीजेपी के लोकसभा मुख्य सचेतक संजय जायसवाल ने कहा कि नितिन नबीन के पास संगठनात्मक और मंत्री पद के अनुभव का सही मिश्रण है। यह बिहार के लिए बेहद गर्व का क्षण है। वे युवा, ऊर्जावान और पांच बार के विधायक हैं। उन्हें संगठन का अच्छा अनुभव है, उन्होंने छत्तीसगढ़ में पार्टी को शानदार जीत दिलाने में मदद की और वे बिहार में मंत्री हैं। संगठन और सरकार दोनों में उनका अच्छा रिकॉर्ड है। उन्होंने इस बार बिहार में चुनाव प्रचार और चुनाव प्रबंधन का बेहतरीन काम किया।
बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पटना साहिब से लोकसभा सांसद रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि एक अनुभवी कार्यकर्ता को (कार्यकारी) अध्यक्ष नियुक्त करना नेतृत्व की एक साहसिक पहल है। प्रसाद ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि यह पार्टी में पीढ़ीगत बदलाव और एक साधारण कार्यकर्ता के शीर्ष तक पहुंचने की क्षमता की सराहना को दर्शाता है। वे एक मिलनसार नेता भी हैं।
यह भी पढ़ें: कांग्रेस को साथियों पर भरोसा नहीं? ‘वोट चोर गद्दी छोड़ रैली’ में इंडिया गठबंधन की पार्टियों को क्यों नहीं बुलाया
आम कार्यकर्ताओं के बीच लोकप्रिय
नितिन नबीन के ही एक करीबी एक नेता ने कहा कि शायद उन्हें अन्य अनुभवी और युवा नेताओं के मुकाबले इसलिए चुना गया क्योंकि वे आम कार्यकर्ताओं के बीच आसानी से उपलब्ध हैं। लेकिन यह निश्चित रूप से उनके लिए हर मायने में एक बड़ी छलांग है। नितिन नबीन ने कॉलेज में पढ़ाई के दौरान संघ के छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत की। जब वे 25 वर्ष के थे, तब उनके पिता, जिन्होंने 1995 से लगातार चार बार पटना पश्चिम विधानसभा सीट जीती थी, का अचानक निधन हो गया।
यह भी पढ़ें: इस मशहूर तेल ब्रांड के मालिक हैं पंकज चौधरी, कितनी है यूपी बीजेपी अध्यक्ष की नेट वर्थ?
पार्टी के एक नेता के अनुसार नवीन ने अपने पिता की मृत्यु के बाद बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से पढ़ाई छोड़ दी थी। उन्होंने उपचुनाव में पटना पश्चिम सीट जीती। 2008 में परिसीमन के बाद, वे बांकीपुर चले गए और 2010 से इस सीट पर काबिज हैं। सूत्रों के अनुसार उनकी कुशल संगठनात्मक क्षमता शुरू से ही स्पष्ट थी। एक नेता ने बताया कि जब वे युवा मोर्चा के राष्ट्रीय महासचिव थे, तब उन्होंने अरुणाचल प्रदेश और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों में यात्रा का आयोजन किया था। सिक्किम एक ऐसा राज्य है जहां पार्टी की उपस्थिति न के बराबर थी, लेकिन उन्होंने हमें वहां पहचान दिलाई और भाजपा ने वहां चुनाव जीतना शुरू कर दिया।
नितिन नबीन बिहार सरकार में सड़क निर्माण और शहरी विकास एवं आवास मंत्री हैं और इससे पहले वे विधि एवं न्याय मंत्रालय भी संभाल चुके हैं। उन्हें बधाई देते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि यह खुशी की बात है कि बिहार के एक निवासी को भाजपा का राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।
यह भी पढ़ें: कौन हैं केरल की पहली महिला IPS अधिकारी आर श्रीलेखा जिन्हें बीजेपी बना सकती है मेयर?
