कांग्रेस सहित कई पार्टियों के नेता सावरकर के ऊपर सवाल खड़ा करते रहते हैं। सावरकर के ऊपर प्रश्नचिन्ह खड़ा करने वाले कांग्रेस नेताओं पर निशाना साधते हुए भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने कई साल पहले लिखा गया एक पुराना दस्तावेज साझा किया है। सालों पुराना दस्तावेज साझा करते हुए उन्होंने पूछा है कि वीर सावरकर को इंदिरा गांधी द्वारा दिए गए इस समर्थन पर कांग्रेस क्या कहेगी?
भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने साल 1980 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा लिखी गई एक चिट्ठी को अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर किया। यह चिट्ठी इंदिरा गांधी ने स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक के तत्कालीन सचिव पंडित बाखले को 20 मई 1980 को लिखी थी। जिसमें सावरकर की जन्म शताब्दी मनाने का भी जिक्र किया गया था।
पंडित बाखले को लिखे पत्र में इंदिरा गांधी ने लिखा था कि मुझे आपका 8 मई 1980 का पत्र मिला है। हमारे स्वतंत्रता आंदोलन के इतिहास में वीर सावरकर के द्वारा ब्रिटिश शासन की अवज्ञा किए जाने का अपना महत्व है। मैं भारत के इस सपूत की जन्मशती मनाने की योजना की सफलता की कामना करती हूं। इंदिरा गांधी के द्वारा लिखी गई चिट्ठी को शेयर करते हुए सुब्रमण्यम स्वामी ने पूछा कि इंदिरा गांधी द्वारा वीर सावरकर के इस समर्थन पर कांग्रेस क्या कहेगी?
बता दें कि कांग्रेस पार्टी के नेता आए दिन सावरकर को लेकर बयान देते रहते हैं और उनपर अंग्रेजों से माफ़ी मांगने का आरोप लगाते रहते हैं। साल 2019 में दिल्ली के रामलीला मैदान में आयोजित कार्यक्रम में राहुल गांधी ने वीर सावरकर का जिक्र करते हुए उनपर सवाल खड़ा किया था। राहुल गांधी ने अपने एक बयान को लेकर माफ़ी मांगने पर कहा था कि उनका नाम राहुल सावरकर नहीं बल्कि राहुल गांधी है। मैं मर जाऊंगा लेकिन सच के लिए माफी नहीं मांगूंगा।
गौरतलब है कि पिछले दिनों केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा दिए गए एक बयान के बाद से ही सावरकर एक बार फिर से चर्चा में हैं। पिछले दिनों राजनाथ सिंह ने कहा था कि सावरकर के खिलाफ झूठ फैलाया गया कि उन्होंने अंग्रेजों के सामने माफीनामा दिया। लेकिन सच्चाई ये है कि उन्हें महात्मा गांधी ने कहा था कि दया याचिका दायर कीजिए। महात्मा गांधी के कहने पर उन्होंने याचिका दी थी। महात्मा गांधी ने अपनी ओर से ये अपील की थी कि सावरकर जी को रिहा किया जाना चाहिए। उनके इस बयान पर कांग्रेस सहित कई दलों ने पलटवार किया था।